महिला शक्ति, रंगों का संगम और समाज को संदेश – केटीयू के ‘शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम में दिखी अनूठी झलक!

महिला शक्ति, रंगों का संगम और समाज को संदेश – केटीयू के ‘शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम में दिखी अनूठी झलक! (Chhattisgarh Talk)
महिला शक्ति, रंगों का संगम और समाज को संदेश – केटीयू के ‘शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम में दिखी अनूठी झलक! (Chhattisgarh Talk)

केटीयू में ‘शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण, काव्य पाठ और होली मिलन का अनूठा संगम! जानें कैसे छात्र-छात्राओं ने समाज को जागरूक करने का संदेश दिया।

अरुण पुरेना, रायपुर: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (केटीयू) के जनसंचार विभाग में ‘तरंग 2.0 – शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण, कला, संस्कृति और सामाजिक संदेशों का रंगारंग मेल था।

“महिलाएं और पुरुष एक-दूसरे के पूरक, साथ मिलकर बढ़ेगा समाज” – डॉ. राजेंद्र मोहंती

कार्यक्रम में नारी शक्ति पर केंद्रित काव्य पाठ, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और होली मिलन समारोह आयोजित किया गया। जहां एक ओर छात्र-छात्राओं ने अपनी कविताओं से महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर रंगों के उत्सव होली के जरिए सद्भाव और जल संरक्षण का संकल्प लिया गया।


“शक्ति का गुलाल, सशक्त महिला, समृद्ध समाज!” – डॉ. राजेंद्र मोहंती

कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र मोहंती ने कहा—

🔹 “महिलाएं और पुरुष समाज की दो ताकतें हैं, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।”
🔹 “आज महिलाएं हर क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर रही हैं, खासकर पत्रकारिता में उनकी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है।”
🔹 “जब महिलाओं को समान अधिकार और अवसर मिलते हैं, तो पूरा समाज विकास करता है।”

उन्होंने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण को सिर्फ एक चर्चा का विषय नहीं, बल्कि एक आंदोलन बनाने की जरूरत पर बल दिया।


🔥 काव्य पाठ और प्रश्नोत्तरी: शब्दों से सशक्त हुई नारी शक्ति!

📖 काव्य पाठ: छात्र-छात्राओं ने नारी संघर्ष, उपलब्धियों और सशक्तिकरण पर कविताएं प्रस्तुत कीं, जिससे कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक और प्रेरणादायक बन गया।
🎯 प्रश्नोत्तरी: महिला अधिकारों, उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों और योगदान से जुड़े सवाल पूछे गए, जिनका जवाब देकर प्रतिभागियों ने अपनी जागरूकता साबित की।

इन गतिविधियों के जरिए यह संदेश दिया गया कि महिला सशक्तिकरण केवल सरकार या समाज की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का दायित्व है।


🎨 होली मिलन: तिलक, गुलाल और जल संरक्षण का संकल्प

कार्यक्रम में होली मिलन समारोह भी आयोजित किया गया।

विद्यार्थियों ने एक-दूसरे को तिलक और गुलाल लगाकर शुभकामनाएं दीं।
पानी की बर्बादी रोकने के लिए सिर्फ सूखी होली खेली गई।
“रंगों से जीवन में खुशियां लाएं, लेकिन जल संरक्षण का संकल्प भी लें!” – विद्यार्थियों का संदेश।

होली के इस अनोखे अंदाज ने पूरे कार्यक्रम में एक नई ऊर्जा भर दी।


👥 कार्यक्रम में रही विद्यार्थियों और शिक्षकों की शानदार भागीदारी

कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग की छात्रा मुस्कान भारती और ख्याति मिश्रा ने किया। इस दौरान डॉ. नीलेश साहू, गुलशन वर्मा, अभिषेक गोस्वामी, स्नेहा पांडेय, गायत्री सिंह, विनोद सावंत और चंद्रेश चौधरी समेत बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।


✨ ‘शक्ति का गुलाल’ कार्यक्रम ने दिया सशक्त समाज का संदेश

महिलाओं को समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए।
महिला सशक्तिकरण केवल एक दिवस का नहीं, बल्कि रोज का संकल्प होना चाहिए।
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और जागरूकता का माध्यम भी है।

“शक्ति का गुलाल” कार्यक्रम ने साबित कर दिया कि जब शिक्षा, जागरूकता और संस्कृति एक साथ आती हैं, तो समाज को नई दिशा मिलती है।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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