छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबर का असर: किसानों को मिली राहत
छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबरों ने किसानों के लिए राहत का काम किया है, जिनकी समस्याओं को प्रशासन ने अब गंभीरता से लिया है। दो प्रमुख मुद्दों पर छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने आवाज उठाई थी, जिनके बाद प्रशासन और राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है।
खबर का असर: बारदाने की कमी को दूर करने के लिए राइस मिलों पर कार्रवाई
बलौदा बाजार में धान खरीदी के दौरान बारदाने की कमी किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई थी। यह समस्या तब और बढ़ गई जब कई किसान अपनी फसल को समय पर बेचने में असमर्थ थे, क्योंकि बारदाने की उपलब्धता कम थी। इस समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने प्रमुख खबर प्रकाशित की, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। कलेक्टर दीपक सोनी ने मामले का संज्ञान लेते हुए राइस मिलों पर छापा मारा।
कलेक्टर की इस कार्रवाई के बाद यह सुनिश्चित किया गया कि धान खरीदी केंद्रों को बारदाने की पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी, जिससे किसानों को राहत मिली और धान खरीदारी में कोई और परेशानी नहीं आएगी।
धान खरीदी में ऑनलाइन टोकन लेने में तकनीकी खामियां, सर्वर डाउन और सीमित सीमा से किसान परेशान
दूसरा खबर का असर: धान खरीदी में ऑनलाइन टोकन लेने में तकनीकी खामियां
धान खरीदी के लिए ऑनलाइन टोकन लेने की प्रक्रिया में किसानों को कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सर्वर डाउन होने और सीमित टोकन मिलने की वजह से किसानों में परेशानी थी। छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और इसे एक गंभीर समस्या के रूप में सामने रखा।
इसके बाद राज्य सरकार ने इस तकनीकी खामी पर ध्यान दिया और व्यवस्था में सुधार करने के लिए कदम उठाए। किसानों को अब सुनिश्चित किया गया कि उन्हें ऑनलाइन टोकन लेने में कोई समस्या नहीं आएगी और इस प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया जाएगा।
- अब किसान मंडी से भी कटवा पाएंगे अपना टोकन
- टोकन तुंहर हाथ ऐप से किसान खुद काट पाएंगे टोकन
- नजदीकी च्वाईस सेंटर से भी कटा पाएंगे टोकन
- किसानों का 40% टोकन काट पाएंगे मंडी प्रबंधन
छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबरों का असर अब दिखने लगा है। एक ओर जहां किसानों को बारदाने की कमी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इससे यह साबित होता है कि मीडिया की भूमिका सिर्फ खबर देने तक सीमित नहीं होती, बल्कि वह प्रशासन को समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रेरित भी कर सकती है।
Chhattisgarh Talk की खबर का असर, निर्वाचन कर्मियों की सूची होगी संशोधित?