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Exclusive News:  भूपेश सरकार का एक आदेश युवाओं के भविष्य पर पड़ रहा भारी, एक ऐसे प्रमाण पत्र की मांग, जिसकी नहीं हुआ कोई एग्जाम

Exclusive News:  भूपेश सरकार का एक आदेश युवाओं के भविष्य पर पड़ रहा भारी, एक ऐसे प्रमाण पत्र की मांग, जिसकी नहीं हुआ कोई एग्जाम
Exclusive News:  भूपेश सरकार का एक आदेश युवाओं के भविष्य पर पड़ रहा भारी, एक ऐसे प्रमाण पत्र की मांग, जिसकी नहीं हुआ कोई एग्जाम

Exclusive News:  भूपेश सरकार का एक आदेश युवाओं के भविष्य पर पड़ रहा भारी, एक ऐसे प्रमाण पत्र की मांग, जिसकी नहीं हुआ कोई एग्जाम

आर्ची जैन/ रायपुर न्यूज़: पिछले करीब दो वर्ष पहले भूपेश सरकार में जारी हुआ एक आदेश वर्ग-3 की नौकरी की चाह रखने वाले राज्य के 18 लाख से अधिक युवाओं के लिए गले की फांस बना हुआ है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में ग्यारह साल पहले बदल दिया गया नियम फिर से लागू हो गया। अब हालत ये हैं कि पिछले दो वर्षों में हजारों नौकरियों के विज्ञापन तो निकले लेकिन एक भी उम्मीदवार नये निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहा हैं।

Exclusive News: सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा भरे जाने वाला पद क्लर्क का होता है। इनमें डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनोटाइपिस्ट और सहायक ग्रेड-तीन के पद शामिल होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बारह लाख से अधिक उम्मीदवार इन्हीं पदों के लिए तैयारी कर रहे हैं, लेकिन तीन फरवरी 2022 को जारी हुए एक सरकारी आदेश ने इन युवाओं की मुसीबतें इस कदर बढ़ा दी कि बड़ी डिग्री और तकनीकि योग्यता हासिल करने के बाद भी क्लर्क बनना इनके लिए बहुत कठिन हो गया है। टाइपराइटर के युग की समाप्ति के बाद वर्ष 2013 में सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए इस तरह के पदों के लिए टाइपिंग टेस्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी थी और शैषणिक योग्यता में कंप्यूटर से सम्बंधित डिग्रियों को शामिल किया था। लेकिन तीन फरवरी 2022 को सरकार ने पुराने आदेश में बदलाव करते हुए 2013 से पहले की व्यस्था यानि टाइपिंग टेस्ट जरुरी कर दिया। इसके लिए सरकार ने पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन कंप्यूटर कौशल परीक्षा परिषद का गठन किया। इस परिषद से टाइपिंग टेस्ट पास करने वाले युवा ही वर्ग-3 के पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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Exclusive News: इसके पहले व्यापम या सम्बंधित विभाग ही दक्षता परीक्षा लेते थे, लेकिन कौशल परीक्षा परिषद के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता ने लाखों उम्मदवारों को इस असमंजस में डाल दिया है कि नौकरियों की वेकेंसी तो है लेकिन वे यह प्रमाण पत्र कहाँ से लाएं। जबकि यह परीक्षा अब तक आयोजित ही नहीं हुईं। सरकार द्वारा गठित शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन, कंप्यूटर कौशल परीक्षा परिषद पहली बार स्किल टेस्ट आयोजित करने जा रहा है। इस परिषद को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत रखा गया है। गौर करने वाली बात यह है कि जहां राज्य शासन के विभागों में वर्ग-3 की भर्ती इस प्रणाम पत्र के कारण बाधित हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों ने इस आदेश को नहीं मानते हुए बीते दो सालों में पुरानी प्रक्रिया के अनुसार भर्तियां की हैं।

डंडे के बल पर दबाई गई थी युवाओं की आवाज

Exclusive News: फरवरी 2022 में भर्ती नियमों में किये गए बदलाव को तुगलकी फरमान बताते हुए उम्मीदवारों द्वारा लगातार विरोध किया गया। यह आदेश जारी होने के दो महीने बाद अप्रैल 2022 में प्रदेशभर के युवाओं ने रायपुर के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर बड़ा आंदोलन किया था। लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनकी बात तक सुनने की जहमत नहीं उठाई। प्रदर्शन कर रहे युवाओं को खदेडऩे के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया था।

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युवाओं की दरकार को, सुध ले नई सरकार

Exclusive News: उम्मीदवार इसे शोषणकारी नीति बता रहे हैं और नई सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस नियम की बाध्यता को ख़त्म किया जाये। इस वर्ग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने राज्य में सरकार बदलने के बाद इस बाबत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया था। जिसमें इस आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। उम्मीदवारों का कहना है कि पिछले दो सालों में इस नियम के चलते व्यापम एक भी भर्ती नहीं कर सका है। जो परीक्षा हुई ही नहीं उसका प्रमाण पत्र मांगकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

यह परीक्षा राज्य में पहली बार आयोजित होने जा रही है। परीक्षा आठ चरणों में संपन्न होंगी और इसके लिए प्रदेश में छह परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं। –एच आर सोम, सचिव, शीघ्रलेखन, मुद्रलेखन कंप्यूटर कौशल परीक्षा परिषद

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