CM Vishnu dev का सरप्राइज दौरा: जब सीधे गाँव वालों के बीच पहुंचे खुद सीएम

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का काफिला पहुंचा बलौदाबाजार के बलदाकछार कमार पारा, सीएम ने बांस से बने सूप और पंखे खरीदे - SUSHASAN TIHAR 2025 (Chhattisgarh Talk)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का काफिला पहुंचा बलौदाबाजार के बलदाकछार कमार पारा, सीएम ने बांस से बने सूप और पंखे खरीदे - SUSHASAN TIHAR 2025 (Chhattisgarh Talk)

छत्तीसगढ़ के बलदाकछार गांव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बरगद की छांव में चौपाल लगाई, योजनाओं का फीडबैक लिया और बांस के उत्पाद भी खरीदे।


बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल गांव बलदाकछार की दोपहर कुछ अलग थी। चिलचिलाती धूप, उड़ती धूल और हरे-भरे जंगलों के बीच जब अचानक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का काफिला गाँव में दाखिल हुआ, तो हर कोई चौंक गया। बिना तामझाम, बिना मंच, सीधे ग्रामीणों के बीच जाकर संवाद करने की यह शैली लोगों को भीतर तक छू गई।

मुख्यमंत्री ने गांव के बीचोंबीच पुराने बरगद के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई। यहाँ न कोई माइक था, न मंच। केवल सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद। उन्होंने कहा –
“किसी योजना से वंचित तो नहीं हो? कहो, क्या नहीं मिला?”
और फिर ग्रामीण खुलकर बोले। किसी ने राशन की बात की, तो किसी ने बिजली की परेशानी बताई। मुख्यमंत्री ने सब सुना और मौके पर मौजूद अफसरों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश भी दिए।


बलदाकछार गांव में बरगद के नीचे जनसंवाद: बिजली, राशन, आवास और किसानों की बात

बरगद की छांव में लगी चौपाल में मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से योजनाओं की स्थिति और उनकी समस्याएं सीधी सुनीं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन वितरण, बिजली की समस्या और धान के समर्थन मूल्य को लेकर ग्रामीणों से फीडबैक लिया। सीएम ने अफसरों को तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए।

“सरकार कागजों में नहीं, ज़मीन पर दिखनी चाहिए। हम घोषणाएं करने नहीं, आपकी सच्चाई जानने आए हैं,” – मुख्यमंत्री

कमार बस्ती में पहुँचे मुख्यमंत्री, कुलेश्वरी से खरीदे बांस के परंपरागत उत्पाद

कमार समाज की कुलेश्वरी कमार को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ कि मुख्यमंत्री उनके द्वार पर खड़े हैं। बांस से बने उनके ‘पर्रा’, ‘धुकना’ और ‘सूपा’ देखकर मुख्यमंत्री इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने यह उत्पाद वहीं खरीद लिए। यह केवल आर्थिक सहयोग नहीं था, बल्कि ग्रामीण हुनर को दिए गए सम्मान की भी मिसाल थी।

“मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को अपने द्वार पर देखकर कुलेश्वरी चकित और उत्साहित थीं। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा खरीदे गए उत्पादों को गर्व से दिखाया,” – CMO छत्तीसगढ़ (X पर)


महानदी पर तटबंध और हाईमास्ट लाइट की घोषणा

बलदाकछार ग्रामीणों ने बरसात में महानदी से आने वाली बाढ़ की परेशानी साझा की, जिस पर मुख्यमंत्री ने महानदी के किनारे तटबंध के निर्माण की घोषणा कर दी। इसके साथ ही गाँव में हाईमास्ट लाइट लगाने की मांग भी स्वीकृत की गई।

जलसंरक्षण के लिए श्रमदान: ईंट जोड़ी, कैंचा उठाया

‘मोर गांव, मोर पानी’ अभियान के अंतर्गत बने सोखता गड्ढा का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने न सिर्फ तारीफ की, बल्कि खुद कैंचा उठाकर ईंट जोड़ाई भी की। यह केवल प्रतीकात्मक नहीं था, यह मुख्यमंत्री का गाँव के साथ जुड़ाव और ‘काम में हाथ बंटाने’ का प्रतीक था।

“जल संचयन के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खुद श्रमदान किया, जो सरकार के संवेदनशील चेहरे को दर्शाता है,” – CMO छत्तीसगढ़

सड़क सुरक्षा की अनोखी पहल – मुख्यमंत्री ने खुद पहनाया हेलमेट

बलदाकछार गांव के धनंजय पटेल और श्रीमती हेमलता चन्द्राकर को मुख्यमंत्री ने खुद हेलमेट पहनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया। यह एक साधारण कार्य नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश था—जीवन की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।

बलदाकछार गांव में मुख्यमंत्री का चौपाल; धान के दाम में बदलाव नहीं, 3100 रुपए प्रति क्विंटल की गारंटी

मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके पसीने की कीमत जानती है। इसीलिए धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल सुनिश्चित किया गया है। यह बात सुनते ही ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष झलक गया।


बलदाकछार गांव में मुख्यमंत्री का चौपाल; ‘अटल डिजिटल सेवा केंद्र’ से गांव होगा स्मार्ट – मिलेगा हर सरकारी प्रमाणपत्र यहीं

मुख्यमंत्री साय ने बलदाकछार में ‘अटल डिजिटल सेवा केंद्र’ का शुभारंभ भी किया। उन्होंने बताया कि इससे जाति, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी सेवाएँ अब गाँव में ही उपलब्ध होंगी। लोगों को अब ब्लॉक या जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। साथ ही, बैंकिंग सुविधाएं भी यहीं उपलब्ध कराई जाएंगी।


महानदी किनारे बनेगा तटबंध – बाढ़ से राहत की सौगात

बलदाकछार गांव से सटे महानदी तट पर बारिश में जलभराव और बाढ़ की समस्या बताई गई। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत घोषणा की कि जल्द ही महानदी किनारे तटबंध का निर्माण होगा, जिससे गांव को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।


कमार बस्ती की बांस कला ने मोहा – मुख्यमंत्री ने खुद खरीदे ‘धुकना’, ‘सूपा’ और ‘पर्रा’

मुख्यमंत्री का यह दौरा केवल योजनाओं के आंकलन तक सीमित नहीं रहा। जब वे कमार बस्ती में पहुँचे, तो वहाँ रहने वाली कुलेश्वरी बाई और उनके परिवार से मुलाकात की, जो बांस से बनी पारंपरिक वस्तुएं तैयार करते हैं।

मुख्यमंत्री ने जब उनके बनाए धुकना, पर्रा और सूपा देखे, तो वे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उन्हें तुरंत खरीद लिया। इस छोटे-से क्रय ने ना सिर्फ शिल्पकार परिवार का मनोबल बढ़ाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सरकार ‘स्थानीय हुनर’ को पहचानती और सम्मान देती है।

इस अनौपचारिक मगर भावनात्मक क्षण को CMO छत्तीसगढ़ ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया और लिखा –

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को कमार परिवार के बनाए पर्रा, धुकना और सूपा इतने पसंद आए कि उन्होंने तुरंत खरीद लिए।
बरगद की छांव में चौपाल लगाकर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया गया।


“सरकार अब दूर नहीं लगती” – बोले गांव के लोग

गांव के एक बुजुर्ग बोले –
“पहली बार ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री हमारे घर आए हैं। बिना मंच, बिना दूरी, सीधा संवाद… ये भरोसे की बात है साहब!”

एक युवा ने कहा –
“कुलेश्वरी काकी का सामान मुख्यमंत्री ने खरीदा, अब वो गाँव की हीरो बन गई हैं। हमें गर्व है कि हमारी परंपरा की भी कद्र है।”


छत्तीसगढ़ का सुशासन तिहार – सरकार गांव की चौखट पर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह औचक दौरा न केवल योजनाओं की समीक्षा थी, बल्कि ‘छत्तीसगढ़ के सुशासन तिहार’ का वह चेहरा भी था, जिसमें सरकार की उपस्थिति केवल आदेशों में नहीं, बल्कि आमजन के अनुभवों में झलकती है। बरगद की छांव में बैठा यह संवाद, गांव वालों की आंखों में उम्मीद की लौ जगा गया।


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