Gail India किसानों के लिए बन गई मुसीबत, फसलें खराब और मुआवजा नहीं, मुआवजे की मांग लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे

Gail India किसानों के लिए बन गई मुसीबत, फसलें खराब और मुआवजा नहीं, मुआवजे की मांग लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे
Gail India किसानों के लिए बन गई मुसीबत, फसलें खराब और मुआवजा नहीं, मुआवजे की मांग लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे

रायपुर/बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़): गेल इंडिया (Gail India) द्वारा खेतों में पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया ने बलौदा बाजार के किसानों के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। यह परियोजना, जो कि ओडिशा से लेकर मुंबई तक गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है, किसानों के लिए सिरदर्द बन चुकी है। Gail India पाइपलाइन बिछाने के दौरान किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, और इसके बदले उन्हें मुआवजा भी नहीं मिल रहा है, जिससे उनका गुस्सा और असंतोष बढ़ता जा रहा है।

Gail India किसानों के लिए बन गई मुसीबत, फसलें खराब और मुआवजा नहीं

किसानों का आरोप है कि Gail India कंपनी द्वारा पाइपलाइन बिछाने के लिए की जा रही खुदाई के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। पहले गेहूं की फसल प्रभावित हुई, उसके बाद धान की फसल खराब हो गई, और अब कंपनी की ओर से सब्जी की फसल को भी नष्ट किए जाने की आशंका है।

किसानों का कहना है कि उन्हें पहले ही इस परियोजना के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई और न ही किसी प्रकार के मुआवजे का वादा किया गया।

मुआवजे की मांग लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचे

गेल इंडिया (Gail India) द्वारा बलौदा बाजार के विभिन्न हिस्सों में गैस पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन इस परियोजना ने किसानों के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस परियोजना के चलते किसान मुआवजा न मिलने और उनकी ज़मीन पर बिना उनकी अनुमति के काम शुरू किए जाने को लेकर नाराज हैं। प्रशासन की निष्क्रियता और कंपनी द्वारा दबाव डालने की वजह से किसान अब विरोध में आवाज उठा रहे हैं। कई किसानों ने तो हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी है, जबकि कुछ किसानों ने कलेक्टर जनदर्शन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

फसलें हो रही हैं बर्बाद

किसानों का आरोप है कि Gail India कंपनी द्वारा पाइपलाइन बिछाने के लिए की जा रही खुदाई के कारण उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। पहले गेहूं की फसल प्रभावित हुई, उसके बाद धान की फसल खराब हो गई, और अब Gail India कंपनी की ओर से सब्जी की फसल को भी नष्ट किए जाने की आशंका है।

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किसानों का कहना है कि उन्हें पहले ही इस परियोजना के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई और न ही किसी प्रकार के मुआवजे का वादा किया गया।

Gail India की परियोजना और किसानों की परेशानी

गेल इंडिया (Gail India) की ओर से ओडिशा से मुंबई तक गैस पाइपलाइन बिछाने की परियोजना चल रही है, जिसमें हर 20 किलोमीटर पर एक एचबी स्टेशन स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत घरेलू गैस आपूर्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाई जा रही है। हालांकि, इस परियोजना के तहत बलौदा बाजार के किसानों को अपनी ज़मीन पर पाइपलाइन बिछाने को लेकर गंभीर आपत्ति है, क्योंकि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और उनकी फसलें भी प्रभावित हो रही हैं।

किसानों की आपत्ति और मुआवजे की मांग

किसानों का आरोप है कि उनके खेतों से बिना मुआवजे के Gail India गैस पाइपलाइन का कार्य किया जा रहा है। पहले गेहूं और फिर धान की फसलें प्रभावित हुईं, और अब Gail India कंपनी द्वारा सब्जी की फसल को भी नष्ट किया जा रहा है।

किसानों का कहना है कि Gail India गैस पाइपलाइन के लिए बिछाई जा रही खुदाई के बाद उनकी ज़मीन के दोनों किनारों पर 20-20 मीटर की ज़मीन कब्जे में ली जा रही है, जिससे भविष्य में वे किसी प्रकार का निर्माण नहीं कर सकते और न ही बोरवेल खुदवा सकते हैं।

इसके साथ ही, किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि Gail India कंपनी की ओर से इस परियोजना के बारे में उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। पहले गुपचुप तरीके से सर्वे किए गए और अब बिना मुआवजे के काम शुरू कर दिया गया है। इससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि प्रशासन और कंपनी मिलकर उनके हितों की अनदेखी कर रहे हैं।

एसडीएम नितिन तिवारी का बयान: Gail India की गैस पाइपलाइन परियोजना में किसानों के भ्रम को लेकर किया स्पष्टिकरण

इस मामले में जब एसडीएम भाटापारा, नितिन तिवारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि यह Gail India गैस पाइपलाइन कार्य पूरे राज्य में चल रहा है और यह परियोजना प्राकृतिक गैस आपूर्ति के लिए है। उनका कहना था कि फिलहाल भाटापारा के छह गांवों में पाइपलाइन का कार्य चल रहा है, और यह काम केवल गैस आपूर्ति के लिए होगा, जिसमें 20 मीटर की ज़मीन का कोई निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा।

एसडीएम ने यह भी कहा कि किसानों में जो भ्रम की स्थिति है, वह इस कारण उत्पन्न हो रही है क्योंकि Gail India पाइपलाइन के दोनों किनारों पर 20 मीटर की ज़मीन ली जा रही है, लेकिन इसका उपयोग केवल पाइपलाइन के रखरखाव के लिए किया जाएगा।

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गेल इंडिया के इंचार्ज बाल चंद्रा का बयान

गेल इंडिया (Gail India) के इंचार्ज, बाल चंद्रा से इस विवाद पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि पाइपलाइन बिछाने का काम पूरी तरह से सरकारी प्रावधानों के तहत किया जा रहा है। इसके बाद भू-स्वामियों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसानों से किसी भी प्रकार की शिकायत का कोई जानकारी नहीं है और वे इस मामले पर कोई बयान देने में सक्षम नहीं हैं।

किसानों की स्थिति और उनकी शिकायतें

किसान अपने फसल के नुकसान और ज़मीन पर कब्जे के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन और कंपनी दोनों उनके हितों की अनदेखी कर रहे हैं और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं।

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किसान यह चाहते हैं कि Gail India कंपनी पाइपलाइन बिछाने से पहले उनकी ज़मीन का उचित मूल्यांकन किया जाए और उन्हें फसल के नुकसान के लिए उचित मुआवजा दिया जाए। किसान यह भी चाहते हैं कि प्रशासन और कंपनी उनकी समस्याओं का समाधान करें और उनके साथ संवाद स्थापित करें।

किसानों ने लिया कानूनी रास्ता: हाईकोर्ट और कलेक्टर जनदर्शन में दी याचिका, मुआवजे की मांग

किसानों ने इस मुद्दे को लेकर कानूनी रास्ता भी अपनाया है। कुछ किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है, जबकि अन्य ने कलेक्टर जनदर्शन में प्रशासन से न्याय की मांग की है। किसानों को उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही उचित मुआवजा मिलेगा और उनका नुकसान पूरी तरह से कवर किया जाएगा।

गेल इंडिया (Gail India) की गैस पाइपलाइन परियोजना सरकार के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो गांव-गांव तक गैस आपूर्ति पहुंचाने का लक्ष्य रखती है। लेकिन इस परियोजना का सीधा असर बलौदा बाजार के किसानों पर पड़ रहा है, जो मुआवजे की मांग कर रहे हैं और पाइपलाइन बिछाने के काम के दौरान अपनी फसलों के नुकसान को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन और कंपनी की ओर से इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। यह मामला प्रशासन और कंपनी के लिए एक चुनौती बन चुका है, और अब किसानों की उम्मीदें कानूनी तरीके से न्याय पाने पर टिकी हुई हैं।

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