BEMETARA घूसखोर एसडीएम और उसके सहयोगी गिरफ्तार, दिव्यांग से रिश्वत मांगने का मामला
अरुण पुरेना,बेमेतरा। जिले के साजा तहसील में पदस्थ एसडीएम टीआर माहेश्वरी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई उस वक्त हुई, जब एसडीएम ने एक दिव्यांग युवक से भूमि के डायवर्सन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देने के बदले रिश्वत की मांग की थी। शिकायत के बाद एसीबी ने इस मामले की जांच की और आरोपी एसडीएम को रंगे हाथ पकड़ लिया।
एसडीएम ने दिव्यांग से भूमि डायवर्सन NOC के लिए मांगे थे एक लाख रुपये की रिश्वत
दिव्यांग युवक तुकाराम पटेल, जो ग्राम भठगांव के निवासी हैं, ने नगर पंचायत परपोड़ी में अपनी माता के नाम पर भूमि के डायवर्सन के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद एसडीएम टीआर माहेश्वरी ने युवक से NOC देने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। तुकाराम पटेल रिश्वत देने के बजाय आरोपी को पकड़वाने का मन बना लिया और एसीबी से इसकी शिकायत की।
ACB ने मामले की जांच की और पाया कि आरोप सही हैं। इसके बाद तुकाराम ने एसडीएम को 20,000 रुपये रिश्वत देने की सहमति दी, जिसमें से 10,000 रुपये एडवांस में दिए। आज, 14 नवंबर को, बेमेतरा में एसडीएम माहेश्वरी और उसके सहयोगी नगर सैनिक गौकरण सिंह को 10,000 रुपये की बची हुई रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
ACB का बयान
सीडी तिर्की, एसीबी के ASP, ने बताया कि आरोपी एसडीएम और उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसीबी ने उनके निवास स्थानों की तलाशी ली है और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
एसडीएम माहेश्वरी और गौकरण सिंह के खिलाफ अब पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसीबी ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है और उनकी संपत्तियों की जांच भी की जा रही है। एसडीएम के खिलाफ यह गिरफ्तारी सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में लिप्त होने के मामले में एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
इस घटना ने सरकारी तंत्र के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार को एक बार फिर उजागर किया है और एसीबी की सक्रियता को लेकर स्थानीय जनता में सकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं।