छत्तीसगढ़ में भाजपा कार्यकर्ता पार्टी और सरकार की शराब नीति के खिलाफ मुखर, लेकिन नोटिस सिर्फ चुनिंदा को! क्या चेहरा देखकर हो रहा अनुशासन?
रायगढ़/बलौदाबाजार/रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर संभाल रही भाजपा सरकार के खिलाफ अब उसके अपने बीजेपी कार्यकर्ता ही मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं। रामराज्य का सपना दिखाकर सत्ता में आई भाजपा अब अपने ही कार्यकर्ताओं की आंखों में खटकने लगी है। छत्तीसगढ़ भाजपा में इन दिनों अनुशासन का पलड़ा किस ओर झुक रहा है, यह सवाल अब पार्टी के अंदर ही जोर पकड़ने लगा है। जहां एक ओर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को पार्टी ने सोशल मीडिया पर नेताओं के खिलाफ पोस्ट करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है, वहीं दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के गृह जिले बलौदाबाजार से भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता डॉ. कुशलराम वर्मा, पार्टी की नीतियों को रामराज्य के नाम पर धोखा बताते हुए खुलेआम सोशल मीडिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं — लेकिन वहां कोई नोटिस नहीं।
भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ: कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के जिले से भाजपा कार्यकर्ता का तीखा हमला
बलौदाबाजार जिले से भाजपा के पुराने और सक्रिय कार्यकर्ता डॉ. कुशलराम वर्मा ने सोशल मीडिया पर सरकार की शराब नीति को लेकर बगावत कर दी है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा:
“राम राज्य की बात कर सत्ता में आते ही शराब की दुकान खोले जा रहे हैं ऐ कैसी राम राज्य हैं क्या यही सोचकर भाजपा को वोट दिलाए थे एक पार्टी कार्य कर्ता होने के नाते मुझे शर्म आती हैं हमारी पार्टी और कांग्रेस में क्या अंतर है अच्छा होता समय रहते सुधार कर लो नहीं तो समय बतायेगा जय जय सियाराम…” -डॉ. कुशल राम वर्मा, भाजपा कार्यकर्ता, फेसबुक पोस्ट
ये बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा खुद को नैतिक मूल्यों और संस्कृति की राजनीति की ध्वजवाहक बताती है।
भाजपा कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ —BJP के दो चेहरे? एक को नोटिस, दूसरे को छूट?
एक तरफ पार्टी ने रायगढ़ के भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर कारण बताओ नोटिस भेज दिया।
आरोप: “भाजपा नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार”।

लेकिन दूसरी तरफ, कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के गृह जिले से भाजपा कार्यकर्ता डॉ. कुशलराम वर्मा खुलेआम पार्टी की नीतियों पर हमला कर रहे हैं — और वहां भाजपा पार्टी नेतृत्व पूरी तरह खामोश है!

क्या भाजपा में अब विचारों की आज़ादी नहीं रही? या फिर पद देखकर ही कार्रवाई होती है?
इस दोहरे मापदंड ने भाजपा के अंदर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है:
- अगर कार्यकर्ता सरकार की ग़लत नीतियों को उजागर करें तो वह अपराध क्यों? और क्या सत्ता की आलोचना सिर्फ विपक्ष का अधिकार रह गया है?
- भाजपा में विरोध की आवाज़ उठाना अपराध है क्या?
- क्या कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के गढ़ में आलोचना “माफ” और बाकी जगह “सज़ा” है?
- क्या पार्टी कार्यकर्ताओं की विचारधारा से ज्यादा कुर्सी की सुरक्षा मायने रखती है?
अपने ही कार्यकर्ताओं से डरी भाजपा?
“भाजपा का असली चेहरा अब खुद उसके कार्यकर्ता उजागर कर रहे हैं। रामराज्य की बात करने वाली सरकार, अब ‘रमराज्य’ को बढ़ावा दे रही है। यह बहुत गंभीर बात है कि भाजपा में सच्चाई बोलने वाले कार्यकर्ताओं को चुप कराने की कोशिश हो रही है। रवि भगत को नोटिस दिया गया क्योंकि वो रायगढ़ से हैं, लेकिन बलौदाबाजार में मंत्री के जिले से आवाज़ उठाने पर पार्टी खामोश है। ये दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है? भाजपा के लिए अब सत्ता ही सब कुछ है, न विचारधारा बची है, न नीति। और अब तो कार्यकर्ता भी इन्हें पहचानने लगे हैं।” -हितेंद्र ठाकुर, पूर्व जिलाध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि
“डॉ. कुशलराम जैसे कार्यकर्ता भाजपा के उस अंदरूनी दर्द को बोल रहे हैं, जिसे पार्टी अब तक दबाती आ रही थी।”
अगर पार्टी ऐसे ही सच बोलने वालों को नजरअंदाज करती रही, तो जल्द ही यह “आवाज़” आंदोलन में बदल सकती है।
भाजपा के “रामराज्य” पर उठे सवाल, अब जनता ने भी खोल दी जुबान, देखिए किसमे क्या कमेंट किया?
रामराज्य के नाम पर सत्ता में आई भाजपा अब अपने ही कार्यकर्ताओं और जनता के कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है। भाजपा के ज़मीनी कार्यकर्ता डॉ. कुशलराम वर्मा द्वारा शराब नीति और पार्टी की दोहरी राजनीति पर की गई एक फेसबुक पोस्ट पर आए सैकड़ों प्रतिक्रियाएं अब इस बात का संकेत हैं कि असंतोष अब सिर्फ “भीतरघात” नहीं, बल्कि “जन घात” का रूप ले रहा है।
???? Khuman Verma:
“आप बीजेपी सदस्य होते हुए दमदारी से सही बात रख रहे हैं… छत्तीसगढ़ में अब सब बाएं होवत हे साय साय…”
???? Gopi Sahu:
“भाजपा मे आप जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं कि बात नही सुनी जा रही है जो ज़मीनी हकीकत से वाक़िफ़ है अब भाजपा वो पार्टी नही रही जो कार्यकर्ता के दम पर चलती थी”
???? Umesh Kumar Verma:
“आप बीजेपी पार्टी के बड़े नेता हैं बलौदाबाजार के भैया जी आपको भी नोटिस आ जाए गा करण बताओ नोटिस”
➤ जवाब में डॉ. कुशलराम:
“Umesh Kumar Verma मैं जमीनी कार्यकर्ता हूं जमीन से जुड़ा हुआ हूं जो सच्चाई है समय रहते बोलना चाहिए.”
???? Fanesh Verma:
“सही बात है मामा जी एक पार्टी के इस देश की जनता ने गंगाजल का कसम खाए हो करके घर बैठा दिया और दूसरे को मौका दिए तो आज राज राज में दारू की गंगा बहा रहे है”
???? Mahendra Rajak:
“शराब भट्टी छोड़ो सबसे प्रथम बात ये की राम राज्य बोलने वाले के राज्य मे आज गौ माता के लिए घर मे जगह नही किसी के पास आज दर दर भटक रही गौ माता देश मे इतने सारे नेता है किसी के दिमाक मे ये बात नही आ रही है की गौ माता की हम रक्षा करे बहुत शर्म की बात है सनातनी के नाम पर बस वोट बटोर रही है जो गौ माता सभी को बैटरनी नदी से हमको तारेगी उसी को सनातनी राज मे अनदेखा हो रहा है बहुत दुख होता है गौ माता को देखर भूखी प्याशी आज भटक रही है”
???? Tulsi Manhare:
“जब सत्ता में नहीं थे तो राज्य में पूर्ण शराबबंदी का समर्थन करने वाली पार्टी सत्ता में आया तो विचार बदल गए हैं आज जगह-जगह शराब भट्टी खोल रही है भैया जी निश्चित ही निंदनीय है”
???? पं. प्रकाश शुक्ला:
“भाजपा के कथनी और करनी मे आज जमीन आसमान के अंतर है, चारो तरफ भरस्टाचार नेता अपने मे मस्त है कोई किसी के नहीं सुनता, अधिकारी किसी के नहीं सुनते, बिना रूपये के कोई काम नहीं होता, आपके पोस्ट का समर्थन करता हूँ”
BJP में बवाल: कैबिनेट मंत्री के जिले में ही पार्टी के खिलाफ बिगुल!
यह सवाल उठता है कि
क्या भाजपा अब चेहरा और क्षेत्र देखकर अनुशासन तय कर रही है?
रवि भगत रायगढ़ से हैं, इसलिए कार्रवाई आसान है?
लेकिन बलौदाबाजार से आने वाले, मंत्री जी के इलाके के कार्यकर्ता पर पार्टी खामोश क्यों?
भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने डॉ. कुशलराम वर्मा की पोस्ट पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, न ही कोई नोटिस।
सोशल मीडिया पर भी उठने लगे सवाल?
भाजपा का अनुशासन अब पद और पहचान देखकर चलता है?
भाजपा के समर्थक ही अब सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि —
- अगर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर सरकार को रामराज्य के नाम पर घेरते हैं, तो वह “आंतरिक मंथन” कहलाता है?
- और जब वही काम युवा मोर्चा अध्यक्ष करते हैं तो वह “अनुशासनहीनता” बन जाता है?
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