गैस एजेंसी या फर्जीवाड़े का अड्डा? बलौदाबाजार में माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर छापा, 1575 खाली सिलेंडर और गड़बड़ी का बड़ा खुलासा

माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी बलौदाबाजार: गैस एजेंसी या फर्जीवाड़े का अड्डा? बलौदाबाजार में माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर छापा, 1575 खाली सिलेंडर और गड़बड़ी का बड़ा खुलासा (Chhattisgarh Talk)
माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी बलौदाबाजार: गैस एजेंसी या फर्जीवाड़े का अड्डा? बलौदाबाजार में माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर छापा, 1575 खाली सिलेंडर और गड़बड़ी का बड़ा खुलासा (Chhattisgarh Talk)

बलौदाबाजार में माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर खाद्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 1575 खाली और 39 भरे सिलेंडर जब्त, अवैध वसूली व अनियमितताएं उजागर।

बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में घरेलू गैस उपभोक्ताओं के साथ हो रही धोखाधड़ी और विभागीय लापरवाही की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। गुरुवार को जिले की चर्चित माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर खाद्य एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने जब अचानक छापा मारा, तो प्रशासन भी चौंक गया। सिलेंडर स्टॉक से लेकर रसीद प्रणाली, होम डिलीवरी से लेकर अवैध वसूली तक—हर मोर्चे पर अनियमितताओं की लंबी फेहरिस्त सामने आई।

यह कार्रवाई न केवल एक एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि कैसे आम जनता को एक ज़रूरी सेवा के नाम पर ठगा जा रहा है। आइए जानते हैं इस कार्रवाई की पूरी कहानी, जो उपभोक्ता अधिकारों और सरकारी नियंत्रण की सच्चाई को उजागर करती है।


माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी बलौदाबाजार प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अचानक छापेमारी

जिला खाद्य अधिकारी पुनीत वर्मा के नेतृत्व में खाद्य विभाग और राजस्व अमले से तहसीलदार राजू पटेल की संयुक्त टीम ने माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी में छापा मारा। यह छापा आम उपभोक्ताओं से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद डाला गया। टीम के मुताबिक एजेंसी लंबे समय से मनमानी कर रही थी और कई उपभोक्ताओं के साथ अवैध वसूली की जा रही थी।

छापा पड़ते ही एजेंसी के कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। कई महत्वपूर्ण कागजात या तो गायब मिले या आधे-अधूरे रूप में प्रस्तुत किए गए। गोदाम में सिलेंडरों की गिनती की गई तो स्थिति और भी गंभीर नजर आई।


माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी बलौदाबाजार: 1575 खाली और 39 भरे सिलेंडर मिले; कोई वैध स्टॉक रिकॉर्ड नहीं

जांच टीम को एजेंसी गोदाम में कुल 1575 खाली गैस सिलेंडर और 39 भरे सिलेंडर मिले, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि इनका कोई वैध स्टॉक रजिस्टर या बिलिंग रिकॉर्ड मौजूद नहीं था। संचालक ने मौखिक रूप से दावा किया कि 660 भरे सिलेंडर गोदाम में हैं, लेकिन दस्तावेज़ी साक्ष्य के नाम पर कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया गया। यह सीधा-सीधा स्टॉक हेराफेरी और उपभोक्ताओं को ठगने की मंशा को दर्शाता है। टीम ने इन सभी सिलेंडरों को सील कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

➤ जब्त सिलेंडरों का आंकड़ा:

  • भरे हुए सिलेंडर: 39 नग

  • खाली सिलेंडर: 1575 नग

  • कुल जब्त: 1614 सिलेंडर

यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि एजेंसी में गैस स्टॉकिंग और डिलीवरी में गंभीर अनियमितताएं हैं।


उपभोक्ताओं से कैसे हो रही थी ठगी?

गैस एजेंसी पर छापे के दौरान उपस्थित कई उपभोक्ताओं ने अपनी आपबीती साझा की, जो यह बताती है कि एजेंसी किस तरह से नियमों को ताक पर रखकर आम लोगों की जेब काट रही थी।

अवैध डिलीवरी चार्ज वसूली:

ग्राहक यदि स्वयं सिलेंडर लेने आता था, तब भी डिलीवरी चार्ज लिया जा रहा था। यह चार्ज 935 रुपये तक पहुंच जाता था, जो सरकारी दरों से कहीं अधिक है।

28 जून 2025 को ऑनलाइन इंडिया ऑयल के अधिकृत वेब साइड से पेमेंट करके रिफिल(सिलेंडर) बुक कराया था। जिसका 3 जुलाई को मोबाइल में डिलीवर्ड का मैसेज भी आ गया व उक्त राशि की सब्सिडी भी खाते में प्राप्त हो गई लेकिन भौतिक रूप से मुझे सिलेंडर नहीं मिला था जिसकी सूचना मैने एजेंसी संचालक को व्हाट्स ऐप और एजेंसी में स्वयं आकर दी थी। बुक किए हुए तारीख से 19– 20 दिन बीत जाने के बाद भी सिलेंडर नहीं मिला था। -देवेश साहू, उपभोक्ता बलौदाबाजार

कोई वैध रसीद नहीं:

उपभोक्ताओं को कोई वैध रसीद नहीं दी जाती थी, जिससे सब्सिडी की राशि उनके बैंक खाते में नहीं पहुंच पाती थी। रसीद की जगह सामान्य कागज पर लिखी हुई पर्ची दी जाती थी, जो किसी भी मान्यता प्राप्त दस्तावेज की श्रेणी में नहीं आती।

चमेली वर्मा, एक घरेलू उपभोक्ता ने बताया कि: “हम खुद एजेंसी से सिलेंडर लेने गए, फिर भी ₹935 की कीमत ली गई और कहा गया कि इसमें डिलीवरी चार्ज भी शामिल है। कोई पक्की रसीद नहीं दी, बस कागज में कुछ लिखकर पकड़ा दिया। इसके चलते हमें सब्सिडी भी नहीं मिलती।”

मोबाइल नंबर अपडेट करने के नाम पर वसूली:

एक महिला उपभोक्ता ने बताया कि उनका मोबाइल नंबर एलपीजी कनेक्शन में अपडेट करवाने के लिए 50 रुपये का चार्ज लिया गया। जबकि यह सेवा एलपीजी कंपनियों द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है।

जबरन अन्य उत्पाद की बिक्री:

सिलेंडर रिफिल लेने आए उपभोक्ताओं को जबरन अन्य उत्पाद खरीदने के लिए बाध्य किया जाता था, जैसे गैस रेगुलेटर, पाइप, स्टैंड आदि।

दूसरे उपभोक्ता चंद्रकांत ने बताया कि: “एजेंसी द्वारा हमसे ₹50 लिए गए सिर्फ इसलिए कि हमने एलपीजी कनेक्शन में मोबाइल नंबर अपडेट करवाया। जबकि ये सेवा मुफ्त है।”

नरेश गनसानी, उपभोक्ता बलौदाबाजार ने बताया कि, मेरी माता श्रीमती मोहनी गनशानी के नाम से कार्ड है,, 7 जुलाई को मैने फोन पे के माध्यम से ऑनलाइन सिलेंडर बुक कराया था, 9 जुलाई को मोबाइल में मैसेज आया कि आपको सिलेंडर डिलीवर हो चुका है जबकि हमें सिलेंडर प्राप्त नहीं हुआ था,, इसी प्रकार से हमें समय पर सिलेंडर प्रदाय नहीं किया जाता था जिसकी जानकारी हमने अधिकारियों को दी l


हीरा किचन सेल्स पर भी जांच

हीरा किचन सेल्स में छापेमारी के दौरान निम्न सामग्रियाँ जब्त की गईं:

  • भरे सिलेंडर: 2 नग

  • खाली सिलेंडर: 3 नग

  • गैस रेगुलेटर: 20 नग

  • उपभोक्ता गैस कार्ड: 19 नग

  • सब्सक्रिप्शन वाउचर: 4 नग

यह दर्शाता है कि एजेंसी बिना वैध प्रक्रिया के भी गैस वितरण में लिप्त थी। कई उपभोक्ताओं के दस्तावेज गोदाम में पड़े मिले, जो उपभोक्ता जानकारी के दुरुपयोग की ओर भी इशारा करते हैं।

एजेंसी परिसर में गंदगी, अव्यवस्था

जांच टीम ने जब एजेंसी के कार्यालय और गोदाम का निरीक्षण किया, तो वहां गंभीर गंदगी और अव्यवस्था पाई गई। रजिस्टरों की हालत जर्जर थी, कंप्यूटर प्रणाली का नामोनिशान नहीं था, और पूरा संचालन बेहद अव्यवस्थित ढंग से किया जा रहा था। यह स्थिति बताती है कि एजेंसी के पास पारदर्शी संचालन की कोई नीति नहीं है।


खाद्य अधिकारी का बयान

जिला खाद्य अधिकारी पुनीत वर्मा ने बताया:

“माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी के खिलाफ लंबे समय से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। स्टॉक में अनियमितता, अवैध शुल्क वसूली और रसीद जारी न करने जैसे मामलों की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”


अन्य एजेंसियों को भेजा गया नोटिस

जांच दल ने हीरा किचन केयर नामक एक अन्य गैस एजेंसी का भी निरीक्षण किया, वहां भी बड़ी गड़बड़ी पाई गई, लेकिन सतर्कता के तौर पर उन्हें नोटिस जारी किया गया है। साथ ही जिले की सभी एलपीजी एजेंसियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे स्टॉक रजिस्टर अपडेट रखें, ग्राहकों को रसीद दें और किसी भी प्रकार की अवैध वसूली से दूर रहें।


क्या होगी आगे की कार्रवाई?

प्रशासन की इस छापामार कार्रवाई के बाद अब आगे की कार्रवाई भी तेज हो गई है। संभावित कदमों में शामिल हैं:

  1. एजेंसी का लाइसेंस निलंबन या निरस्तीकरण।
  2. आपराधिक प्रकरण दर्ज कर एजेंसी संचालक की गिरफ्तारी।
  3. एलपीजी कंपनी को नोटिस और स्पष्टीकरण की मांग।
  4. कर विभाग और उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की जांच।

उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?

यदि आप भी किसी गैस एजेंसी द्वारा ठगे गए हैं या अधिक राशि वसूली गई है तो:

  • खाद्य विभाग या जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत करें।
  • ऑनलाइन पोर्टल pgportal.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
  • एलपीजी कंपनियों के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

प्रशासन का संदेश: “सजग उपभोक्ता ही सुरक्षित समाज की नींव”

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आगे भी ऐसी छापेमारी की जाएगी और किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


छापा नहीं चेतावनी थी…

माँ बम्लेश्वरी गैस एजेंसी पर की गई यह छापेमारी केवल एक एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह पूरे गैस वितरण तंत्र के लिए एक चेतावनी थी। यह संदेश था कि अब उपभोक्ताओं के साथ हो रहे खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब आम लोग अपनी आवाज उठाते हैं और प्रशासन सक्रिय होता है, तो बड़े से बड़े नेटवर्क भी हिल जाते हैं। आने वाले समय में बलौदाबाजार सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ऐसी कार्रवाई की और भी मिसालें देखने को मिल सकती हैं।

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