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Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024, छत्तीसगढ़ की 10 सीटों पर खिले कमल के फूल, कोरबा की भाभी के हाथ ने तोड़ दीये कमल, जानिए कहा कितने वोटों से जीते प्रत्याशी

Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024, छत्तीसगढ़ की 10 सीटों पर खिले कमल के फूल, कोरबा की भाभी के हाथ ने तोड़ दीये कमल, जानिए कहा कितने वोटों से जीते प्रत्याशी
Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024, छत्तीसगढ़ की 10 सीटों पर खिले कमल के फूल, कोरबा की भाभी के हाथ ने तोड़ दीये कमल, जानिए कहा कितने वोटों से जीते प्रत्याशी

Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024, छत्तीसगढ़ की 10 सीटों पर खिले कमल के फूल, कोरबा की भाभी के हाथ ने तोड़ दीये कमल, जानिए कहा कितने वोटों से जीते प्रत्याशी

Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024: छत्तीसगढ़ प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव में चौकाने के बाद एक बार फिर कमाल कर दिया है. छ्त्तीसगढ़ प्रदेश में कुल 11 सीटों में से 10 सीटों पर कमल का फूल खिलाया है. कोरबा में जरूर दीदी और भाभी की लड़ाई में दीदी को हार का मुंह देखना पड़ा है.

Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024: छत्तीसगढ़ के सियासी रण में बीजेपी ने अपना जोरदार प्रदर्शन किया है. पार्टी 8 सीटों पर विजय हासिल कर चुकी है. दो सीटों पर वो आगे चल रही है. हाई प्रोफाइल सीट राजनांदगांव पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हार गए हैं. पूर्व सीएम भूपेश बघेल को संतोष पांडेय ने हराया है. कोरबा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा है. ज्योत्सना महंत ने सरोज पांडेय को कड़ी टक्कर में शिकस्त दी है.

7 सीटों पर बीजेपी की जीत, 3 पर आगे?

कमलेश जांगड़े ने गद्दावर नेता कांग्रेस प्रत्यासी डॉ. शिव कुमार डहरिया को 20 वें राउंड की गिनती के बाद हराया. कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत चुनाव जीत गई हैं. ज्योत्सना महंत ने बीजेपी की तेज तर्रार नेता सरोज पांडेय को हराया है. महासमुंद लोकसभा सीट से बीजेपी की रुप कुमारी चौधरी ने जीत दर्ज की है. रुप कुमारी चौधरी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता ताम्रध्वज साहू को परास्त किया है. रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने बड़े मार्जिन से कांग्रेस के विकास उपाध्याय को हरा दिया है.

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बीजेपी ने सरगुजा लोकसभा की सीट जीत ली है. चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस की शशि सिंह को 64 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया है. चिंतामणि महाराज का मुकाबला कांग्रेस की तेज तर्रार महिला नेत्री शशि सिंह से था. दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल ने जीत दर्ज की है. विजय बघेल ने कांग्रेस के राजेंद्र साहू को हराया. रायगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के राधेश्याम राठिया ने जीत दर्ज की है. राधेश्याम राठिया ने कांग्रेस की मेनका सिंह को हराया है. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से बीजेपी की कमलेश जांगड़े चुनाव जीत गईं हैं. –Chhattisgarh Lok Sabha Election Results 2024

आखिर कौन हैं बृजमोहन अग्रवाल?

बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण सीट से 8 बार भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए हैं. पटवा सरकार में वो मंत्री पद पर भी काम कर चुके हैं. रमन सिंह के 15 सालों के शासन काल में वो तीनों बार मंत्री बने. बृजमोहन अग्रवाल ने कानून की पढ़ाई भी की है. विधानसभा में वो हमेशा से मुखर वक्ताओं के रुप में गिने जाते रहे हैं. मध्यप्रदेश विधानसभा ने उनको सर्वश्रेष्ठ विधायक के सम्मान से भी नवाजा है. कॉलेज के शुरुआती दिनों से ही वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य रहे. छात्रसंघ के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया. राजनीति का लंबा अनुभव उनको रहा है. बहुत कम ऐसे नेता छत्तीसगढ़ में होंगे जो पांच बार एक ही सीट से विधायक चुने गए होंगे. बृजमोहन अग्रवाल एकमात्र ऐसे नेता हैं जो पांच पर विधायक एक ही सीट से चुने जा चुके हैं.

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कौन हैं संतोष पांडेय? कैसे हारा भुपेश?

बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच संतोष पांडेय की छवि एक जुझारू नेता की शुरु से रही है. संतोष पांडेय के बारे में कहा जाता है कि वो गांव के कई कार्यकर्ताओं को उनके नाम से जानते हैं. संतोष पांडेय लगतार राजनंदगांव सीट पर एक्टिव रहे हैं. क्षेत्र की जनता के बीच लगातार उनकी उपस्थिति दर्ज होती रही है.

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कौन हैं ज्योत्सना महंत? जिसने सरोज पांडे को हराया

ज्योत्सना महंत 2019 में पहली बार कोरबा लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई हैं. मोदी लहर में भी वो कोरबा सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहीं. ज्योत्सना महंत के पति चरणदास महंत इससे पहले इस सीट से सांसद रह चुके हैं. कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का शुरु से दबदबा रहा है.

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आखिर कौन हैं विजय बघेल?

विजय बघेल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं. विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने चाचा भूपेश बघेल के खिलाफ ताल ठोकी थी. विधानसभा चुनाव में उनको करारी हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा में हार के बावजूद विजय बघेल पर पार्टी ने भरोसा जताया और उनको लोकसभा चुनाव का टिकट दिया. विजय बघेल ओबीसी कोटे से आते हैं. दुर्ग लोकसभा सीट पर ओबीसी वोटरों की संख्या काफी है. लिहाजा पार्टी ने ओबीसी वोटरों को ध्यान में रखते हुए विजय बघेल को मैदान में उतारा था.

आखिर कौन हैं चिंतामणि महाराज?

चिंतामणि महाराज संत गहिरा गुरु के बेटे हैं. वो लंबे वक्त से सक्रिय राजनीति में रहे हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में वो सामरी से कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी चुने जा चुके हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने के बाद से वो नाराज चल रहे थे. चुनाव से ठीक पहले चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का दामन थामा. चिंतामणि महाराज के सरगुजा क्षेत्र में लाखों की संख्या में भक्त हैं. सरगुजा के बड़े इलाके में संत गहिरा गुरु का अच्छा खासा असर रहा है. चिंतामणि महाराज को इसका फायदा मिला और उन्होने इस सीट से जीत दर्ज की. चिंतामणि महाराज ने 64582 मतों से शशि सिंह को शिकस्त दी.

आखिर कौन हैं राधेश्याम राठिया?

राधेश्याम राठिया ने बीजेपी में कार्यकर्ता के पद से राजनीति की शुरुआत की और आज वो सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. राधेश्याम राठिया की छवि एक जुझारु नेता की शुरु से रही है. क्षेत्र में उनकी छवि बीजेपी के दिग्गज नेता के रुप में की जाती है. राधेश्याम राठिया 90 के दशक से भारतीय जनता से पार्टी से जुड़े हैं. राधेश्याम राठिया ने अपनी राजनीति की शुरुआत उप सरपंच के पद से चुनाव जीतकर की. उनकी प्रतिभा को देखते हुए पार्टी ने उनको अहम जिम्मेदारियां सौंपी.

आखिर कौन हैं कमलेश जांगड़े?

कमलेश जांगड़े भारतीय जनता पार्टी में लंबे वक्त से कई पदों पर काम कर चुकी हैं. जांगड़े जांजगीर चांपा जिले की जिला उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. जांगड़े के परिवार लंबे वक्त से संघ की पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है. कमलेश जांगड़े की गिनती बीजेपी के तेज तर्रार महिला नेताओं में की जाती है.

आखिर कौन हैं रुपकुमारी चौधरी?

रुप कुमारी चौधरी भारतीय जनता पार्टी में कई पदों पर काम कर चुकी हैं. चौधरी साल 2015 से लेकर 2018 तक संसदीय सचिव रहीं. विधायक बनने से पहले वो जिला पंचायत की सदस्य रहीं. भारतीय जनता पार्टी में उनकी पकड़ लगातार मजबूत होती रही. संघ की नजरों में भी उनकी छवि बेहतर मानी जाती रही है. पार्टी के लिए उनका समर्पण और उनकी मेहनत को देखते हुए ही उनको सांसद का टिकट बीजेपी आलाकमान ने दिया. रुप कुमारी चौधरी बसना विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुकी हैं.

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आखिर कौन हैं महेश कश्यप?

महेश कश्यप प्रत्याशी चयन के दौरान संघ की पहली पंसद थे. महेश कश्यप ने पार्टी के लिए ग्रास रुट लेवल से लेकर पंचायत स्तर तक काम किया. बस्तर में पार्टी को खड़ा करने के लिए सालों तक कड़ी मेहनत की. नक्सली खतरे के बीच पार्टी का झंडा बस्तर में सालों तक बुलंद किया. पार्टी ने इसका इनाम दिया और बस्तर सीट से चुनाव मैदान में उतारा.

आखिर कौन हैं भोजराज नाग?

बीजेपी के कट्टर हिंदू माने जाने वाले नेता भोजराज का नाग का मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता बीरेश ठाकुर से हुआ. कांकेर में भोजराज नाग की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के रुप में मानी जाती है. लंबे वक्त से वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं. संघ की गुड बुक में भी भोजराज नाग का नाम शामिल रहा है. साल 2014 में भोजराज नाग अंतागढ़ विधानसभा में हुए उपचुनाव में जीते थे. उनकी योग्यता को देखते हुए ही पार्टी ने अपने सिटिंग सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को चुनावी मैदान में मौका दिया.

आखिर कौन हैं तोखन साहू?

तोखन साहू लंबे वक्त से भाजपा के कई पदों पर काम कर चुके हैं. राजनीति का लंबा अनुभव और उनके बेहतर छवि को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने उनको मौका दिया. तोखन साहू की छवि एक साफ और सुलझे हुए नेता की रही है. पार्टी जो भी उनको जिम्मेदारी देती है उसे वो पूरे मन से पूरा करते हैं.

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तीन चरणों में 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव?

11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए. 19 अप्रैल को नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट, 26 अप्रैल को राजनांदगांव, कांकेर और महासमुंद में मतदान हुआ. तीसरे चरण में 7 मई सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट पर मतदान हुआ.

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