



Adani Ambuja Cement Plant: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट की मालगाड़ी की चपेट में आकर 12 वर्षीय बच्चे का हाथ कट गया। हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया, प्रशासन और सीमेंट प्लांट प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठाए गए हैं।
Accident In Adani Ambuja Cement Plant: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट की मालगाड़ी ट्रैन से हुई एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। रविवार शाम लगभग 7 बजे 12 वर्षीय सिद्धू नामक बच्चा रेलवे फाटक के पास में खड़ा था, तभी अचानक मालगाड़ी ट्रैन के चपेट में आ गया। इस हादसे में बच्चे का बायां हाथ पूरी तरह से कट गया और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। दुर्घटना ने न केवल मासूम बच्चे को शारीरिक रूप से झकझोर दिया, बल्कि उसके माता-पिता को भी मानसिक रूप से गहरे सदमे में डाल दिया।
अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट की मालगाड़ी की चपेट में आकर मासूम का हाथ कटा, माता-पिता सदमे में बेहोश
घटना की जानकारी मिलते ही सिद्धू के माता-पिता अस्पताल पहुंचे, लेकिन बच्चे के गंभीर घायल होने की खबर ने उन्हें इस कदर तोड़ दिया कि पिता अपने बच्चें का हाथ कटा देख वे खुद सदमे में चले गए बच्चें के साथ पिता भी अस्पताल में भर्ती हो गए। बलौदाबाजार जिला अस्पताल, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घायल सिद्धू का इलाज अब भी जिला अस्पताल में चल रहा है, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट प्रबंधन का लापरवाह रवैया
अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट के प्रबंधन विभाग ने अब तक इस दुर्घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह घटना घटित होने के लगभग 24 घंटे बाद भी सीमेंट प्लांट के अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से कोई संपर्क नहीं किया। छत्तीसगढ़ टॉक की टीम ने कई बार फोन करके सीमेंट प्लांट प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनके फोन का कोई जवाब नहीं मिला और न ही कोई कॉल बैक किया गया। यह इस बात का संकेत है कि सीमेंट प्लांट के अधिकारी न केवल इस हादसे को नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि वे पीड़ितों की मदद करने की बजाय अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं।
प्रशासन और सीमेंट प्लांट प्रबंधन के खिलाफ सवाल
यह स्थिति साफ तौर पर दिखाती है कि प्रशासन और सीमेंट प्लांट के अधिकारी गंभीर घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं और उन्हें आम नागरिकों की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। अब यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इस हादसे पर ठोस कदम उठाएगा और सीमेंट प्लांट प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराएगा, या यह लापरवाही इसी तरह जारी रहेगी। क्या सीमेंट प्लांट और प्रशासन भविष्य में इस हादसे से कुछ सीखेंगे और इलाके में सुरक्षा के उपायों को सख्त करेंगे?
अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट प्रबंधन पर गंभीर आरोप
स्थानीय निवासी इस हादसे के लिए अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट प्रबंधन को दोषी ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि खैरताल रेलवे फाटक पर सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं, जिससे यह हादसा हुआ। खैरताल क्षेत्र में मालगाड़ियों की निरंतर आवाजाही के कारण बच्चों और अन्य नागरिकों के लिए खतरा हमेशा बना रहता है। आरोप है कि सीमेंट प्लांट प्रशासन ने रेलवे फाटक पर सुरक्षा बैरिकेड्स, चेतावनी बोर्ड या कोई अन्य सुरक्षा उपाय नहीं लगाए हैं, जिससे यह दुर्घटना घटित हो सकी।
स्थानीय लोग मानते हैं कि अगर इस क्षेत्र में सुरक्षा उपायों का सही से ध्यान रखा गया होता, तो शायद इस घटना से बचा जा सकता था। इस तरह के लापरवाह प्रबंधन की वजह से आम नागरिकों के जीवन को खतरा पैदा हो रहा है।
घटना की जानकारी और उसकी गंभीरता
सिद्धू, जो बिलासपुर जिले के मस्तूरी गांव का निवासी है, कुछ समय पहले खैरताल में अपने माता-पिता के साथ रहने आया था। घटना उस समय हुई जब अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट की मालगाड़ी सीमेंट लोड करने के बाद अपने स्थान पर लौट रही थी। बच्चा रेलवे ट्रैक के पास था और अचानक मालगाड़ी की चपेट में आ गया। यह हादसा इतनी भीषण स्थिति में हुआ कि सिद्धू का बायां हाथ पूरी तरह से कट गया। यह दृश्य देखकर आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े और घायल बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे गंभीर इलाज के लिए अन्य केंद्र भेजे जाने की आवश्यकता महसूस हुई।
बलौदा बाजार के रवान में स्थित अदानी अंबुजा सीमेंट प्लांट है, जहां मालगाड़ियां समान लाने-ले जाने के लिए जाती हैं। सीमेंट लोड करने के बाद मालगाड़ी उसी रास्ते पर लौट रही थी, जिस पर बच्चा खड़ा था। मालगाड़ियों के इस निरंतर संचालन के कारण क्षेत्र में हमेशा सुरक्षा का खतरा बना रहता है।
स्थानीय जनता का गुस्सा और प्रशासन से जवाब की मांग
हादसे के बाद क्षेत्र के लोग बेहद गुस्से में हैं और प्रशासन से तत्काल ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, प्रशासन ने इस खतरनाक क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ। अब वे चाहते हैं कि इस इलाके में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। स्थानीय जनता का कहना है कि रेलवे फाटक पर सुरक्षा बैरिकेड्स लगाए जाएं, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और इस क्षेत्र में मालगाड़ियों की गति पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
सुरक्षा सुधार की आवश्यकता
अब यह जरूरी हो गया है कि सीमेंट प्लांट और प्रशासन इस दुर्घटना से सबक लें और खैरताल क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दें। क्या रेलवे फाटक पर सुरक्षा बैरिकेड्स लगाए जाएंगे? क्या मालगाड़ियों की गति पर निगरानी रखी जाएगी? अगर इन सुरक्षा उपायों को लागू किया जाता है, तो शायद भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है।
हालांकि यह घटनाएँ भविष्य में और भी गंभीर हादसों का कारण बन सकती हैं, इसलिए अब समय आ गया है कि प्रशासन और सीमेंट प्लांट प्रबंधन मिलकर ठोस कदम उठाएं और इस इलाके में नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)
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