Chhattisgarh Talk अतुल शर्मा / दुर्ग : छत्तीसगढ़ में पंखों को मिला खुला आसमान‘ यह कहावत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए कोसानाला के शहरी गौठान में चरितार्थ होती नजर आ रही है। शासन के प्रयासों और महिला स्व-सहायता समूह की मेहनत से यहां महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। दुर्ग जिले के भिलाई स्थित कोसानाला के शहर गौठान में नई उड़ान महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं के परिश्रम और हिम्मत का नतीजा है, कि गौठन में मशरूम उत्पादन की कल्पना को साकार किया जा सका है।
Durg Bhilai News दुर्ग ज़िले के भिलाई स्थित कोसनाला शहर गौठान की नई उड़ान स्व सहायता समूह के पांच महिलाओं ने आजीविका के रूप में मशरूम उत्पादन कार्य को चुना, कम समय और लागत से अधिक लाभ मिलने से ये महिलाएं लगन से मशरूम उत्पादन कर रहीं हैं, वहीं नई उड़ान महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रेखा बघेल ने बताया कि 2 महीने के मशरूम की खेती गौठान में शुरू किया था,वहीं 5000 का मशरूम अब तक भेज चुके हैं, मशरूम उत्पादन के लिए गेहूं के भूसे को निर्धारित मात्रा में फॉर्मेलिन पाउडर तथा वॉवेस्टिंग लिक्विड के साथ रातभर पानी में भिगाकर रखा जाता है। सुबह धूप में सुखाने के बाद प्लास्टिक की थैलियों में लेयर बाई लेयर बीच-बीच में मशरूम बीच भरकर कमरे में लटका दिया जाता है,15 से 20 दिन के बाद जब मशरूम तैयार होने लगता है तो प्लास्टिक थैलियों को बाहर से हटाया जाता है। इसके बाद लगभग सप्ताहभर के बाद मशरूम पूरी तरह तैयार हो जाता है-— रेखा बघेल,अध्यक्ष नई उड़ान स्व सहायता समूह
Durg Bhilai News भिलाई नगर निगम के जोन आयुक्त प्रीति सिंह ने बताया कि गौठान की योजना महिलाओं को स्वालंबी बन रही है इसके तहत नई उड़ान स्व सहायता समूह के द्वारा मशरूम उत्पादन का कार्य महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है, महिला समूह के द्वारा प्रतिदिन 5 किलो मशरूम उत्पादन कर रही है,वही महिला समूहों के कुल 5 सदस्य है। इनके द्वारा गौठान में मशरूम उत्पादन के लिए 1000 बैग टांगने का लक्ष्य है, लेकिन 600 बैग लगाये गये हैं। जिसमें कुछ ही समय में उत्पादन होना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही और बैग लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इन समूहों के द्वारा उत्पादित मशरूम की खुले मार्केट में अच्छी मांग है। मशरूम प्रोटीन का अच्छा स्रोत है जो सूखे और गीले दोनों रूपों में बिकता है — प्रीति साहू,जोन आयुक्त भिलाई निगम