



काम करने के बाद सरपंच सचिव भूल गए वेतन देना।
corruption in panchayat : ग्राम पंचायत भी भ्रष्टाचार में इस तरह लीगन्न है की काम कर कर वेतन नहीं देते जानिये क्या है पूरा मामला
छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत आने वाले जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर कर्मचारियों द्वारा सरपंच व सचिव महोदय से अपना मानदेय पाने के लिए गुहार लगाना पड़ रहा है, जिसमें उनके सामने मानदेय न मिलने से भूखे मरने तक की नौबत आ गई हैं और बार बार यही कह रहे हैं कि अब तो मानदेय दे दीजिए, डेढ़ साल हो गये….
तेज बहादुर का कहना है कि यह मांग है विकास खंड भरतपुर के ग्राम पंचायत तोजा में कार्यरत आपरेटर और भृत्य की जिनकी मानदेय नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है । मान्यदेय की आस जोहते डेढ़ साल गुजर गया लेकिन अब तक मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है! बार-बार गुहार लगा-लगाकर थक गए परन्तु वहीं रटा रटाया जबाब कि शासन से बजट आने पर बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।उधार लेकर घर चला रहे भृत्य ने बताया कि मानदेय मिलने की उम्मीद में उधार लेकर किसी तरह घर का खर्च चलाया जा रहा है,लेकिन अब उधार भी लें तो किस उम्मीद पर घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं। कभी कुछ तो कभी कुछ खाने की जिद करते हैं। भृत्य ने कहा कि उन लोगों को महज 2 हजार रुपये मानदेय मिलता है। इससे किसी तरह घर का खर्च चलाते हैं, लेकिन अब वह भी नहीं मिल रहा – तेज बहादुर सिंह
ग्राम पंचायत के चौकीदार तेज बहादुर सिंह ने बताया कि पिछले 15 महीने से वेतन नहीं मिला है जिससे मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है और मैं ऐसे वैसे करके गुजारा कर रहा हूं लेकिन मुझे वेतन नहीं दिया जा रहा है जो कि मेरी स्थिति अब खराब होते जा रही है –– मनीष कुमार यादव,,,कंप्यूटर ऑपरेटर
मनीष कुमार का कहना है कि मुझे 1 साल से वेतन नहीं मिला है और मेरे द्वारा वेतन के लिए जब-जब यहां के सचिव को बोला जाता है तो उनका कहना रहता है कि मैं कुछ नहीं जानता जो यहां के सरपंच बोलेंगे मैं वही करूंगा – समर बहादुर, सरपंच
ग्राम पंचायत के सरपंच का कहना है। कि अभी पेमेंट कुछ दिया गया है और ग्राम पंचायत की बजट में जो रहता है उसे हिसाब से ही पेमेंट किया जाता है अभी 15वें वित्त का पेमेंट आया है तो इनका जो हिसाब में रहेगा वह कर दिया जाएगा इनका पेमेंट है २१ हजार रुपए है लेकिन अभी हम 8 हजार रुपए दे रहे थे लेकिन इनका कहना है कि हमें पूरा पेमेंट चाहिए भाई हमको एडजस्टमेंट करके चलना है अभी 8 हजार रुपए हम दे रहे हैं बाकी जो बचेगा उसे फिर से हम दे देंगे।
आखिर कब तक मिलेगा लाभ
बरहाल अब देखना यह होगा कि अपनी मान्यदेय के लिए बार-बार गुहार लगाने वाले इन कर्मचारियों को इनका मेहनताना आखिर कब तक मिल पाता है या फिर नहीं यह तो आने वाला समय ही बताया मगर इसमें विडंबना यहा पर यह है कि जब यहां के क्षेत्रीय विधायक गुलाब कमरों जोकि सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं , लोग उन्हें लाडले विधायक के साथ साथ अपने क्षेत्र का भगवान मानते हैं तो फिर उनके क्षेत्र में इस तरह की घटना घटित होना कहीं ना कहीं पूर्ण रूप से भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देना नजर आता है।