



बलौदा बाजार में जल संकट गहराया! 26 में से 20 जलाशय सूखने की कगार पर, ग्रामीणों में बढ़ी चिंता। कम बारिश और बढ़ती गर्मी के कारण जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचा। जानिए पूरी रिपोर्ट।
गर्मी की शुरुआत में ही जल संकट! बलौदा बाजार के 26 में से 20 जलाशयों में पानी नहीं, ग्रामीणों में बढ़ी चिंता
बलौदा बाजार: गर्मी का मौसम अभी पूरी तरह शुरू भी नहीं हुआ है और बलौदा बाजार जिले में जल संकट गहराने लगा है। जिले के जल संसाधन निर्माण उपसंभाग क्षेत्र में 26 जलाशयों में से केवल 6 जलाशयों में ही पानी बचा है, जबकि बाकी 20 जलाशय सूखने की कगार पर हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि अभी गर्मी का सबसे कठिन दौर – अप्रैल, मई और जून – बाकी है।
बलौदा बाजार जल संकट: जलाशयों की हालत चिंताजनक, निस्तारी के लायक बचा पानी
बलौदा बाजार के जलाशयों की स्थिति पर नजर डालें तो हालात बेहद खराब नजर आते हैं। जिले के सबसे बड़े जलाशयों में से घुघवा जलाशय में 30% जलभराव बचा है, बालसमुंद में 20%, खैरादतान में 24%, कारी में 10% और बलौदा बाजार जलाशय में मात्र 17% पानी बचा है। शेष 20 जलाशयों में तो बस निस्तारी लायक थोड़ा बहुत पानी बचा है, वह भी कब तक चलेगा, कहना मुश्किल है।
ग्रामीणों का कहना है- कि पहले मई महीने तक जलाशयों में आधा पानी भरा रहता था, लेकिन इस बार मार्च की शुरुआत से ही जलाशयों का जलस्तर तेजी से गिरने लगा है।
कम बारिश बनी संकट की सबसे बड़ी वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, इस संकट का मुख्य कारण पिछले वर्ष हुई कम बारिश है। कम वर्षा की वजह से जलाशय पूरी तरह नहीं भर पाए, और अब गर्मी बढ़ते ही पानी तेजी से सूख रहा है। भूजल स्तर भी लगातार गिर रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है।
बलौदा बाजार जल संकट: आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है
गर्मी अभी अपने चरम पर नहीं पहुंची है, लेकिन जलाशयों का जलस्तर पहले ही खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। ग्रामीणों को चिंता सता रही है कि अगर यही हाल रहा तो अप्रैल के अंत तक अधिकांश जलाशय पूरी तरह सूख जाएंगे और पीने के पानी तक का संकट गहरा सकता है।
जलाशयों की मौजूदा स्थिति (13 मार्च 2024 तक) – (जलभराव मिलियन घन मीटर में)
जलाशय का नाम | कुल जलभराव क्षमता (MCM) | वर्तमान जलभराव (%) |
---|---|---|
घुघवा जलाशय | 3.030 | 30% |
बालसमुंद जलाशय | 0.720 | 20% |
खैरादतान जलाशय | 2.366 | 24% |
छेरकापुर जलाशय | 0.434 | 8% |
कारी जलाशय | 0.096 | 10% |
बलौदा बाजार जलाशय | 1.262 | 17% |
बाकी 20 जलाशय | – | सिर्फ निस्तारी लायक पानी |
ग्रामीणों को पानी की किल्लत का डर
बलौदा बाजार जिले के जलाशय सिर्फ पीने और निस्तारी के लिए ही नहीं, बल्कि खरीफ फसल की सिंचाई और भूजल स्तर को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन इस साल जलाशयों में पानी की भारी कमी के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलना मुश्किल हो सकता है।
बलौदा बाजार जल संकट: इन गांवों में सबसे ज्यादा जल संकट
बलौदा बाजार और आसपास के कई गांवों में पानी की किल्लत बढ़ रही है। कुकुरदी, ढनढनी, रिसदा, परसाभदेर, कोकड़ी, भाटागांव, सोनपुरी, अचानकपुर, खैरघटा, पहंदा, शुक्लाभाटा, हरदी, तुरमा जैसे गांवों में जलाशयों के सूखने से लोगों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ रहा है।
जल संरक्षण ही समाधान
विशेषज्ञों का मानना है कि जल संकट से बचने का एकमात्र तरीका जल संरक्षण और जल प्रबंधन है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय जरूरी हैं:
- वर्षा जल संचयन: बरसात के समय पानी को संरक्षित करने की योजना बनानी होगी।
- तालाबों और जलाशयों की सफाई: ताकि पानी की संग्रहण क्षमता बढ़ाई जा सके।
- भूजल रिचार्जिंग: जलस्तर बढ़ाने के लिए रिचार्जिंग तकनीक अपनानी होगी।
- पानी का सही उपयोग: कृषि और घरेलू उपयोग में पानी की बर्बादी को रोकना जरूरी है।
बलौदा बाजार और आसपास के ग्रामीण इलाकों में जल संकट की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले महीनों में पानी के लिए हाहाकार मच सकता है। प्रशासन और जनता को मिलकर जल संरक्षण और जल प्रबंधन पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि इस संकट को कम किया जा सके।
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