छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से होंगे, जिससे कांग्रेस को लाभ हो सकता है। यह निर्णय मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। जानें इस बदलाव के राजनीतिक और चुनावी प्रभाव के बारे में।
आचार संहिता लागू, बैलेट पेपर से चुनाव: छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने घोषणा की है कि इन चुनावों में अब बैलेट पेपर से मतदान होगा। यानी अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल नहीं होगा। इस फैसले को कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि बैलेट पेपर से मतदान को लेकर मतदाता वर्ग में अधिक विश्वास और पारदर्शिता की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस के लिए यह राजनीतिक दृष्टि से फायदेमंद हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ग्रामीण मतदाता पारंपरिक तरीके से मतदान करने को लेकर अधिक सहज महसूस करते हैं।
छत्तीसगढ़ चुनाव 2024: बैलेट पेपर से होंगे नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव
मंत्री अरुण साव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ईवीएम के लिए आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी नहीं हो पाई हैं, और इस कारण चुनाव आयोग ने बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने का निर्णय लिया है। यह फैसला उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां मतदाता ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर संकोच करते हैं। बैलेट पेपर से मतदान को पारंपरिक और अधिक भरोसेमंद तरीका माना जाता है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ सकता है।
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मंत्री अरुण साव ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग ने इस निर्णय पर अपनी स्वीकृति दी है, और राज्य सरकार ने इसे मंजूरी दी है। चुनाव आयोग बैलेट पेपर से मतदान की तैयारी कर रहा है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
बैलेट पेपर चुनाव: आचार संहिता लागू होने का खतरा
अरुण साव ने कहा कि 7 जनवरी के बाद किसी भी समय चुनाव आचार संहिता लागू हो सकती है। आचार संहिता लागू होने के बाद, सभी राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में नियमों का पालन करना होगा। आचार संहिता के तहत प्रचार-प्रसार में अनुशासन बनाए रखना होगा और चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह से प्रभावित करने से बचना होगा। इस दौरान किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या अनियमितता पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
नगरीय निकाय चुनाव के लिए सरकार की पूरी तैयारी
मंत्री अरुण साव ने यह भी कहा कि राज्य सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए आरक्षण प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है, और यह 7 जनवरी तक समाप्त हो जाएगी। महापौर के लिए आरक्षण प्रक्रिया को भी उसी दिन तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद चुनाव आयोग को सूचना भेजी जाएगी और चुनाव की तिथियां तय की जाएंगी। आरक्षण प्रक्रिया में पहले कुछ देरी हो रही थी, लेकिन अब इसे प्राथमिकता पर रखा गया है ताकि चुनाव समय पर संपन्न हो सकें।
बयान:https://x.com/ArunSao3/status/1872545682185474446?t=qGPaw_eqKA16sM4B1lDjzA&s=19
बैलेट पेपर से चुनाव: कांग्रेस के लिए राहत
यह निर्णय कांग्रेस पार्टी के लिए विशेष रूप से राहत की तरह देखा जा रहा है। पार्टी का मानना है कि बैलेट पेपर से मतदान से ग्रामीण क्षेत्रों में उनके उम्मीदवारों को लाभ हो सकता है, क्योंकि पारंपरिक मतदान पद्धति से मतदाता अधिक सहज महसूस करते हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि बैलेट पेपर से चुनाव होने से मतदाता अपनी वोटिंग में अधिक सक्रियता दिखाएंगे, और इसके परिणामस्वरूप पार्टी को फायदा हो सकता है। इस कदम से विशेष रूप से कांग्रेस के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अच्छा अवसर मिल सकता है।
मतदाता सूची के नियमित अपडेट की व्यवस्था
इस बार एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब हर तीन महीने में मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता लाने के लिए उठाया गया है। पहले अगर किसी योग्य मतदाता का नाम मतदाता सूची में छूट जाता था, तो वह वोट नहीं डाल सकता था, लेकिन इस नए नियम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी योग्य मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे। इस कदम से चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या विसंगति को रोका जा सकेगा और चुनावों को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकेगा।
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छत्तीसगढ़ में होगी पारंपरिक मतदान प्रक्रिया की वापसी
मंत्री अरुण साव ने यह भी बताया कि चुनावों की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षा के साथ किसी भी तरह का टकराव न हो। सरकार का लक्ष्य है कि चुनाव परीक्षाओं से पहले हो जाएं ताकि छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी में कोई बाधा न आए। चुनाव की तारीखों को जल्द तय किया जाएगा ताकि सभी चुनावी गतिविधियों का संचालन सही समय पर हो सके।
बैलेट पेपर चुनाव: छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा मतदान का भरोसा
राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य चुनावों को समय पर और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना है ताकि राज्य की राजनीतिक स्थिति स्थिर बनी रहे। चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार के विवाद या अनियमितता को सुलझाने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और लोकतांत्रिक तरीके से हो, ताकि सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को पूरी संतुष्टि मिले।
समग्र रूप से, यह फैसला छत्तीसगढ़ की चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैलेट पेपर से चुनावों का आयोजन मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाएगा और चुनावी प्रक्रिया को और भी प्रामाणिक बनाएगा। यह फैसला राज्य के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम हो सकता है।
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