न्याय का गोहार लगते बदल गए चार कलेक्टर और सात तहसीलदार, आखिर कब तक प्रकरण का निराकरण करेगी प्रशासन
10 मार्च तक आवेदन का निराकरण नहीं होने पर तार घेरा
सातवीं बार कलेक्टरेट के जनदर्शन में लगा आवेदन
लगभग सात तहसीलदार और चार कलेक्टर बदल गए
सरपंच, पटवारी, राजस्व अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप
आखिर कब तक प्रकरण का निराकरण करेगी प्रशासन
क्षेत्रीय राजस्व मंत्री होने के बावजूद जिले में यह आलम
Baloda Bazar News: बलौदाबाजार भाटापारा जिले में राजस्व के शिकायत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक के बाद एक शिकायत आते जाते रहता है. और आज इसी तारतम्य में लगभग सातवीं बार कलेक्टर के जनदर्शन में छक्कन दास मन्हरे निवासी ग्राम तुरमा के अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने आज कलेक्टर से आवेदन करते हुए अपने राजस्व के मामले के दुरुस्ती एवं सरपंच पटवारी एवं राजस्व अधिकारी पर रिकॉर्ड को छेड़छाड़ एवं जालसाजी जैसे काम करने तथा गलत पंचनामा तैयार करके आवेदन को खारिज करने जैसे कार्य किया, जिसके विरुद्ध में कार्यवाही हेतु आवेदन दिए जिसमें छक्कन दास मन्हरे ने बताया कि वहां तुरमा के मूल निवासी है. और उनका खसरा नंबर में छेड़छाड़ हुआ है.
आज इसी वजह से वह लगभग 2017 से आज दिनांक तक तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, थाना, एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय यहां तक की मंत्री और मुख्यमंत्री तक भी आवेदन चला गया है, और राज्यपाल तक में आवेदन जाने के बाद भी आज दिनांक तक प्रशासन की कार्यवाही संपूर्णता संतुष्टि पूर्ण नजर नहीं आ रही है, छक्कन दास मन्हरे के आवेदन की बात करें तो उनका मामला कई तरह का है जिसमें रिकार्ड दुरूस्ती, सीलिंग जमीन, पट्टा बनना, गांव के खसरे पर छेड़छाड़ तथा सरपंच के अतिक्रमण के मामले को लेकर भी है और मुद्दे कई तरह के हैं, इस हेतु प्रकरण का निराकरण उस तरह से नहीं हो पाया जिस तरह से होना चाहिए.
अतः छक्कन दास मन्हरे ने जिला स्तरीय टीम की जांच करने हेतु कलेक्टर से मांग की है क्योंकि लगातार 2017 से लेकर आज दिनांक तक भाटापारा तहसील से जांच की जाती है मगर तत्कालीन रहे पटवारी अयुब खान और अभी वर्तमान में राधेश्याम बर्मन मगर उनके द्वारा ही यह रिकॉर्ड दुरुस्ती में छेड़छाड़ जैसे कार्यों को किया गया है और उनका खसरे में छेड़छाड़ के वजह से ही जो वसीयतनामा के आधार पर जो जमीन उनके रिकॉर्ड पर चढ़ी हुई थी. आज वह मध्य प्रदेश शासन अर्थात घास जमीन में तब्दील हो गया है, जिससे वह आज आर्थिक तंगी से भी गुजर रहे क्योंकि लगातार तहसील से लेकर कलेक्टर और मंत्री राज्यपाल तक चक्कर काटते काटते थक चुके हैं. और आज आलम यह है कि उन्होंने आवेदन देते हुए कहा कि अगर 10 मार्च तक उनके आवेदन का निराकरण नहीं किया गया तो वह तार घेरा कर देंगे अब देखने वाली बात यहां होगी की खबर की लगने के बाद व आवेदन के आधार पर प्रशासन मामले को किस तरह से संज्ञान में लेते हैं खबर अभी बाकी है वह अगले अंग में प्रशासन की जाएगी. यह खबर हमारे संवाददाता राघवेंद्र ने लिखी हैं.