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District administration is ignoring : सरपंच सचिव की निष्क्रियता के चलते गौठानो मे फिर मवेशियो की मौत, बावजूद इसके जिला प्रशासन लगातार अनदेखी कर रही देखिए रिपोर्ट

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District administration is ignoring : सरपंच सचिव की निष्क्रियता के चलते गौठानो मे फिर मवेशियो की मौत, बावजूद इसके जिला प्रशासन लगातार अनदेखी कर रही देखिए रिपोर्ट

Chhattisgarh Talk / केशव साहू / कसडोल : गौठानो में पर्याप्त चारा-पानी की उपलब्धता नहीं होने की शिकायतों को कलेक्टर ने बड़ी गंभीरता से लेते हुए 24 नवंबर को सभी जनपद पंचायत सीईओ को गौठानो में पर्याप्त चारा-पानी की व्यवस्था करने को कहा गया है, गौठान में समुचित व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार का बहाना बाजी नहीं चलने की बात कही है। साथ ही सभी पंचायत सचिवों की रूटीन में ड्यूटी लगवाईएं गए है, और किसी भी स्थिति में गोठान के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की करने की बात कही । इसके साथ ही पशु चिकित्सा विभाग को गौठानो में जाकर पशुओ का नियमित स्वास्थ्य चेकअप करने कहा गया है।लेकिन इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए जनपद पंचायत कसडोल के अंतर्गत ग्राम पंचायत मड़कड़ा के गौठान में बुधवार 6 दिसंबर को चारा-पानी की अभाव में गायों की हुई मौत ने प्रशासन की आदेश को ठेंगा दिखा दिया।

बलौदा बाजार जिले में प्रशासनिक अराजकता के चलते मवेशियों के मौत का मामला लगातार सामने आ रहा है गोवर्धन पूजा के दिन गौठानो में मवेशी के मौत की तस्वीर बेहद शर्मनाक थी पूरा मामला कसडोल ब्लॉक के ग्राम पंचायत मरदा के गौठान का था जहां पांच मवेशियों की मौत हुई थी आलम यह है गोवर्धन पूजा के लगभग एक हफ्ते पहले मवेशियों की मौत होने के बाद भी मवेशियों का शव गौठान पर मौजूद था अभी तक लगभग 25 मवेशियों की मौत की जानकारी मिल रही है इस पूरे मामले को लेकर जायजा लेकर हमारे संवाददाता केशव साहू ने खबर प्रकासन किया। बावजूद इसके बाद भी जिला प्रशासन ने अब तक मवेशियों की मौत को संज्ञान नही लिया.

जहाँ पंचायत प्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते चारा-पानी,देखरेख की अभाव में गायों की हुई मौत ने जमीनी हकीकत को जगजाहिर करते हुए गौठान विकास का पोल खोल दिया।अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इतनी बड़ी लापरवाही बरतने वालो पर क्या जांच करती है और किस तरह से कार्यवाही करती है या फिर प्रशासन जाँच मात्र का झुनझुना बजाती रहेगी ये तो उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली तय करेगा।

फिलहाल मड़कड़ा पंचायत की गौठान नदी किनारे बनाया गया है जहाँ कुछेक जगह को लकड़ी का खंभा में तार की घेरा बंदी कर खुले आशमान के नीचे गायों को रखा गया है। जहाँ पर देखरेख चारा नहीं होने के कारण गायों की मौत हो रही है।वही गौठान में घायल अवस्था में एक गाय को जमीन में पड़ा मिला, साथ ही गौठान में मरे हुये गायों को पास के ही नर्सरी में खुले में फेंक दिया जाता है, जहाँ पर मृत मवेशियों की कंकाल बिखरे पड़े हुए है, जिससे नर्सरी के आसपास गंदगी फैल रही है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल हिमांशु वर्मा ने जांच करवाने की बात कही है, साहब जांच ही करवाते है या जिम्मेदार के उपर करवाई करवाई भी करते देखने वाली बात है।

 

इसपर भी नही हुई अब तक कोई कार्यवाही 👇👇

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क्या जिला प्रशासन सिर्फ आदेश निर्देश पर ही अमल करते हैं या फिर उसकी पूर्णतः तरीके से पालन करवाते हैं, यह तो जिला प्रशासन की व्यथा ही जाने बलौदाबाजार जिले में देखा जा रहा है कि किसान सह सम्मेलन जो भाटापारा ब्लॉक के ग्राम सुमा में हुआ वहां पर भी मवेशी मृत पाए गए, ग्राम पंचायत सोनारदेवरी में भी मवेशी की मौत, वटगन ग्राम पंचायत में मवेशी की मौत, खैरा, ठेलकी, टीला, लव न से लगे हुए ग्राम कोरदा में भी गौठान में मवेशी की मौत, कसडोल के मल्दा, मकडक़ड़ा और कई गांव पर मवेशी की मौत यहां तक की बलौदाबाजार भाटापारा बिलाईगढ़ मुख्य मार्ग पर भी दुर्घटनाग्रस्त होने से मवेशी की मौत रोड पर ही दिखाई दे रही है।

सभी बातों को ध्यान में रखकर क्या जिला प्रशासन एक्शन मोड़ में नजर आती है या नहीं मगर आज दिनांक पर देखा जा रहा है कि लगातार मवेशी की मौत का आलम पूरे जिले में पसरा हुआ है। अब देखने वाली बात यहां होगी की खबर की प्रशासन के बाद क्या जिला प्रशासन इस पर क्या नियम नीति निर्देश पारित करते हैं या फिर मौन साधे बैठे रहते है।

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