क्या आप भी टिफिन मंगाते हैं? तो हो जाइये सावधान!! छत्तीसगढ़ में टिफिन का बिल स्वास्थ्यकर्मी को भरना पढ़ा 11 लाख!! सेक्स रैकेट की वह कहानी पढ़िए जिसका जिन्न अब तक पुलिस की फाइल में दफ्न है…
छत्तीसगढ़ के ‘बलौदाबाजार सेक्स रैकेट’ की पूरी कहानी क्या हैं?
Chhattisgarh sex racket busted: सेक्स शब्द सुनते ही शरीर में जिनके सनसनी मच जाती है उनके लिए यह खबर काम की है। असल में इसी सनसनी को शांत करने के लिए एक गिरोह ने बलौदा बाजार में टिफिन सप्लाई का कारोबार शुरू किया। जिसका अब सनसनीखेज खुलासा हो रहा है। मामले में अब तक 5 एफआईआर दर्ज हुई है वहीं अपराध में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
sex racket busted: कहानी की शुरुआत कोरोना काल में हुई जब लोग एक दूसरे से दूरी बना लिए थे। उस भयानक दौर में भी कोई था जो काम कर रहा था। भाग दौड़ कर रहा था, नेटवर्क खड़ा कर रहा था। नेटवर्क नहीं बल्कि वह एक ऐसे व्यापार का अंपायर खड़ा कर रहा था जिसे लोग घिनौना काम मानते हैं और काम का नाम तक लेना उचित नहीं समझते, खासकर धनाढ्य और मध्यम के सफेदपोश लोग इस काम में बढ़चड़कर शामिल तो हुए लेकिन अपने घर परिवार और समाज में संत बने रहे। यह भी कह सकते हैं हंस की भेष में बगुला।
टिफिन का बिल स्वास्थ्यकर्मी को भरना पढ़ा 11 लाख
टिफिन सेंटर चलाने वाले एक व्यापारी ने खाने की टिफिन लेने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी को टिफिन में लजीज खाना के साथ सौंदर्य का इंजेक्शन परोसकर 11 लाख रुपए का बिल वसूल किया है। इस मामले का खुलासा होने के बाद अब पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी टिफिन सेंटर संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दी है।
बताया जा रहा है कि हवस मिटाने के शौकीन स्वास्थ्य कर्मचारी सहित अनाप शनाप तरीके से पैसा कमाने वाले शहर की कई मोटी मछलियों को टिफिन सेंटर की आड़ में गरम गोश्त का चारा डालकर टिफिन सेंटर संचालक ने मोटी कमाई की है। इसके लिए उसने एक गिरोह बनाकर एक नए अपराध को शहर में शुरू कर दिया जिसे बड़े शहरों में सेक्स एक्सटॉर्शन के नाम से जाना जाता है।
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छत्तीसगढ़ के ‘बलौदाबाजार सेक्स रैकेट’ की पूरी कहानी क्या हैं?
ऐसे ही सफेदपोश लोग जो कोराेना काल में अकेले रह रहे थे, खाने पीने की जिन्हें दिक्कत हो गई थी, जो चाहते थे किसी से मिलना, जो चाहते थे की कोई उनसे आकार मिले ऐसे ही लोगों के लिए मिलने जुलने की व्यवस्था करने का कारोबार टिफिन सप्लाई करने वाले ने किया। ऐसे समय में बलौदा बाजार का एक युवा व्यापारी जो टिफिन सेंटर चलाने का काम करता था सामने आया। जिसने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों से दोस्ती कर कोरोना के मरीजों को खाने के लिए जहां टिफिन सप्लाई किया। वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए टिफिन के साथ लजीज व्यंजन और जिस्म परोसा। काम धीरे धीरे बढ़ता गया और टिफिन सेंटर संचालक स्वास्थ्य विभाग के सेमिनार और बैठकों में कैटरर की भूमिका निभाने लगा, खाने की टिफिन के साथ ही खाने की थाली भी सप्लाई करने लगा। सप्लाई करने के दौरान ही शहर की भीड़ में अकेले रह रहे बेचारे पत्नी और प्रेमिका से पीड़ित पुरुषों से उसकी मुलाकात हुई, जिनको जिस्म की भूख थी। ऐसे ही लोगों की भूख शांत करने के लिए टिफिन सेंटर संचालक ने ऐसी टिफिन सप्लाई शुरू कर दिया जो पेट के साथ साथ तन, मन और शरीर की भूख प्यास भी शांत करता था। जी हां आप सही समझे लड़कियों के शरीर का धंधा उस बलौदा बाजार में शुरू कर दिया जिसे बैल बोदा के व्यापार के लिए जाना जाता है, यहां यह व्यापारी ने देह व्यापार का धंधा शुरू किया।
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बलौदा बाजार में सेक्स रैकेट चलाने की शुरुआत किसने किया?
जिस व्यापार को उसने शुरू किया वह इस तरह से मुनाफा दिया कि टिफिन का कारोबार फलने फूलने लगा। जिन्हें भूख लगी थी उनके लिए खाने की सप्लाई की गई। जिन्हें जिस्म की भूख लगी थी उन्हें उनकी टिफिन में जिस्म परोसा गया। इस टिफिन के व्यापार को देखकर नेता, वकील, पुलिस और पत्रकारों के भी आंखें चौंधिया गई। कमाई थी ही इतनी ज्यादा की जो भी इसको देखा वह आकर्षण से नहीं बच पाया। इसी कारोबार के साथ ही टिफिन सेंटर संचालक ने भयादोहन या फिर कहें सेक्स एक्सटोर्शन का काम शुरू कर दिया। जिनकी जिस्म की भूख उसकी टिफिन ने शांत किया उसी टिफिन के साथ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया। कुछ को सिर्फ टिफिन दिखाकर और फोटो, वीडियो बनाकर वायरल करने और महिला संबंधित अपराधों में फंसा देने के नाम पर धमकाया गया और लाखों रुपए वसूल कर लिया। कोई कमाई करे और इसका राज न खुले ऐसा हो नहीं सकता, राज खुला धीरे धीरे यह कारोबार बढ़ने लगा शहर के नव धनाढ्य, कबाड़ का व्यवसाय, ब्याज का कारोबार करने वाले, बैंक कर्मी, कंपनी कर्मचारी से लेकर हर किसी तक जो जिस्म की भूख रखते थे उन्हें बोटी उपलब्ध कराई गई। साथ ही उन्हें ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल की गई। अब तक दर्ज किए गए मामलों में 52 लाख रुपए की वसूली किए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
कैसे हुआ सेक्स रैकेट का खुलासा?
इस कारोबार में समस्या तब आई जब पत्रकारों ने मुद्दा उठाया, क्योंकि कुछ पत्रकारों ने चालकी कर जिस्म के भूखे भेड़ियों का गला दबोचकर वसूली कर लिया था। इस बात का खुलासा तब हुई जब पत्रकारों ने खबरें छापना शुरू कर दिया। हालांकि इसी बीच पत्रकारों में भी लड़ाई हो गई, कुछ पत्रकार इस गला दबोचकर की गई भेड़ियों से वसूली को सही मान रहे थे तो बहुत से पत्रकार इसके विरोध में खड़े हो गए। इसका असर हुआ यह कि पुलिस को कार्रवाई शुरू करनी पड़ी। मामले की पहली एफआईआर 250/2024 दर्ज हुई तो फिर देह व्यापार में लिप्त कई लोग शहर से गायब हो गए। वहीं पुलिस सेक्स एक्सटोर्शन के मामले में वकील की गिरफ्तारी से कार्रवाई की शुरुआत की। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पाती तब तक तीन और मामले 260/2024, 261/2024 और 262/2024 दर्ज करने पड़े। क्योंकि जिस्म के भूख रखने वाले शहर के नव धनाढ्य से वसूली जो हुई थी, सभी मी टू मी टू करते हुए पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराने आ पहुंचे।
सेक्स रैकेट मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने की अब तक 9 गिरफ्तारी
पुलिस अब तक मामले में 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की है, 9वीं गिरफ्तारी टिफिन सेंटर संचालक लक्ष्मीकांत केसरवानी की हुई है। बताया जा रहा है कि इसी ने बलौदा बाजार में सेक्स रैकेट चलाने की शुरुआत की था। जो महिला सहयोगी पुष्पमाला फेंकर और रवीना टंडन के माध्यम से अपने काम को संचालित करता था। आरोपी की चालाकी को इस बात से समझा जा सकता है कि जब पुलिस इस मामले में एफआईआर और गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू की तो आरोपी पुलिस को गुमराह करते हुए खुद सरकारी गवाह बन गया। वहीं मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को भनक तक नहीं लगने दिया कि वह ही सरगना और मास्टर माइंड है। जबकि पुलिस की कहानी में पूर्व विधायक के विधायक प्रतिनिधि रहे शिरीष पांडे, प्रत्युष उर्फ मोंटी मरैया, दुर्गा टंडन और पुष्पमाला फेंकर ही मुख्य सरगना थे, लेकिन जैसे ही शिरीष पांडे की गिरफ्तारी हुई उसके बाद पुलिस की जांच की दिशा भी बदल गई। पुलिस की जांच की दशा और दिशा भी तब बदल गई जब पुलिस विभाग में पदस्थ प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी को पुलिस गिरफ्तार की।
पुलिस सूत्रों की माने तो इस दौरान पुलिस की जांच में कई तकनीकी गड़बड़ी का पता चला इसपर पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने मामले की जांच के लिए पुलिस की टीम बदल दी। अब तक जो जांच थाना और एसडीओपी तक सीमित थी जैसे ही पूर्व थाना प्रभारी का नाम इस मामले में वसूली करने में जुड़ा एसपी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हेमसागर सिदार, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय राजेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की जो अब नए सिरे से मामले की जांच कर रही है। वहीं जांच में कई पत्रकारों के नाम भी अब सामने आ रहे हैं। जिनकी आगामी दिनों में गिरफ्तारी होगी।
सूत्रों की माने तो पत्रकारों को जैसे ही पता चला कि उनका नाम वसूली में आया है कुछ पत्रकार जहां वसूली का पैसा वापस कर दिए वहीं कुछ अनर्गल प्रलाप करना शुरू कर दिए हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो एक पत्रकार ने ब्लैकमेलर से क्रेटा कार की तक मांग की थी। यह भी बात निकलकर आई है कि मामला को रफा दफा करने के एवज में पत्रकार ने गार्डन चौक बलौदा बाजार में क्रेटा कार की मांग ब्लैकमेलरों से की थी, हालांकि बात बनी नहीं, लेकिन कहा जा रहा है कि उस तक सेक्स एक्सटोर्शन की रकम पहुंची थी, जिसकी जानकारी पुलिस को हो गई है।
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वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस इस मामले में जांच कर रही है, पुलिस किसी भी वक्त मामले में वसूली करने वाले कथित पत्रकारों का गला दबोच सकती है।
पांचवी FIR में ये लोग शामिल: इधर बलौदा बाजार शहर और आसपास के विभिन्न लोगों को अपने झांसे में लेकर उन्हें महिला संबंधी अपराध में फंसाने और लोक-लाज का भय दिखाकर लाखों रुपए की मोटी रकम वसूली करने संबंधी मामले में 10 सितंबर को सिटी कोतवाली में दर्ज पांचवीं एफआईआर अपराध क्र. 598/2024 धारा 384, 389, 34 भादवि के तहत प्रकरण में पहले लक्ष्मीकांत केसरवानी और पुष्पमाला फेंकर को गिरफ्तार की थी। वहीं 11 सितंबर को एक और आरोपी बिल्हा के दगौरी निवासी रवीना टंडन 22 वर्ष को प्रकरण में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यही पुलिस ने 10 जून को पांचवी FIR दर्ज कर 24 घंटे के भीतर तीनो आरोपी को पकड़ने में कामयाब हु।
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