Encroachment In Chhatapata : बीच सड़क पर पार्किंग, किनारों पर फास्ट फूड के ठेले- अतिक्रमण की खुली छूट शहर में देखिए
Chhattisgarh Talk / राजकुमार मल / भाटापारा : जहां मनाही, वहीं खूब। बीच सड़क पर पार्किंग। किनारों पर फास्ट फूड काउंटर। जी हां, यह शहर भाटापारा है, जहां नियम तोड़ने की खुली छूट मिलती है। लिहाजा ऐसे दृश्य हर समय देखे जा सकते हैं।
अव्यवस्थाओं के बीच जीना सीख रहा है अपना शहर। मालूम है कि शिकायतें नहीं सुनी जाएंगी। आपत्तियां दरकिनार कर दी जाती है। यह इसलिए क्योंकि जिम्मेदारों ने दूरी बना ली है जिम्मेदारी उठाने से। खासकर अतिक्रमण के मामले में तो इस शहर का मुकाबला कोई नहीं कर सकता।
गौरव पथ के गौरव
जतन से बनाया गया था गौरव पथ। उद्देश्य था निर्बाध आवाजाही। शुरुआती कुछ बरस तो ठीक रहे। आज स्थिति बदल चुकी है। गौरव पथ के दोनों किनारों पर फास्ट फूड काउंटर, पान की दुकानें लगतीं हैं। स्थाई दुकानों का सामान भी प्रदर्शन के लिए इसी पथ पर रखती हैं संस्थानें। सुबह-शाम मिल्क काउंटर भी लगते हैं। ऐसे में आवाजाही निर्बाध कैसी होती होगी ?
यहां कैसे
रेस्ट हाउस और गर्ल्स स्कूल। संवेदनशील माने जाते हैं यह दोनों, लेकिन यहीं खूब लगतीं हैं खान-पान की सामग्री बेचने वाली दुकानें। पान ठेले हमेशा से सामाजिक तत्वों के डेरा माने जाते हैं। यह भी अच्छी-खासी संख्या में हैं। इसलिए बच कर निकलती हैं छात्राएं और महिलाएं। करीब ही है शहर थाना, मगर मजाल है कि झांकने तक आते होंगे पुलिस जवान।
बचकर निकलिए
सुभाष बाजार। करीब ही है तीन चिकित्सा संस्थान। स्कूल और मंदिर भी हैं आसपास। ऐसे में भीड़ का होना स्वाभाविक है। विडंबना ही कही जाएगी कि यह पूरा क्षेत्र सारा दिन अस्त-व्यस्त रहता है। इसके बावजूद न प्रशासन नजर आता है, ना पुलिस। इसलिए संभल कर आवाजाही करने पर मजबूर है शहर। शाम को हालात पूरी तरह काबू से बाहर होते हैं।
सतर्कता वांछनीय
फिल्टर प्लांट तिराहा। जय स्तंभ चौक और राम सप्ताह होते हुए गोविंद चौक। इन क्षेत्रों से आवाजाही के दौरान सतर्कता बेहद जरूरी है। कहीं से भी, कभी भी दो पहिया या चार पहिया वाहनें निकल आती हैं। नियंत्रण में रखने के लिए लगाया गया ट्रैफिक सिग्नल बंद है, तो यातायात विभाग की मौजूदगी नजर नहीं आती। ऐसे में खुद को सतर्क रखना होगा ताकि प्रतिकूल स्थिति में दुर्घटना से बचा जा सके।
हैं लेकिन किस काम के
बस स्टैंड चौक। बिलासपुर, रायपुर और बलौदा बाजार के लिए निकलने वाला चौक। एक कोने में स्थित है यातायात पुलिस का कार्यालय। जवान भी नजर आते हैं, इस चौक पर लेकिन अस्त-व्यस्त यातायात और अतिक्रमण प्रमाण है इस बात का, कि लापरवाही चरम पर है। जिम्मेदार प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने जिस तरह आंख मूंद रखीं हैं, वह निराशा को ही बढ़ा रही है।