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CG News Updates: छत्तीसगढ़ की बहू बनी सिविल जज! अंजु कंवर का सिविल जज पद पर कैसे हुआ चयन जानिए होने पर ग्रामीणों ने किया सम्मान

CG News Updates: छत्तीसगढ़ की बहू बनी सिविल जज! अंजु कंवर का सिविल जज पद पर कैसे हुआ चयन जानिए होने पर ग्रामीणों ने किया सम्मान
CG News Updates: छत्तीसगढ़ की बहू बनी सिविल जज! अंजु कंवर का सिविल जज पद पर कैसे हुआ चयन जानिए होने पर ग्रामीणों ने किया सम्मान

आदिवासी बाहुल्य गांव ठरकपुर की होनहार बहू अंजू कंवर का सिविल जज के पद पर चयन होने से समूचा गांव गौरवान्वित और खुशी का मौहोल, अंजू की कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणादायी है। आईए जानते हैं, कौन है अंजू और उसने इस सफर को कैसे पूरा किया।

Selection for the post of Civil Judge in chhattisgarh /भूपेन्द्र साहू/Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला अन्तर्गत मड़वारानी के समीप लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे आदिवासी बाहुल्य गांव ठरकपुर की होनहार बहू अंजू कंवर का सिविल जज के पद पर चयन होने से समूचा गांव गौरवान्वित महसूस कर रहा है। अंजू कंवर का ग्रामवासियों ने एक समारोह आयोजित कर नागरिक अभिनंदन किया। इस तरह की कठिन प्रतिस्पर्धा वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़ी संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं लेकिन निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने वाले कुछ गिने चुने ही सफल हो पाते हैं जिनमें से अंजू कंवर भी एक है। वास्तव में इस मुकाम को हासिल करने वाली अंजू की कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणादायी है। आईए जानते हैं, कौन है अंजू और उसने इस सफर को कैसे पूरा किया।

Selection for the post of Civil Judge in chhattisgarh: ग्राम पंचायत गाड़ापाली के आश्रित ग्र्राम ठरकपुर की बहू अंजू कंवर का विवाह ठरकपुर के अर्जुन िंसंह कंवर के साथ वर्ष 2010 में हुआ। अर्जुन सिंह कंवर, अंजू से विवाह पूर्व ही शिक्षा कर्मी वर्ग तीन के पद पर पदस्थ रहे हैं। अंजू कंवर इससे पहले शिक्षा कर्मी वर्ग दो के पद पर कार्यरत थी तत्पश्चात लैब टेक्निशियन के पद पर पदस्थ रही हैं। अंजू के पिता स्वयं एक सेवानिवृत्त जज रह चुके हैं। वर्तमान में अर्जुन और अंजू की दो संतानें हैं।

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बहु से जज बनने तक का सफर 

Selection for the post of Civil Judge in chhattisgarh: स्वयं में कुछ कर गुजरने का जज्बा ही अंजू को इस मुकाम तक पहुंचाया है वर्ना गृहस्थी और दो बच्चों की जिम्मेदारी सम्हालते हुए कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में स्वयं को खरा साबित करते हुए मंजिल हासिल करना आसान कार्य नहीं है। अंजू ने अपनी सफलता के पीछे प्रमुख प्रेरणा अपने पिता फूलसिंह कंवर सेवानिवृत्त जज, पति अर्जुन सिंह कंवर, बड़ी ननद स्वास्थ्य कर्मी गणेशी कंवर, बड़े ननदोई डॉ. उत्तम सिंह कंवर सहित अन्य परिजनों के सतत सहयोग व उत्साहवर्धन को महत्वपूर्ण मानती हैं। अंजू का यह सफर साबित करता है कि जहां चाह, वहां राह। अंजू का मानना है कि दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से की गई कड़ी मेहनत का परिणाम सदैव सुखदायी होता है।

ललक और निष्ठापूर्वक मेहनत करने की क्षमता होनी चाहिए

नागरिक अभिनंदन करते हुए सेवानिवृत्त रेलवे चिकित्सक डा. श्यामलाल कंवर ने कहा कि वास्तव में अंजू ने जिस मुकाम को हासिल किया है अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी है क्योंकि उसने नौकरी के साथ ही दो बच्चों के परिवरिश की जिम्मेदारी निभाते हुए परीक्षा की तैयारियां के लिए कड़ी मेहनत की और सफलता हासिल किया।

Selection for the post of Civil Judge in chhattisgarh: उन्होंने आगे कहा कि अंजू ने समूचे गांव को गौरवान्वित करने के साथ ही आदिवासी समाज का मान बढ़ाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अवसर सभी को मिलते हैं, हासिल उसी को होता है जिसके अन्दर उसे हासिल करने की पूरी ललक और निष्ठापूर्वक मेहनत करने की क्षमता होती है। सम्मान स्वरूप अंजू को जिला न्यायालय कोरबा में पदस्थ शीघ्रलेखक कुलदीप सिंह पैकरा, कोरबा जिला पुलिस आरक्षक अशोक सिंह कंवर के करकमलों से आदिवासी प्रतीक चिह्न भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।

 

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