सचिव की गैरहाजिरी से ग्रामीण बेहाल – मीडिया के सवाल पर भड़के सचिव, बोले – कैमरा बंद करो, फिर बताता हूं

बलौदाबाजार जिले के सचिव दूजेराम यदु की गैरहाजिरी से मुड़पार ग्रामीण परेशान – मीडिया के सवाल पर भड़के सचिव, बोले – कैमरा बंद करो, फिर बताता हूं (Chhattisgarh Talk)
बलौदाबाजार जिले के सचिव दूजेराम यदु की गैरहाजिरी से मुड़पार ग्रामीण परेशान – मीडिया के सवाल पर भड़के सचिव, बोले – कैमरा बंद करो, फिर बताता हूं (Chhattisgarh Talk)

बलौदाबाजार के मुड़पार में पंचायत सचिव की लापरवाही से ग्रामीण परेशान! मीडिया ने सवाल किया तो भड़क उठे सचिव बोले- “कैमरा बंद करो, फिर बताता हूं। जानिए पूरा मामला – मीडिया से क्यों भिड़े पंचायत सचिव?

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के सुहेला ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुड़पार में एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। ग्रामीणों ने पंचायत सचिव दूजेराम यदु की अनियमित उपस्थिति को लेकर खुलकर नाराजगी जताई है। वे महीनों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अब जब मीडिया ने इसे उठाया तो सचिव महोदय खुद सवालों से बौखला गए।


मुड़पार सचिव बलौदाबाजार: कब खुलता है दफ्तर, किसी को नहीं पता

ग्राम मुड़पार की जनता सचिव के व्यवहार और कार्यशैली से बेहद असंतुष्ट है। नाम नही छापने की शर्त पर गांव के बुजुर्ग कहते हैं –

“हम लोग कभी जन्म प्रमाणपत्र, कभी पेंशन योजना या किसी प्रमाण-पत्र के लिए पंचायत जाते हैं, लेकिन ऑफिस बंद ही मिलता है। सचिव कभी मिलते नहीं। महीने में 2-3 दिन ही आते हैं, वह भी तब जब उन्हें फोन कर बुलाया जाए।”

India-Pakistan War: भारत-पाकिस्तान DGMO वार्ता के उल्लंघन पर सख्त हुई भारत सरकार, विदेश सचिव विक्रम मिस्री दी कड़ी चेतावनी

ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव ज्यादा समय अपने मूल निवास ग्राम बिलई डबरी में बिताते हैं और बाकी समय दूसरी पंचायतों में व्यस्त रहते हैं। जबकि पंचायत कार्यालय में सचिव की नियमित उपस्थिति अनिवार्य है।


मुड़पार सचिव बलौदाबाजार “न दफ्तर का समय तय, न सचिव की जवाबदेही”

पंचायत कार्यालय के बाहर न तो कोई बोर्ड है, न ही ऑफिस टाइम का उल्लेख। महिला समूह की सदस्य बताती हैं –

“हम गांव की महिलाओं को सिलाई योजना और उज्ज्वला जैसी योजनाओं से जोड़ना चाहते हैं, लेकिन सचिव से संपर्क ही नहीं हो पाता। उनका यह लापरवाह रवैया हमें सरकारी योजनाओं से वंचित कर रहा है।”


मुड़पार सचिव बलौदाबाजार: मीडिया के सवाल पर सचिव भड़के – “कैमरा बंद करो!”

जब “छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम और हरिभूमि” न्यूज़ की टीम ने सचिव दूजेराम यदु से उनकी अनुपस्थिति को लेकर सवाल किया तो वे असहज हो उठे। उन्होंने कैमरा बंद करने का दबाव बनाया और तीखे स्वर में कहा –

“पहले कैमरा बंद करो, फिर बताता हूं…कैमरा बंद करने का लगातार दवाब बनाते रहे, पत्रकार पर ही टूट पड़े और धमकी देने लगे। सरपंच प्रतिनिधि, उपसरपंच और कुछ ग्रामीणों के समक्ष यह घटना घटी और लोग देखते रहे। कैमरा बंद करके कहा कि तुमको कौन परमिशन दिया अंदर आने का? और सवाल कैसे पूछ रहे हो मेरे से? पूछने से पहले मुझे बताना था कि क्या पूछना हैं। मैं तो रोज आता हूं। किसने कहा कि नहीं आता? नाम बताओ उसका।”

Fake News से पाकिस्तान भारत पर कर रहा है हमला, PIB Fact Check ने जारी की चेतावनी, यहां करें फर्जी पोस्ट की रिपोर्ट

उनका यह आक्रामक रवैया न केवल मीडिया की स्वतंत्रता पर सवाल उठाता है, बल्कि खुद की जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश भी प्रतीत होता है। मीडिया की भूमिका सवाल पूछना होती है, लेकिन जब जवाब में धमकी मिले तो यह लोकतंत्र की जड़ों पर चोट है।


सरपंच प्रतिनिधि ने भी मानी समस्या – “हटाने की कोशिश चल रही है”

ग्राम पंचायत मुड़पार के सरपंच निर्मला निषाद प्रतिनिधि कीरित कुमार निषाद ने स्पष्ट कहा –

“सचिव महीने में 2-3 दिन आते हैं। लोगों को बहुत परेशानी होती है। मैं चाहता हूं या तो इन्हें पूरी तरह यहीं नियुक्त किया जाए या किसी नए सचिव की व्यवस्था हो। हम इनको हटाने की कोशिश कर रहे हैं।”


सचिव का पक्ष – “अतिरिक्त प्रभार है, समय नहीं मिलता”

सचिव दूजेराम यदु ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके पास ग्राम पंचायत तिल्दा बांधा और जनपद पंचायत सिमगा का भी अतिरिक्त प्रभार है।

“मैं सप्ताह में दो दिन तिल्दा बांधा और एक दिन सिमगा जाता हूं। मुड़पार में भी आता हूं। कोई काम रुका हो तो बताएं।”

हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि यह जवाब वर्षों से दिया जा रहा है लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।


सवालों के घेरे में पंचायत सचिव, सरपंच और प्रशासन?

  1. अगर एक गांव में सचिव महीनों गैरहाजिर रहते हैं और सरकार की योजनाएं कागजों में ही चलती हैं, तो क्या यह “सुशासन” है? बलौदाबाजार जिले के गांवों में क्या ऐसे ही कागजो में सुशासन तिहार चल रहा हैं?
  2. जब सचिव के पास एक से अधिक पंचायतों का प्रभार होता है, तो क्या सरकार सुनिश्चित करती है कि सभी जगह कार्य बाधित न हों?

  3. पंचायत भवन में ऑफिस टाइम, हेल्पलाइन या सूचना बोर्ड क्यों नहीं है?

  4. क्या जनपद और जिला पंचायत स्तर पर सचिवों की मॉनिटरिंग नहीं की जाती?

  5. क्या ग्रामीण जनता को योजनाओं का लाभ पाने के लिए “सचिव को फोन कर बुलाना” ही एकमात्र रास्ता रह गया है?

  6. जब पंचायत कार्यालय नियमित नहीं खुलता, तो पेंशन, प्रमाणपत्र, मजदूरी भुगतान, जनकल्याण योजनाओं का निष्पादन कैसे हो रहा है?

  7. जब पत्रकार सिर्फ सवाल पूछते हैं, तो अधिकारी आक्रामक क्यों हो जाते हैं?

  8. क्या यह प्रेस की स्वतंत्रता का हनन नहीं है?

  9. कैमरा बंद करने का दबाव डालना क्या एक पारदर्शिता की कमी को उजागर नहीं करता?

  10. जब सरपंच प्रतिनिधि खुद मानते हैं कि सचिव लापरवाह है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

  11. पंचायत समिति और जनपद स्तर पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम क्यों नहीं उठाए जाते?

विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के नाम से X पर फर्जी अकाउंट, PIB ने जारी की चेतावनी

ग्रामीणों की चेतावनी – “अगर नहीं हटे, तो करेंगे प्रदर्शन”

अब मुड़पार के लोग एकजुट होकर जनपद कार्यालय और कलेक्टर बलौदाबाजार को ज्ञापन देने की तैयारी कर चुके हैं। वे या तो सचिव की उपस्थिति नियमित करवाना चाहते हैं या उनकी जगह किसी नये जिम्मेदार पंचायत सचिव की मांग कर रहे हैं।
“अगर हमें सुनवाई नहीं मिली, तो हम सब पंचायत भवन के सामने धरना देंगे,” – यह चेतावनी ग्रामीण महिला समूह की ओर से दी गयी हैं।

पंचायत सचिव और सरपंच प्रतिनिधि का बयानक्लिक करे


जब जनसुविधा का दरवाज़ा बंद हो जाए

ग्राम पंचायतों का दायित्व होता है ग्रामीणों को बुनियादी सेवाएं, योजनाएं और प्रमाण-पत्र समय पर उपलब्ध कराना। लेकिन जब जिम्मेदार अफसर अपनी जवाबदेही से बचते हैं और मीडिया की आंखों से भी डरते हैं, तब यह सवाल उठता है – “क्या लोकतंत्र केवल कागज़ पर है?”

रिपोर्ट – मिथलेश वर्मा | लोकेशन – सुहेला, बलौदाबाजार


📢 आपके पास भी कोई जानकारी या शिकायत है?

संपर्क करें: chhattisgarhtalk@gmail.com | 9111755172


व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े- Join Now

  • विज्ञापन के लिए संपर्क करे: 9111755172

-टीम छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

ट्रैफिक पुलिस बनी वसूली एजेंसी: टोकन दिखाओ, चालान से बचो! जानिए इस गुप्त वसूली खेल की सच्चाई!

Exclusive News: टोकन सिस्टम अवैध वसूली की खबर के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप! एक्शन में बलौदाबाजार कप्तान (SP), लेकिन क्या बच निकलेंगे बड़े खिलाड़ी?


आप किस जेनरेशन का हिस्सा हैं? जानिए हर पीढ़ी की विशेषताएँ और योगदान

छत्तीसगढ़ टॉक की खबर का बड़ा असर: कलेक्टर ने बनाई जांच समिति, जल संकट से जूझते ग्रामीणों की आवाज बनी छत्तीसगढ़ टॉक!

 

संसदीय परंपरा का पूर्ण ज्ञान, छग की संस्कृति को नहीं समझने वाले गलत प्रचार कर रहे, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा-विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा।

error: Content is protected !!