बलौदाबाजार में पुलिस आरक्षक से ₹25.58 लाख की साइबर ठगी। ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स के नाम पर फंसाया, आरोपी कुरुक्षेत्र जेल से गिरफ्तार।
बलौदाबाजार | साइबर ठगों की दुनिया में अब कोई भी सेफ नहीं…ना आम नागरिक, ना अफसर, ना आरक्षक! ठगों का कोई चेहरा नहीं होता… और अब उनका इलाका सिर्फ गलियों तक सीमित नहीं, बल्कि स्क्रीन के पार तक फैला हुआ है! छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में एक चौंकाने वाला साइबर क्राइम केस सामने आया है, जिसमें खुद पुलिस विभाग का एक आरक्षक ही साइबर ठगों का शिकार बन गया। बलौदाबाजार सिटी कोतवाली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस विभाग के एक आरक्षक से ही साइबर ठगों ने ₹25,58,317 की ठगी कर ली। मामला तब खुला, जब खुद पीड़ित आरक्षक ने ऑनलाइन ट्रेडिंग प्रशिक्षण कोर्स के नाम पर झांसे में आकर बड़ी रकम विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी।
ठगी की रिपोर्ट थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में दर्ज की गई, जिसके बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने गंभीरता से विवेचना शुरू की। और फिर… पुलिस की पड़ताल हरियाणा के कुरुक्षेत्र जेल तक जा पहुंची, चौकाने वाली बात ये रही कि जिस समय पुलिस विभाग इस मामले की जांच कर रहा था, उसी दौरान ठग हरियाणा के कुरुक्षेत्र जेल में पहले से ही साइबर अपराध में बंद पाए गए। बलौदाबाजार पुलिस ने पूरी न्यायिक प्रक्रिया के तहत कुरुक्षेत्र पहुंचकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस आरक्षक से ठगी, कैसे फंसा वर्दी वाला?
प्रार्थी सजन सिंह पटेल, बलौदाबाजार निवासी और पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक हैं। उन्हें एक अंजान कॉल आया —“सर, हम आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेनिंग देंगे, जिससे आप महीने में लाखों कमा सकते हैं… बस कुछ शुरुआती इन्वेस्टमेंट करना होगा।”
फिर क्या था —
✅ लगातार कॉल
✅ झूठे रिटर्न दिखाने वाले फर्जी वेबसाइट
✅ वॉट्सएप पर फर्जी चार्ट
✅ और धीरे-धीरे ₹25 लाख 58 हजार 317 रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।
कुछ ही हफ्तों में आरक्षक को अहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हो गया है।
पुलिस आरक्षक से ठगी; कैसे फंसे ठग?
प्रकरण की रिपोर्ट थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में दर्ज की गई (अपराध क्रमांक 429/2025, धारा 420, 409, 34 IPC)।
SP भावना गुप्ता के निर्देश पर सायबर टेक्निकल टीम बनाई गई।
- बैंक खातों की जांच
- मोबाइल नंबर की लोकेशन
- IP ट्रेसिंग से पता चला कि यही आरोपी हरियाणा के कुरुक्षेत्र जेल में पहले से बंद हैं।
- बलौदाबाजार पुलिस की टीम ने कुरुक्षेत्र जाकर उन्हें कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तार किया।
पुलिस आरक्षक से ठगी मामले में कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा ने बताया कि:
यह केस बेहद संवेदनशील था क्योंकि ठगी का शिकार खुद पुलिस विभाग का एक कर्मचारी हुआ था। मामला दर्ज होते ही हमने तकनीकी टीम के साथ जांच शुरू की और बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, ट्रांजेक्शन ट्रेसिंग के जरिए आरोपियों तक पहुंचे। ठगों की गिरफ्तारी के लिए हमें हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला जेल तक जाना पड़ा, जहां न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार किया है।
कौन हैं आरोपी?
- राहुल (27)
- मूल निवासी: इटावा, यूपी
- वर्तमान: गुरुनानक बस्ती, श्रीगंगानगर, राजस्थान
- अंकित मोदी (35)
- निवासी: श्रीगंगानगर, राजस्थान
- ठगी का नेटवर्क चलाने में विशेषज्ञ
दोनों आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने शेयर ट्रेडिंग कोर्स के नाम पर कई लोगों को ठगा है, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
एएसपी हेमसागर सिदार का EXCLUSIVE बयान
साइबर अपराधी अब पारंपरिक अपराधियों से कहीं ज़्यादा खतरनाक हो गए हैं। ये सिर्फ आम नागरिक ही नहीं, बल्कि प्रशिक्षित सरकारी कर्मचारियों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं। इस मामले में भी एक आरक्षक को निशाना बनाया गया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। यह केस पुलिस के लिए भी एक चेतावनी है कि साइबर ठगी के खिलाफ अब पहले से कहीं ज्यादा सजग और तकनीकी रूप से सक्षम होने की ज़रूरत है।
हम लोगों से अपील करते हैं कि कोई भी ऑनलाइन स्कीम या फर्जी कॉल आए तो तुरंत सतर्क हो जाएं। कभी भी बिना जांच-पड़ताल के पैसा ट्रांसफर न करें। पुलिस आपके साथ है — ऐसे मामलों में तुरंत शिकायत करें, ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।
“साइबर अपराधी अब सिर्फ आम आदमी को नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों को भी निशाना बना रहे हैं। यह मामला विभाग के लिए चेतावनी है। हम हर ठगी की सूचना को गंभीरता से ले रहे हैं। हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि ऑनलाइन स्कीम्स के झांसे में ना आएं। कोई भी संदेह हो तो तुरंत 1930 हेल्पलाइन या अपने नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें।”
⚠️ ठगों के ‘स्क्रिप्टेड जाल’ से बचें
ठगों की ट्रिक | सतर्क रहने का तरीका |
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भारी मुनाफे का लालच | जांचे बिना कभी इन्वेस्ट न करें |
शेयर मार्केट ट्रेनिंग ऑफर | सरकारी रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म देखें |
बार-बार कॉल और दबाव | तुरंत रिपोर्ट करें |
लिंक या ऐप डाउनलोड करवाना | मोबाइल में कोई भी अनजान ऐप इंस्टॉल न करें |
📞 कहां करें शिकायत?
- साइबर हेल्पलाइन: 1930 (24×7)
- www.cybercrime.gov.in
- थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार
“आज का साइबर ठग सिर्फ स्मार्टफोन चलाता है, लेकिन उसकी चाल पुराने अपराधियों से ज्यादा खतरनाक होती है।”
बलौदाबाजार का यह केस न केवल आम जनता के लिए, बल्कि पूरे पुलिस विभाग के लिए चेतावनी है — अब सतर्क रहना ही सुरक्षा है।
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