पैसे और पर्सनल जानकारी की मांग: एफआईआर की कॉपी भेजने की धमकी, डिजिटल अरेस्ट स्कैम को कैसे पहचानें?
रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक नई धोखाधड़ी की तकनीक के बारे में जनता को सतर्क किया है, जिसे “डिजिटल अरेस्ट स्कैम” कहा जा रहा है। इस स्कैम में अपराधी वॉट्सऐप कॉल का इस्तेमाल करते हुए लोगों को डराकर पैसे की मांग करते हैं। बलौदाबाजार के एएसपी अभिषेक सिंह ने इस धोखाधड़ी के तरीकों को विस्तार से बताया और नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह के स्कैम से बचने के लिए जागरूक रहें।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम: जानिए कैसे पहचानें?
1. वॉट्सऐप कॉल से बचें: पुलिस ने स्पष्ट किया है कि वे कभी भी वॉट्सऐप कॉल के माध्यम से किसी नागरिक से संपर्क नहीं करतीं। अगर आपको कोई वॉट्सऐप कॉल करता है और दावा करता है कि वह पुलिस अधिकारी है, तो यह एक बड़ा संकेत है कि यह कॉल धोखाधड़ी है। असामाजिक तत्व अक्सर पुलिस अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित करते हैं।
2. एफआईआर की कॉपी भेजने का झांसा: कुछ धोखेबाज यह दावा करते हैं कि वे पुलिस हैं और वॉट्सऐप पर एफआईआर की कॉपी भेज रहे हैं। पुलिस ने स्पष्ट रूप से बताया कि वह कभी भी वॉट्सऐप के जरिए एफआईआर की कॉपी नहीं भेजती है। अगर किसी कॉल में यह दावा किया जाता है, तो यह धोखाधड़ी है।
3. पैसे या पर्सनल जानकारी की मांग: पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे कभी भी किसी से पैसे की डिमांड नहीं करते। अगर किसी कॉल के दौरान आपको पैसे देने के लिए मजबूर किया जाता है या पर्सनल जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड, पैन कार्ड की जानकारी मांगी जाती है, तो इसे गंभीर धोखाधड़ी समझें। पुलिस किसी भी परिस्थिति में इस तरह का दबाव नहीं डालती है।
4. दूसरों से बात करने से रोकना: एक और महत्वपूर्ण चेतावनी है कि पुलिस कॉल के दौरान आपको किसी और से बात करने से नहीं रोकती। यदि किसी कॉल में यह कहा जाए कि आप किसी और से बात न करें या फोन काटने पर कानूनी कार्रवाई होगी, तो यह भी एक संकेत है कि यह कॉल एक धोखाधड़ी का हिस्सा हो सकती है।
बलौदाबाजार एएसपी अभिषेक सिंह की अपील
बलौदाबाजार के एएसपी अभिषेक सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों में तत्काल पुलिस को सूचित करें। उन्होंने कहा, “हमारी मुख्य प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। “Digital Arrest Scam” डिजिटल माध्यमों के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को पहचानना और उससे बचाव करना जरूरी है। यदि कोई संदिग्ध कॉल या संदेश आता है, तो उसे अनदेखा करें और तुरंत पुलिस को रिपोर्ट करें।”
एसपी विजय अग्रवाल ने कहा “डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए सुरक्षित रखें अपनी व्यक्तिगत जानकारी” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिकों को अपनी निजी जानकारी, जैसे कि बैंक विवरण, पासवर्ड आदि को सुरक्षित रखना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में अजनबी को यह जानकारी नहीं देनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा उठाए गए कदम
छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया, होर्डिंग्स, और जनसंपर्क अभियानों के जरिए लोगों को इस धोखाधड़ी के बारे में बताया है। पुलिस का कहना है कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगी और संबंधित साइबर अपराध शाखा के साथ मिलकर इन आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ेगी।
कैसे बचें डिजिटल अरेस्ट स्कैम से
- संदिग्ध कॉल को नजरअंदाज करें: यदि कोई वॉट्सऐप कॉल आए और वह दावा करता है कि वह पुलिस है, तो तुरंत कॉल काट दें और इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें।
- पर्सनल जानकारी साझा न करें: अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाता नंबर, पासवर्ड, या अन्य संवेदनशील डेटा को किसी भी अजनबी के साथ साझा न करें।
- किसी भी दबाव में न आएं: पुलिस कभी भी आपको पैसे देने या पर्सनल जानकारी देने के लिए नहीं कहेगी। किसी भी दबाव में आने पर तुरंत कॉल काटकर पुलिस से संपर्क करें।
- संदिग्ध संदेशों की रिपोर्ट करें: यदि किसी भी तरह का संदिग्ध संदेश या कॉल आता है, तो उसे तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन को रिपोर्ट करें।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश के शिकार न हों और तुरंत इसकी रिपोर्ट करें। इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों में समय पर कार्रवाई से कई लोगों को बड़ी समस्याओं से बचाया जा सकता है।
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