स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में शासकीय नर्स द्वारा बिना लाइसेंस इलाज करने, अवैध दवाइयाँ देने और शिकायत करने पर धमकियाँ मिलने का मामला सामने आया है। प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए, राधेलाल घृतलहरे ने जांच की अपील की है।
रायपुर, छत्तीसगढ़: बलौदाबाजार जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर एक दर्दनाक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे बलौदाबाजार भाटापारा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री हैं। वहाँ ऐसा कृत्य देखने को मिल रहा हैं जहाँ बलौदाबाजार जिले के सिमगा क्षेत्र से जुड़ा एक मामला अब स्वास्थ्य सेवाओं के भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना में शासकीय अस्पताल में पदस्थ एक स्टाफ नर्स, मालती सिंह, पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि मालती सिंह ने सिमगा स्थित शिव महिमा अस्पताल में बिना लाइसेंस और चिकित्सा डिग्री के मरीजों का इलाज किया, दवाइयाँ दीं और इस अवैध इलाज के बदले पैसे भी लिए। इस बीच, उन्हें शिकायत करने पर अस्पताल संचालक डॉ. आदित्य इंगोले और कुछ प्रभावशाली नेताओं से धमकियाँ भी मिलीं।
मालती सिंह और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप
स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: राधेलाल घृतलहरे, जो इस मामले के शिकायतकर्ता हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि मालती सिंह, जो सिमगा के ब्लॉक स्वास्थ्य केंद्र में शासकीय नर्स के पद पर कार्यरत हैं, पर यह आरोप है कि वह सिमगा के शिव महिमा अस्पताल में डॉ. आदित्य इंगोले के साथ मिलकर अवैध चिकित्सा कार्य कर रही थीं। आरोप है कि न केवल मरीजों से बिना किसी वैध लाइसेंस के इलाज के बदले पैसे लिए गए, बल्कि कई मामलों में मरीजों की जान भी खतरे में डाली गई। इस संदर्भ में राधेलाल घृतलहरे, जो इस मामले के शिकायतकर्ता हैं, इस अस्पताल में बिना किसी प्रमाण पत्र के उपचार और दवाइयों का वितरण किया गया, जिससे कई मरीजों को नुकसान हुआ।
सीसीटीवी फुटेज से मामले की सच्चाई सामने लाने की अपील
स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: राधेलाल घृतलहरे, जो इस मामले के शिकायतकर्ता हैं, ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने जब इस मुद्दे पर सिमगा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, तो अस्पताल के संचालक डॉ. आदित्य इंगोले ने उन्हें धमकी दी। राधेलाल ने यह आरोप भी लगाया है कि डॉ. इंगोले ने उन्हें बताया कि उनके पास सिमगा ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों और कुछ प्रमुख नेताओं का समर्थन है, और उन्हें किसी भी प्रकार की कार्रवाई का डर नहीं है। उन्होंने प्रशासन से शिव महिमा अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को जप्त करने की अपील की, ताकि इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
राधेलाल ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल संचालक ने उन्हें धमकियाँ दीं और कहा कि उनके पास स्थानीय प्रशासन से अच्छे संबंध हैं, और वह इस मामले को दबा सकते हैं। उन्हें यह भी कहा गया कि वह हर माह अधिकारियों को रिश्वत देते हैं, इसलिए उनका कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला है। और पूलिस थाना मे शिकायत करने मे मेरा कुछ नही हुआ। इसके अतिरिक्त, राधेलाल ने यह भी कहा कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। राधेलाल की शिकायत के बाद, अब उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की जिम्मेदारी?
स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: यह मामला केवल एक शासकीय नर्स और एक निजी अस्पताल के बीच अवैध चिकित्सा सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शासकीय अधिकारियों और नेताओं के कथित संलिप्तता के आरोप भी हैं। राधेलाल ने आरोप लगाया है कि अस्पताल संचालक और नर्स मालती सिंह को प्रशासन और नेताओं का संरक्षण प्राप्त है, जिससे कोई जांच नहीं हो पा रही है। यह मामला छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और यह दर्शाता है कि कैसे कुछ प्रभावशाली लोग प्रशासनिक संरक्षण का लाभ उठाकर कानून का उल्लंघन कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबर का असर: किसानों को मिली राहत
“राधेलाल की अपील: बलौदाबाजार मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग”
राधेलाल ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यदि सीसीटीवी फुटेज को तुरंत जप्त किया जाए और मामले की जांच शुरू की जाए, तो सारी सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में शासकीय नर्स मालती सिंह के खिलाफ शासकीय सेवा का दुरुपयोग, बिना लाइसेंस इलाज, दवाइयाँ देने और धमकी देने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने खुद और अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है, क्योंकि उन्हें धमकियाँ मिल रही हैं और उनका जीवन खतरे में है।
“स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: अवैध इलाज और प्रशासनिक लापरवाही से भ्रष्टाचार की ओर इशारा”
यह घटना न केवल एक अवैध चिकित्सा सेवा के मामले के रूप में उभरी है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कुप्रबंधन को उजागर करती है। अगर इस मामले की उचित तरीके से जांच की जाती है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, तो यह स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का कारण बन सकती है। वहीं, अगर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को नजरअंदाज किया, तो यह राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार: अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या दोषियों को सजा मिलती है। राधेलाल की शिकायत और उसकी अपील का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करेगा।
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े- Join Now
New Year 2025: शराब पीने वालों के लिए खुशखबरी: ‘हवालात नहीं’, होटल छोड़ेंगे पुलिस वाले!
धमाके की आवाज से कांप उठा छत्तीसगढ़ का ये गांव, जानिए स्कूल में क्या हुआ?
स्वस्थ रहें, फिट रहें! जानिए, उम्र के हिसाब से लड़कों का सही वजन कितना होना चाहिए?
पीएम आवास योजना: वास्तविक लाभ मिलना मुश्किल, अतिक्रमण से जूझता बलौदा बाजार
पटवारियों का बहिष्कार: भूमि रिकॉर्ड से लेकर संपत्ति पंजीकरण तक कामकाज ठप
CG JOB: कृषि सह परियोजना विभाग में लेखापाल सह डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर भर्ती, जानें आवेदन प्रक्रिया
हाईकोर्ट का निर्णय: बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की मंजूरी, जानिए..
BJP का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, ईश्वर साहू के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बवाल
बलौदाबाजार: तुरतुरिया मे शव मिलने से मंचा हड़कंप, हत्या या आत्महत्या? पुलिस जांच में जुटी
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: एसपी और 18 बटालियन अफसरों का ट्रांसफर, देखें पूरी लिस्ट
क्या भारत तैयार है वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए? जानें इस विचार की पूरी कहानी
बलौदा बाजार में वायु सेना भर्ती, करियर गाइडेंस से जाने A TO Z जानकारी