अमलकुण्डा पंचायत के पंचायत पदाधिकारी सह ग्रामीणो ने पंचायत सचिव को हटाने की मांग की
आखिर किस प्रकार से जिला प्रशासन ग्रामीण की शिकायत और मांग को पूरा करेंगे?
Baloda Bazar News: लाख प्रयास के बाद भी सरकारी कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। अधिकारियों का ड्यूटी आने का ढर्रा वर्षों पुराना है, कर्मचारी भी अधिकारी के न आने पर मस्ती काटते नजर आते हैं। ग्राम पंचायत सचिव के मनमाने तरीके से काम करने के कारण सोमवार को ग्रामीण शिकायत करने जनपद कार्यालय पहुंचे। सचिव के मनमाने रवैये से परेशान ग्रामीणों ने बताया कि सचिव के बहुत कम समय के लिए कभी-कभी ग्राम पंचायत में आते हैं। कोई काम लेकर जाने पर वह आनाकानी करने के साथ ही हितग्राहियों को बार-बार एक ही काम के लिए चक्कर कटवाते हैं।
ग्राम पंचायत सचिव को हटाने की ग्रामीणों ने की मांग
जिला बलौदाबाजार भाटापारा के बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अमलकुण्डा जहाँ ग्रामीण सह पंचायत पदाधिकारीयों ने पंचायत सचिव के सेवा कार्य से परेशान नजर आ रहे है ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत अमलकुण्डा के सचिव सुरेश निषाद द्वारा पंचायत कार्यलय मे महीने दो महीने गायब रहते है किसी काम को लेके अगर फ़ोन के माध्यम से बात करना चाहते है तो बात नहीं होता है अगर बात होता है तो सचिव द्वारा कहते है कि अगर काम करवाना चाहते हो तो मेरे निवास कसडोल आ जाओ कहा जाता है इस प्रकार से जवाब दिया जाता है अमलकुण्डा पंचायत सचिव के कार्यप्रणाली से परेशान ग्रामीणों ने बलौदाबाजार सीईओ को सौंपे शिकायती आवेदन में मांग किया है कि प्रशासन के द्वारा पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से नहीं हटाया गया तो आगामी समय मे जनपद एवं जिले मे समस्त ग्रामवासियो द्वारा आंदोलन किया जायेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होंगी । पंचायत सचिव के तानाशाह रवैये के कारण पंचायत में होने वाले विकास कार्य भी रुके हुए हैं। इसके कारण ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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पंचायत कार्यालय से नदारद रहते हैं सचिव
ग्रामीणोंं ने बताया सचिव सुरेश निषाद ग्राम पंचायत नियमित नहीं पहुंचते हैं। इससे छोटे-छोटे काम के लिए हमें परेशान होना पड़ता है। इसके अलावा कई बैठकें का भी आयोजन नहीं हो पाता है। साथ ही यदि कोई ग्रामीण ग्राम पंचायत सचिव के घर काम को लेकर जाना पड़ता है । ग्रामीणों ने बताया कि सचिव के एक हस्ताक्षर के लिए महीनों का चक्कर काटना पड़ता है।
क्या जिला प्रशासन इस शिकायत और मांग को गंभीरता से संज्ञान मे लेंगे?
आखिर किस प्रकार से जिला प्रशासन ग्रामीण की शिकायत और मांग को पूरा करेंगे?