adulterated sweets : खाद्य प्रतिष्ठानों का नहीं हो रहा है जांच? जिले में सभी मिठाई दुकान, होटलों में मिल रहे है मिलावटी मिठाई

adulterated sweets : खाद्य प्रतिष्ठानों का नहीं हो रहा है जांच? जिले में सभी मिठाई दुकान, होटलों में मिल रहे है मिलावटी मिठाई

Chhattisgarh Talk / Baloda Bazar : खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा देश के सबसे बड़े त्यौहारो में से त्यौहारी सीजन में जिला बलौदाबाजार के अंतर्गत, मिठाई दुकान, होटल, किराना दुकान, बेकरी शॉप, खाद्य निर्माता फर्म इत्यादि खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण एवं सैम्पलिंग की कार्यवाही नहीं की जा रही है।

जिला बलौदाबाजार के अंतर्गत विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों जैसे स्टोर्स से पोल, मिठाई दुकान से पेठा, पेड़ा, सोन पापड़ी, पेड़ा, समोसा- मसाला, ढाबा से वेज ग्रेवी, सुपर बाजार से मैदा इत्यादि की गुणवत्ता जांच हेतु नमूना नहीं लिया जा रहा है वर्ष के इतने बड़े पर्व होने के बाद भी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा किसी भी प्रकार की न तो जांच भेजा गया है और नहीं किसी भी प्रकार की कार्यवाही सामने नहीं आयी है विभाग के आला अधिकारी कर्मचारी किस प्रकार से कार्यवाही कर रही है ये कोई नहीं जानता साथ ही खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खाद्य को प्रतिष्ठान में साफ सफाई रखने व किसी भी तरह से अमानक पदार्थ मिठाईयों का विक्रय नही करने तथा मिठाईयों, लड्डू में फूड कलर जैसे बुश रंग 999 या एफएसएसआई से परमिटेड खाद्य रंग का उपयोग कर मिठाई बनाने संबंधी निर्देश सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

न्यूजपेपर या अन्य प्रिंटिंग स्याही लगे पेपर का इस्तेमाल खाद्य सामग्री जैसे समोसा, बड़ा, भजिया व मिठाई आदि में लपेटकर प्रदाय न करने तथा इसके बदले फूड ग्रेड पेपर का उपयोग करने व खाद्य तेल का उपयोग दो से अधिक बार नहीं करने संबंधी आवश्यक निर्देश नहीं दिया जा रहा है और इन सब उत्पादों का उपयोग करने वाले पर कोई कार्यवाही नहीं किया गया है और नहीं किया जा
रहा है।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं नमूना सहायक द्वारा किया जा रहा जिले में दिवाली त्यौहार को ध्यान नहीं रखा जा रहा है विभाग की सबसे जिम्मेदारी है कि जन सामान्य को सुरक्षित खाद्य पदार्थ मिठाईयां व अन्य खाद्यान उपलब्ध हो।

बलौदाबाजार जिले में कार्यवाही कितनी हूँई है के सम्बंध में सूचना के अधिकार के लिये आवेदन दिया गया था जिसे शुरुआत में आवेदन लेने के लिये मना कर दिया गया था उसके बाद सूचना के अधिकार अधिनियम का हवाला देने पर आवेदन को बड़ी मुश्किल से लिया गया है

Chhattisgarh Talk संवाददाता द्वारा कई दिनों से विभाग की कार्यवाही को लेके कार्यलय पहुंच कर जानकारी चाही गयी किन्तु विभाग के कर्मचारी हमेशा की तरह नदारद पाया गया और मोबाइल से संपर्क कई बार किया गया किन्तु खाद्य एवं औषधि अधिकारी जरुरी नहीं समझते हुए मोबाइल नहीं उठाया जाता है और न ही अधिकारी द्वारा किस लिये फोन लगाया गया है जानना जत्तोहत नहीं समझते है।