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Chhattisgarh में अवैध रेत परिवहन पर बड़ी कार्रवाई!! राजस्व मंत्री टंक राम के गृह जिले में रेत माफियाओं का आतंक, शतरंज के खेल आखिर कौन शामिल? जानिए पूरा मामला

Chhattisgarh में अवैध रेत परिवहन पर बड़ी कार्रवाई!! राजस्व मंत्री टंक राम के गृह जिले में रेत माफियाओं का आतंक, भ्रष्टाचार शतरंज के खेल आखिर कौन शामिल?
Chhattisgarh में अवैध रेत परिवहन पर बड़ी कार्रवाई!! राजस्व मंत्री टंक राम के गृह जिले में रेत माफियाओं का आतंक, भ्रष्टाचार शतरंज के खेल आखिर कौन शामिल?

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के गृह जिले में ही प्रशासन को लगाया जा रहा चूना, प्रशासन और राजस्व विभाग ने कार्रवाई कर बड़ी संख्या में रेत से भरी ट्रकें जब्त की हैं. इन सभी पर बिना रॉयल्टी पर्ची और ओवर लोड कर रेत ले जाने पर कार्रवाई की गई है।

Baloda Bazar News: राजस्व मंत्री के गृह जिले बलौदाबाजार में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की लगातार शिकायतों के बाद गुरुवार रात को प्रशासन जागा। कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर बलौदाबाजार के सभी विकासखंड के अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार की विशेष टीम बनाकर एक साथ दबिश दी गई. रात में शुरु हुई इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में बगैर रायल्टी पर्ची और ओवर लोड गाड़ियों को जब्त किया गया है। रात में संचालित खदानों से सात चैन माउंटेन मशीन और रेत का परिवहन करते लगभग 50 से ज्यादा हाईवा समेत ट्रैक्टरों पर कार्रवाई की गई है. फिलहाल प्रशासनीक आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हुए हैं. लिहाजा ये आंकडा बढ़ भी सकता है. वहीं कार्रवाई की जानकारी ना तो खनिज अधिकारियों को दी गई और ना ही पुलिस विभाग को. कार्यवाही प्रारंभ होने पश्चात लगभग 10 बजे पुलिस को जानकारी दी गई. अवैध परिहवन से प्रशासन को राजस्व की हानि होती है.

इस संबंध में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मीडिया को कहा था कि आप लोगो के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है और हम निश्चित ही अवैध कार्यो को रोकने संकल्पित है फिर चाहे वह अवैध रेत, गिट्टी, मुरूम का उत्खनन हो या अवैध शराब का विक्रय हो कार्यवाही जरूर होगी। – टंक राम वर्मा, मंत्री छत्तीसगढ़ शासन

सूत्र ये भी बताते हैं कि इन बेलगाम और ओवरलोड वाहनों के ऐवज में आरटीओ पुलिस के थानेदारों तथा यातायात प्रभारी को लाखों रूपर महीना पहुचाया जाता हैं जिसकी वजह से ये जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही नही करते हैं. खबर प्रकाशित होने के बाद जब जिम्मेदार अधिकारियों को पूछा जाता हैं तो उनका जवाब हमे जानकारी नही आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कार्यवाही करेंगे बोलते हैं,

जिम्मेदार जिला खनिज अधिकारी कुंदन बंजारे मौखिक चर्चा में यह भी कहते हैं कि हम वीडियो और फोटो को सबूत नही मानते हमे मौके पर गाड़ी खड़ी मिलेगी तभी कार्यवाही करेंगे, और जब मौके पर खड़े होकर अधिकारियों को फ़ोन किया जाता है तब या तो टीम भेज रहे बोल दोबारा फ़ोन नही उठाते और कभी आये भी तो कई घंटों बाद पहुचते हैं ताकि खदान संचालकों को सूचित कर वहा से जाने कह दिया जाता हैं ताकि मौके पर कुछ नही मिलने की वजह से कार्यवाही हो ही ना सके। और पुलिस पुलिस प्रशासन ये हमारा नही खनिज का काम हैं बोलकर बचने का प्रयास करते हैं। जबकि छत्तीसगढ़ शासन में टास्क फोर्स गठित हुआ है जिसमे पुलिस विभाग, खनिज विभाग और रिवेन्यू डिपार्टमेंट यह तीनों कार्यवाही करने के लिए अधिकृत हैं।

अधिकारी-कर्मचारियों को भी पहुंच रहा हिस्सा

मिली जानकारी के अनुसार रेत खदान संचालकों द्वारा एक पर्ची काटकर तीन से चार बार उस गाड़ी को महानदी से रेत परिवहन के लिए दिया जाता है. वहीं हाईवा चालक का कहना है हाईवा में रेत भरने या लोड करने का 8000 लिया जाता हैं और रोयल्टी चाहिए तोह रायल्टी पर्ची एक हाईवा का 2500 रुपये काटा जाता है. यानी वाहन मालिक से कुल एक वाहन के पीछे 10,500 रुपये वसूला जाता हैं, अतिरिक्त रेत भरने का लिया जा रहा है. जिससे आम नागरिक को रेत की बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है.

यह खबर की थी प्रकाशित-

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सूत्र ये भी बताते हैं कि इस खेल में खनिज अधिकारियों का भी हाथ होता है. जिन्हें एक बड़ी रकम हर महीने पहुंचा दी जाती है. इतना ही नहीं जिला प्रशासनिक कर्मचारियों को भी हिस्सा दिया जाता है. ताकि शासन की कार्रवाई के पहले ही खदान संचालकों को कार्रवाई की भनक लग सके. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले साल पलारी विकासखंड के मोहान रेत खदान में देखने को मिला था. जहां कार्रवाई की सूचना मिलते ही वाहन महानदी से गायब हो गये थे. अब देखना ये होगा कि इस बड़ी कार्रवाई के बाद राज्य शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने वाले रेत खदानों के माफियाओं पर क्या कार्रवाई होती है.

आपको यह भी बता दे कि रेत का उत्खनन एवं परिवहन रात में प्रतिबंध रहता है और यह पर्यावरण विभाग भी कहता है पर जिले में रात्रि में ही महानदी का सीना छलनी किया जाता है और लाखों टन रेत बगैर रायल्टी के बाहर भेज दिया जाता है।

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सूत्र बताते हैं कि इस अवैध उत्खनन एवं परिवहन मे जिले के बड़े दिग्गज जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं जिनकी हाईवा वाहन इस अवैध उत्खनन एवं परिवहन मे लगी है और यही लोग छत्तीसगढ़ राज्य को राजस्व हानि पहुंचाने में पीछे नहीं हट रहे हैं।

अभी हमारी खबर समाप्त नही हुई है एपिसोड लगातार जारी रहेगा। हमारे दर्शको को खबर को किस्त-क़िस्त में प्रकाशित कर जिले में चल रहे भ्रस्टाचार का खेल की जानकारी देते रहेंगे! सच को आप तक पहुचना और राज्य में हो रही सच्ची घटनाओं से अवगत कराना ही हमारे चैनल का उद्देश्य हैं!

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