CG News Update : कंधों में भविष्य और हथेली में जान लिये नदी पार कर बच्चे जाते हैं स्कूल–ग्रामीणों ने की सरकार से पुल बनाने की मांग
Chhattisgarh Talk / रामकुमार भारद्वाज / कोण्डागांव न्यूज़ : छत्तीसगढ़ में इन दिनों सियासी हवाएं तेज हो गई है, चारों तरफ राजनीति दलों के नेता विकास की गाथा बयां करते नजर आ रहें है। लेकिन इसी विकास की गंगधारा के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आ गई, जिससे विकास के सारे दावों की पोल खुल गई। आज के इस दौर में जब हम विकास की बात करते हैं और हालात ऐसे हों कि आपके हमारे बच्चों को नदी पार कर रोजाना स्कूल जाना पड़े या पड़ोसी गांव की पंचायत में बने स्कूल तक पहुंचने में साधन न हो तो ऐसा विकास किस काम का है।
केशकाल विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी गांव का मामला–
CG News Update : कोण्डागांव जिले के केशकाल विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत परोदा के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूली बच्चे स्कूल चलें हम, चलते चले हम नारे को बुलंद कर रहें हैं। इनके जज़्बे को सलाम करने का हर किसी का दिल चाहेगा। हाथों में चप्पल और कंधे पर बैग लिए ये बच्चे पढ़ने के लिए रोजाना इसी तरह से स्कूल जाते हैं। अभिभावकों को रोज इनके लौटने तक डर बना रहता है कि उनका बच्चा सही सलामत घर वापस लौट आए।
–गांव में है केवल प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय–
CG News Update : ऐसा नहीं कि इन बच्चों के लिए पंचायत में स्कूल नहीं है, लेकिन जो स्कूल है वो सिर्फ प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल है और हाई एंव हायर सेकंडरी सहित आत्मानंद स्कूल के बच्चें बगल की पंचायत कोनगुड़ में बने स्कूल में पढ़ने जाते हैं। इस बीच उन्हें कोंनगुड़ नदी को रोजाना पार करना पड़ता है, तस्वीरें जिले के विकासखंड फरसगांव के ग्राम पंचायत परोदा का है। जहां परोदा गांव के कई बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर स्कूल में पढ़ाई करने के लिए विवश हैं।
नदी पर पुल निर्माण की मांग–
CG News Update : ग्रामीण मनोज कुमार बघेल, संतोष बघेल, चेतेश मरापी, शोमनाथ शोरी, रमेश शोरी, मनकिशोर बघेल, राजकुमार मंडावी, रामेश्वर पोटाई, महेंद्र मंडावी सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम परोदा से पुलिया निर्माण होने पर कोनगुड़ डेढ़ किमी की दूरी है वही अगर घूम कर जाया जाए तो 12 से 15 किमी दूरी तय करना पड़ता है। वर्षों से इस नदी पर पुलिया निर्माण के लिए हमने कई आवेदन दिए। स्थानीय विधायक के जाकर गुहार लगाई लेकिन आज तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। बच्चों को पढ़ना जरूरी तो है, लेकिन कई प्रकार के खतरे उन्हें इस बात की आज्ञा नहीं देते हैं कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें।
CG News Update : ग्रामीण चाहते हैं कि गांव से स्कूल जाने के रास्ते में पक्की सड़क और नदी पर पुल का निर्माण हो जाये। जिससे बच्चों को स्कूल जाने में कोई परेशानी न हो। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों का भविष्य बेहतर हो यह उनकी भी चिंता है लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार को इससे बहुत ज्यादा लेना देना नहीं रह गया है।