बलौदाबाजार में बारिश के मौसम में खाद्य जनित बीमारियों से बचाव के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा ने ढाबों और दुकानों पर छापा मारा, सैंपल लैब भेजे गए।
बलौदाबाजार | बारिश की पहली बूंद के साथ ही मौसम तो बदला, पर खतरे भी बढ़ने लगे। भीगती सड़कों पर गरमागरम पकौड़ों और मसालेदार खाने की तलब हर किसी को लगती है, लेकिन क्या ये स्वाद से भरे पकवान वाकई सुरक्षित हैं? शायद नहीं। यही सवाल जब बलौदाबाजार जिला प्रशासन के ज़हन में आया, तो जवाब तलाशने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने फील्ड में उतरने का फैसला लिया।
कलेक्टर दीपक सोनी के सख्त निर्देश के बाद शनिवार को खाद्य सुरक्षा की टीम ने जिले के कई हिस्सों में छापा मारकर होटलों, ढाबों, किराना दुकानों और मिठाई की दुकानों में मिल रही खाद्य सामग्री की जांच की। इस कार्रवाई का उद्देश्य था – “मिलावट से मुक्त बरसात, सुरक्षित हर निवाला।”
खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा: छोटे कस्बों से लेकर कस्बे के कोनों तक पहुंची टीम
इस विशेष अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा के नेतृत्व में टीम ने रवान, लवन, भाटापारा और लाहौद जैसे इलाकों में स्थित प्रतिष्ठानों की जांच की। कुछ दुकानों में सब ठीक मिला, लेकिन कुछ जगहों पर सवाल उठाने वाली चीजें भी सामने आईं।
कौन-कौन से प्रतिष्ठानों से लिए गए सैंपल?
📍 रवान – शुभम किराना स्टोर:
– कुकीज़, आटा सहित कुल 5 खाद्य आइटम्स के सैंपल
📍 लवन – कृष्णा स्वीट्स:
– इस्तेमाल किया हुआ कुकिंग ऑयल (2 प्रकार)
📍 भाटापारा – हुसैनी सेल्स:
– चाय पत्ती, ओट्स, बिस्किट्स, कॉर्न फ्लैक्स
📍 श्री गुरुनानक होटल:
– पका हुआ चावल, चिकन करी, खाद्य तेल, यूज्ड कुकिंग ऑयल
📍 लाहौद – नॉन स्टॉप ढाबा:
– लाहौरी जीरा कोल्डड्रिंक, कॉपर वाटर, अरहर दाल, छोले चना
खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी छापेमारी: गड़बड़ी की आशंका में नोटिस जारी, कई सैंपल किए गए जब्त
इन सभी सैंपलों को राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला और अन्य अधिकृत लैब में जांच हेतु भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी सामग्री में मिलावट या गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा ने क्या कहा?
मानसून के मौसम में खाद्य जनित बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इसको ध्यान में रखते हुए कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार जिलेभर में खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है। हम गुणवत्ता और साफ-सफाई से कोई समझौता नहीं करेंगे। सैंपल लैब भेजे गए हैं, रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराना है।
“हमारा उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है, लेकिन उपभोक्ता का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। मानसून के दौरान फूड पॉइजनिंग और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हम समय रहते चेतावनी भी दे रहे हैं और कार्रवाई भी कर रहे हैं।” -उमेश वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
मौसम बदला है, सिस्टम भी बदले – संदेश साफ है!
खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा की जांच टीम ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब कोई भी दुकान या होटल “चलता है…” की तर्ज पर नहीं चलेगा। हर प्लेट में सफाई और सेहत होगी – यही प्रशासन की कोशिश है।
यह अभियान न केवल दुकानदारों को जिम्मेदार बनाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने का संकेत है। क्योंकि स्वास्थ्य से समझौता अब माफ नहीं होगा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
- मानसून में दूषित भोजन से फैलते हैं डायरिया, टाइफाइड, फूड पॉइजनिंग जैसे रोग
- कई प्रतिष्ठान सस्ते तेल और पुराने मसालों का उपयोग कर रहे हैं
- जांच अभियान से मिलेगा उपभोक्ताओं को विश्वास
- समय रहते सुधार का मौका व्यापारियों को भी मिलेगा
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