धान खरीदी में भाजपा सरकार की वादाखिलाफी, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल और बढ़ी समस्याओं पर जताई चिंता

धान खरीदी में भाजपा सरकार की वादाखिलाफी, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल और बढ़ी समस्याओं पर जताई चिंता
धान खरीदी में भाजपा सरकार की वादाखिलाफी, कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल और बढ़ी समस्याओं पर जताई चिंता

केशव साहू/बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार किसानों से किए गए वादों को पूरा करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों से धान खरीदी को लेकर जो वादे किए थे, उन पर पूरी तरह से वादाखिलाफी की है, और अब सरकार के नए नियमों से यह साफ होता है कि वह जानबूझकर धान खरीदी में कटौती करना चाहती है।

कांग्रेस नेताओं के आरोप

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर, बलौदाबाजार ग्रामीण के अध्यक्ष विक्रम गिरी, शहर अध्यक्ष रुपेश ठाकुर, जिला कांग्रेस महामंत्री प्रभाकर मिश्रा, रोहित साहू और मनोज प्रजापति ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि इस साल 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन सरकार ने 14 नवंबर से 31 जनवरी तक केवल 47 दिनों का समय निर्धारित किया है, जिसमें शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटा दिया गया है।

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर के अनुसार, अगर सरकार को अपना लक्ष्य पूरा करना है तो उसे प्रतिदिन 3.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह संभव नहीं दिखता। इसके अलावा, किसानों को केवल 752 क्विंटल (1880 कट्टा) धान ही सोसायटी द्वारा खरीदी करने का निर्देश दिया गया है, जिससे किसान अपनी पूरी फसल नहीं बेच पा रहे हैं और उन्हें धान बेचने के लिए आगामी तारीखों का इंतजार करना पड़ रहा है।

कांग्रेस का आरोप: 72 घंटे में पैसा नहीं आया

कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जो वादा किया था कि 72 घंटे के भीतर किसानों के खातों में पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा, वह वादा भी लागू नहीं हो सका है। उदाहरण के तौर पर, 14 नवंबर को धान बेचने वाले किसानों के खातों में अभी तक पैसे नहीं पहुंचे हैं। जो रकम आ रही है, वह केवल 2300 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि भाजपा ने चुनावों में 3100 रुपये प्रति क्विंटल का वादा किया था।

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कांग्रेस की मांग – समर्थन मूल्य में वृद्धि

कांग्रेस नेताओं ने सरकार से यह भी मांग की कि भाजपा को अपने चुनावी वादे के तहत धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 3217 रुपये प्रति क्विंटल करना चाहिए। कांग्रेस ने यह भी याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय भी 2500 रुपये का वादा किया गया था, लेकिन सरकार ने 2640 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी की थी, जबकि भाजपा ने चुनावी वादे में 3100 रुपये का समर्थन मूल्य दिया था। अब सरकार के निर्णय से किसान बेहद परेशान हैं।

बीज उत्पादक किसानों की परेशानी

कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि बीज उत्पादक किसानों का धान सोसायटी में नहीं लिया जा रहा है। इस संबंध में सोसायटी में नोटिस चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान स्वीकार नहीं किया जाएगा। बीज उत्पादक किसानों की फसल को अस्वीकार करने से किसानों के सामने बहुत बड़ी मुश्किल आ गई है।

बारदाना की कमी और टोकन सिस्टम की दिक्कतें

कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि सोसायटी में बारदाने की भारी कमी है, जिसके कारण धान खरीदी में गंभीर अवरोध उत्पन्न हो रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सरकारी बारदाने का 50 प्रतिशत हिस्सा समितियों तक नहीं पहुंचा है, जिससे धान खरीदी बाधित हो रही है। इसके साथ ही, किसानों को ऑनलाइन टोकन सिस्टम के जरिए टोकन प्राप्त करने में भी काफी समय लग रहा है। कई बार तो किसानों को 15 दिन बाद का टोकन मिल रहा है, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में परेशानी हो रही है।

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भाजपा सरकार की नई नीति का विरोध

कांग्रेस ने भाजपा सरकार की नई धान खरीदी नीति पर भी कड़ा विरोध जताया है। सरकार ने बफर स्टॉक उठाव की कोई सीमा नहीं तय की है, जबकि पहले समितियों को समय सीमा के भीतर बफर स्टॉक उठाने का अधिकार था। कांग्रेस का कहना है कि अब धान खरीदी केंद्रों में जगह की कमी हो रही है, क्योंकि समितियों के पास धान रखने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है। पहले जहां मार्कफेड को 28 फरवरी तक धान का निपटान करने का आदेश था, अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है, जिससे किसानों को दो महीने तक अपनी फसल समितियों और संग्रहण केंद्रों में रखवानी पड़ेगी, जिससे किसानों को अतिरिक्त परेशानी होगी।

राइस मिलर्स का विरोध

इसके अलावा, कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने राइस मिलर्स के लिए मिलिंग चार्ज घटाकर 60 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जबकि पहले यह 120 रुपये था। इस फैसले के कारण प्रदेशभर के राइस मिलर्स हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं, जिससे धान मिलिंग प्रक्रिया में भारी अवरोध उत्पन्न हो सकता है। मिलर्स के इस विरोध से धान की प्रोसेसिंग प्रभावित हो सकती है और किसान अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने में असमर्थ हो सकते हैं।

कांग्रेस का अनुरोध

कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों के हित में तत्काल कदम उठाए, और धान खरीदी में आ रही समस्याओं का समाधान करें। कांग्रेस का कहना है कि अगर भाजपा सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसानों का आंदोलन और भी तेज हो सकता है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार को अपनी नीतियों पर पुनः विचार करना चाहिए, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिले और उन्हें किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

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