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CG Illicit liquor: शराब माफ़ियाओ का क़हर, बे ख़ौफ़ बेच रहे ज़हर, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ बना अवैध शराब का गढ़

CG Illicit liquor: शराब माफ़ियाओ का क़हर, बे ख़ौफ़ बेच रहे ज़हर, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ बना अवैध शराब का गढ़
CG Illicit liquor: शराब माफ़ियाओ का क़हर, बे ख़ौफ़ बेच रहे ज़हर, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ बना अवैध शराब का गढ़

CG Illicit liquor: शराब माफ़ियाओ का क़हर, बे ख़ौफ़ बेच रहे ज़हर, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ बना अवैध शराब का गढ़

अमित पाण्डेय/राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ डोंगरगढ़ लगातार अवैध शराब का गढ़ बनता जा रहा है। क्षेत्र में लगातार अवैध शराब बिक्री की खबरे सामने आती रहती है जिसके विरुद्ध पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही का दावा भी किया जाता है. लेकिन सूत्रों की माने तो डोंगरगढ़ पुलिस पक्षपात पूर्ण कार्यवाही करती है यही कारण है की शराब माफियाओं के हौसले यहाँ बुलंद दिखाई पड़ते हैं। और इनके बुलंद हौसले का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की यहाँ के शराब माफिया जनप्रतिनिधि से भी मारपीट करने में बाज़ नहीं आते,और पूरे मामले में पुलिस तमाशबिन बनी दिखाई देती है। शराब माफ़ियाओ द्वारा जनप्रतिनिधियों को भी नहीं बख्शा जा रहा है ऐसे में आम जनता का यहाँ क्या हाल होगा यह आप सहज ही समझ सकते हैं.!

CG Illicit liquor: डोंगरगढ़ में नही थम रहा अवैध शराब की बिक्री शराब कोचियों को समाप्त करने शासन खुद शराब बेच रही है, लेकिन शासन का यह प्रयास विफल होते नजर आ रहा है। रोजाना नए नए कोचिए पैदा हो रहे है, कोचियों का रोजगार गरीबों और आबकारी विभाग पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। बीते छह साल पहले जब देसी और विदेशी शराब दुकानें ठेकेदारी प्रथा में संचालित होती थी, तब यह आम बात थी कि शराब कोचिया को शराब ठेकेदारों का संरक्षण मिलता था। उसे बेचने वाले कोचियो को आखिर किसका संरक्षण मिला हुआ है …? जो बेधड़क शराब का कारोबार कर रहे है..!

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शराब कोचियों को आखिर किसका संरक्षण?

CG Illicit liquor: छ्त्तीसगढ़ प्रदेश की सत्ता में बदलाव होते ही शराब के कोचिया के साथ ही खुले में शराब पीने वालों और अवैध चखना सेंटर के अवैध कब्जा पर कार्रवाई तेज की गई थी। फिर भी रोजगार का साधन बन चुकी दारू की कोचियागिरी कम नहीं हुई..!! इसकी वजह से छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पूर्व और चुनाव के बाद शराब को लेकर सियासत में आरोप प्रत्यारोप का दौर राज्य बनने के बाद से जारी है। अबकारी का लेखा जोखा इतना छाया कि  मामला ईडी और सरकार बदलने के बाद एसीबी और ईओडब्ल्यू तक गया। कई जगहों पर छापे पड़े। कई गिरफ्तारियां हुई..! लेकिन इन सब कार्यवाही में दारू की कोचियागिरी कम नहीं हुई। आम आदमी को राहत नहीं मिली। महिलाओ के लिए नया सिर दर्द बन गया। सूत्र बताते हैं कि कई जगहों पर गरीब शराब प्रेमी अब अपने मोहल्ले में ही कोचिये से महंगी शराब खरीद कर पी रहे है।

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शराब कोचियाओं द्वारा मारपीट करने का मामला

CG Illicit liquor: पूरा मामला राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ क्षेत्र में अंतर्गत ग्राम सेंदरी का है, जहां गुरुवार को सरपंच के साथ शराब कोचियाओं द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया. जिससे आक्रोशित ग्रामीण कार्यवाही की उम्मीद लेकर सैकड़ो की संख्या में डोंगरगढ़ पुलिस थाना पहुंचे थे. ग्राम के सरपंच कृष्ण कुमार सिन्हा ने बताया कि गाँव में उनके द्वारा शराबबंदी पर मीटिंग किया गया जिसमें गांव में अवैध रूप से शराब बेचने वाले व्यक्ति को बुलाकर गांव में शराब न बेचने की हिदायत दी गई थी। वही मीटिंग खत्म होने के बाद सभी अपने घर चले गए तभी गांव के द्वारका प्रसाद ने सरपंच को अपने घर के पास बुलाया और उसके साथ मारपीट की। जिससे आक्रोशित ग्रामीण डोंगरगढ़ पुलिस थाना पहुंचे थे और पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालाँकि पूरे मामले में टी आई सी आर चंद्रा ने मीडिया से कुछ भी कहने से मना कर दिया और सैकडो ग्रामीणों की शिकायत दर्ज कर खानापूर्ति कर दी है।

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सूत्रों की माने तो आज तक डोंगरगढ़ शहर व आस पास के क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री नही रुकी जिसके विरुद्ध पुलिस द्वारा लगातार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र से आने वाले अवैध शराब बरामद कर कार्यवाही भी किया जा रहा है। लेकिन इन कार्यवाहियों से असली शराब माफिया हैं जो जोरों शोरों से अवैध शराब की बिक्री कर रहे हैं वे अभी तक बचे हुए हैं, और छोटे छोटे कोचियां पर कार्यवाही कर जिम्मेदार विभाग अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहा है। यही कारण है कि ये शराब माफिया शासन को खुल्ले आम अंगूठा दिखा रहे हैं। आखिरकार इन माफियाओं को किनका संरक्षण प्राप्त हैं जो ये बिना डरे खुल्लेआम शराब बेचते हैं और किसी को भी मारपीट करने में जरा भी संकोच नहीं करते है।

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