सैक्स रैकेट मामले में बड़ा खुलासा, हवालात में ‘हवलदार’ लड़की पैसे लेकर निकली नहीं कि पुलिस की एंट्री, फिर कानून का डर दिखाकर तगड़ी वसूली
बहुचर्चित सेक्स रैकेट मामले में नेता, वकील, पत्रकार के बाद अब खाकी की भूमिका भी उजागर हुई है। इस मामले में बलौदाबाजार सिटी कोतवाली के हैं प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी की भी अहम भूमिका थी। वो ऐसे कि लड़की जैसे ही काम खत्म कर पैसे लेकर निकलती, पीछे से इनका खेल शुरू हो जाता। ग्राहक से कहते कि लड़की तुम्हारे खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखाने गई है। फिर केस रफा-दफा करने की एवज में तगड़ी वसूली होती। हवलदार फिलहाल हवालात में है।
बलौदाबाजार में सेक्स और धोखे का ये खेल एक साल से भी ऊपर चला। खुलासा इसी साल अप्रैल में हुआ, जब कुछ पीड़ित अपना दर्द लेकर थाने पहुंचे। मामले में पुलिस ने पुलिस ने पहले महान मिश्रा को गिरफ्तार किया। पेशे से वकील महान से पूछताछ के बाद पुलिस ने तीन और आरोपियों प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन और रवीना टंडन को गिरफ्तार किया। इनके पास करने को कुछ खास नहीं था, तो लड़की सप्लाई और अवैध वसूली में लग गए। फिर पुष्पमाल फेकर और हाल ही में मास्टर माइंड शिरीष पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। शुक्रवार को मामले में सातवें आरोपी के तौर पर हवलदार की गिरफ्तार हुई है। पुलिस फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। इधर, मामले में 2 आरोपी आशीष शुक्ला और हीराकली अब भीफरार है। बता दें कि पुलिस लगातार आरोपी को पकड़ने का पूरा प्रयास कर रही हैं। फिलहाल मामले में रैकेट में अब तक कितनों को चूना लगाया यह अभी साफ नही हुआ है, कितने की वसूली की? बहरहाल, पुलिस फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर बाकी पहलुओं पर भी जांच जारी होने की बात कह रही है। सूत्रों की मानें तो रैकेट में कुछ और पुलिसवाले भी इनवॉल्व है।
लड़की के रूम अंदर जाने, बाहर आने का फोटो खींचकर डराते थे
जानकार बताते हैं कि गिरोह द्वारा पैसे वाले बड़े लोग और रिटायर्ड अफसरों को टारगेट किया जाता था। पहले उनसे मेल जोल बढ़ाई जाती, फिर लड़की का ऑफर दिया जाता। कोई इंट्रेस्ट दिखाए तो मीटिंग की डेट फिक्स कर दी जाती। ग्राहक जिस होटल के रूम या घर में ठहरता, लड़की की वहां अंदर घुसते और निकलते हुए तस्वीर खींच ली जाती। फिर इसी फोटो की आड़ में ब्लैकमेलिंग का गेम चलता। ग्राहक मान जाते तो ठीक, नहीं तो आगे और ज्यादा डराकर ज्यादा वसूली करने का जाल फैलाया जाता था। ग्राहक के न मानने पर सप्लायर लड़की को थाने लेकर जाते। यहां पुलिस कानून का डर दिखाकर वसूली करती।
कैसे काम करता था सेक्स रैकेट सिलसिलेवार तरीके से समझिए
- मास्टर माइंड पूर्व विधायक का विधायक प्रतिनिधि शिरीष पांडेय और पुष्पमाला फेकर शहर के धनाढ्य लोगों को चिन्हित करते। शिरीष नेता था। बड़े लोगों के साथ उठना- बैठना था। बताते हैं कि उसने अपने बहुत से पहचान वालों को भी निशाना बनाया था। इन्हीं के इशारों पर आगे ब्लैकमेलिंग और वसूली को अंजाम दिया जाता था।
- मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया व दुर्गा टंडन बाहर से आने वाली लड़कियों 4 के लिए शहर में रहने-खाने का इंतजाम करते थे। लड़की को ग्राहक से मिलवाने से लेकर उसे झूटी रिपोर्ट के लिए थाने तक ले जाने में भी इनकी अहम भूमिका रहती थी। कुल मिलाकर मिडिएटर का काम करते थे।
- हीराकली अब भी फरार है। आरोप है कि वह रैकेट के लिए अलग- अलग जगहों से लड़कियों का इंतजाम करने का काम करती थी। टारगेट प्वॉइंट को फंसाने के लिए क्या करना है, इसके लिए सारे जरूरी गुणा-भाग करने के आरोप भी हैं।
- महान मिश्रा पेशे से वकील है। मामले में सबसे पहले इसी को गिरफ्तार किया गया था। पहुंच का रौब दिखाकर उगाही गई रकम को संभालने और बांटने का जिम्मा इसी पर था।
- वेब पोर्टल का राइटर व संचालक आशीष शुक्ला लोगों को बदनामी का डर दिखाकर वसूली करता था। इसने प्रार्थी से 1.25 लाख रुपए की मांग की थी। प्रार्थी ने 75 हजार रुपए उसे उसकी दुकान पर जाकर दिए थे।
- हाल ही में गिरफ्तार हुए सिटी कोतवाली का हवलदार अंजोर मांझी। ज्यादातर मामलों में लोग ब्लैकमेल नहीं होते, तो लड़कियों को सुनियोजित तरीके से थाने भेजा जाता। यहां अंजोर एफआईआर का डर दिखाकर लोगों को पैसे का लेन-देन कर समझौता करने के लिए मजबूर करता था। सूत्र बताते हैं कि इस रैकेट में कुछ और पुलिसवाले भी इनवॉल्व हैं। इस कार्रवाई के बाद नगर में चर्चा है कि इसमें संलिप्त दूसरे पुलिसवालों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।
क्या कहते है पुलिस अधिकारी?
बलौदाबाजार एएसपी हेमसागर सिदार ने कहा कि पुलिस के पास ये शिकायत मिली थी कि कुछ लोग महिला संबंधी अपराध में फंसाने की धमकी देकर लोगों से पैसों की वसूली कर रहे हैं। बलौदाबाजार सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज होने के बाद जांच शुरु की गई. जांच के दौरान कई लोगों से पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ के दौरान विधायक प्रतिनिधि रहे शख्स का नाम सामने आया। पुलिस ने 27 अगस्त को गिरफ्तार किया था। ”एक्सटॉर्शन से जुड़े आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए थे। अपराधियों की पतासाजी की जा रही थी। प्रधान आरक्षक अंजोर सिंह मांझी को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरक्षक से पूछताछ की जा रही है”।
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छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबर पर लगी मुहर, पहले दिन ही किया था खुलासा
सेक्स रैकेट मामले में 3 अप्रैल को पूर्व एसपी सदानंद कुमार ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस ली थी। तभी रैकेट में पुलिसवालों की संलिप्तता पर सवाल उठाए थे। इसके बाद छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने रैकेट को लेकर लगातार कई खबरें पब्लिस की। हाल ही में 27 अगस्त को पुलिस ने मास्टर माइंड शिरीष पांडेय को गिरफ्तार कर गुपचुप कोर्ट में पेश किया, मीडिया को जानकारी देना भी उचित नही समझा, तब भी chhattisgarhtalk.com ग्राउंड पर पहुँच ने सबसे पहले इसकी खबर पब्लिस के साथ पुलिस, जनप्रतिनिधियों, वाइट कॉलर, वकील, पत्रकारों इनपर सुलगते सवाल भी दागे थे। इसमें खाकी की संलिप्तता पर भी एक सवाल था। शुक्रवार को सिटी कोतवाली के हवलदार की गिरफ्तारी ने सेक्स रैकेट में खाकी की संलिप्तता को लेकर chhattisgarhtalk.com की खबरों पर मुहर लगा दी है।
फरार आरोपियों की सूचना देने पर मिलेगा 7 हजार इनाम, पुलिस अधीक्षक ने की थी घोषणा
पूर्व एसपी ने कहा था कि मैं सदानंद कुमार (भा.पू.से.) उमनि एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला बलौदाबाजार-भाटापारा छ.ग. पुलिस रेग्युलेशन के पैरा क्रमांक 80-ए में निहित प्रावधानों के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए उद्घोषणा करता हूँ कि थाना सिटी कोतवाली बलौदा बाजार के उक्त मामले में फरार आरोपियों के बारे में जो कोई व्यक्ति ऐसी महत्वपूर्ण र्सचना देगा या गिरफ्तारी करायेगा या गिरफ्तारी हेतु युक्तियुक्त सूचना देगा, जिससे आरोपियों को विधि पूर्वक पतासाजी कर गिरफ्तार किया जा सकें, उस व्यक्ति को 7000 रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम सवर्था गोपनीय रखा जायेगा। पुरस्कार वितरण के संबंध में उमनि एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा का निर्णय अंतिम होगा। इसके अलावा पुलिस नियंत्रण कक्ष बलौदाबाजार- भाटापारा मोबाइल नं. 94791-90629, थाना प्रभारी सिंटी कोतवाली बलौदा बाजार 94791-91058 से भी संपर्क कर जानकारी दिया जा सकता है।
उठ रहे सवाल
जब हनी ट्रैपिंग मामले में छोटे पियादे या कहे पूर्व में गिरफ्तार 5 आरोपी जब पुलिस पकड़ी पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दिया, मीडिया से सामने सभी को लाया गया. लेकिन जब मामले के मास्टर माइंड पकड़े गए तो पुलिस मीडिया से भागते नज़र आयी, वही कल रात जब प्रधान आरक्षक को न्यायालय पेश किया उसके बाद वीडियो में देख सकते हैं किं कैसे मीडिया से बच भागते नज़र आ रहे। सवाल तो बहुत है लेकिन इस मामले में मुख्य आरोपियों को मीडिया के क्यो सामने नही ला रही? जबकि पहले गिरफ्तारी पर PC दिया करते थे.