बलौदाबाजार: गर्मी में मिलावटी पानी पर सख्ती, तीन वाटर प्लांट्स में एकसाथ दबिश

बलौदाबाजार में तीन वाटर प्लांट्स पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की दबिश, पैकेजिंग सामग्री जांच के लिए लैब भेजी गई (Chhattisgarh Talk)
बलौदाबाजार में तीन वाटर प्लांट्स पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की दबिश, पैकेजिंग सामग्री जांच के लिए लैब भेजी गई (Chhattisgarh Talk)

balodabazar water plant raid: बलौदाबाजार जिले में तीन पेयजल प्लांट्स पर खाद्य सुरक्षा विभाग की दबिश, पैकेजिंग मटेरियल के नमूने जांच के लिए भेजे गए। जानें कार्रवाई की पूरी जानकारी और नागरिकों के लिए चेतावनी।


बलौदाबाजार, | चिलचिलाती गर्मी और प्यास बुझाने के नाम पर बिक रहे पैकेज्ड वाटर में मिलावट का खतरा बढ़ते देख जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीम ने मंगलवार को जिले के तीन अलग-अलग जल संयंत्रों (वॉटर प्लांट्स) पर एकसाथ दबिश देकर सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इस कार्रवाई से जहां मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया, वहीं आम नागरिकों को राहत की उम्मीद जगी है।


📍balodabazar water plant raid: कहां-कहां हुई कार्रवाई?

1️⃣ भाटापारा – सागर इंडस्ट्रीज:
यहां से पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर पाउच का सैंपल लिया गया और राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजा गया। जांच में यह देखा जाएगा कि क्या पानी की पैकिंग में इस्तेमाल हो रही सामग्रियां मानक के अनुरूप हैं या नहीं।

2️⃣ बलौदाबाजार – बी.पी. वाटर प्लांट
3️⃣ बलौदाबाजार – देवेंद्र एक्वा
इन दोनों प्लांटों से 10 प्रकार के पैकेजिंग मटेरियल – PET बॉटल, PET कैप, LDPE फिल्म, और फिल्म पाउच के सैंपल लिए गए हैं। इन्हें राज्य से बाहर के अधिकृत लैब्स में परीक्षण हेतु भेजा गया है।


balodabazar water plant raid क्या बोले खाद्य सुरक्षा अधिकारी उमेश वर्मा?

“गर्मी में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर की डिमांड काफी बढ़ जाती है। अगर इस मौके पर घटिया या गैर-फूड ग्रेड मटेरियल का उपयोग होता है, तो यह सीधे-सीधे लोगों की सेहत से खिलवाड़ है। हमारी टीम लगातार ऐसे संस्थानों की निगरानी कर रही है।”

“यह सिर्फ एक जांच नहीं, एक सख्त चेतावनी है उन व्यापारियों को, जो मुनाफा कमाने के लिए लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं।”


💧 क्यों जरूरी है पैकेजिंग की गुणवत्ता जांच?

पेयजल की पैकेजिंग सिर्फ एक बाहरी आवरण नहीं है, यह स्वास्थ्य सुरक्षा की पहली दीवार है। अगर ये बोतलें या पाउच घटिया प्लास्टिक से बने होते हैं, तो इनमें से हानिकारक रसायन पानी में घुल सकते हैं। इससे हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां जैसे:

  • गैस्ट्रिक इंफेक्शन
  • हार्मोनल असंतुलन
  • लीवर और किडनी से जुड़ी समस्याएं
  • यहां तक कि कैंसर का खतरा

📜 क्या कहते हैं नियम-कानून?

FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के अनुसार:

✔️ पैकेजिंग मटेरियल 100% फूड ग्रेड होना चाहिए।
✔️ स्पष्ट लेबलिंग, उत्पादन व समाप्ति तिथि अनिवार्य है।
✔️ बिना लाइसेंस उत्पाद बेचना अपराध की श्रेणी में आता है।
✔️ दोषी पाए जाने पर जुर्माना, लाइसेंस रद्दीकरण या आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है।


🛒 नागरिकों के लिए प्रशासन की अपील

खाद्य एवं औषधि विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे जब भी कोई पैकेज्ड उत्पाद, खासकर पानी खरीदें, तो इन बातों पर ज़रूर ध्यान दें:

✅ बोतल पर FSSAI लाइसेंस नंबर हो।
✅ उत्पादन और समाप्ति तिथि स्पष्ट हो।
✅ पैकेजिंग साफ-सुथरी और मजबूत हो।
✅ शक होने पर तुरंत शिकायत करें।


 यह शुरुआत है, सख्ती जारी रहेगी

बलौदाबाजार जिले में इस तरह की कार्रवाई पहली नहीं है, लेकिन इस बार की एक साथ तीन संस्थानों में दबिश प्रशासन की नई सक्रियता को दर्शाती है। गर्मी के इस संवेदनशील दौर में शुद्धता पर सख्ती जरूरी है, और यह कार्रवाई उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।

ChhattisgarhTalk.com लगातार इस अभियान पर नजर रखे हुए है। आने वाली रिपोर्ट और परिणामों से हम आपको अपडेट करते रहेंगे।


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