



बलौदाबाजार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटा! बगावत, हंगामा और पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप। जानिए पूरी कहानी!
बलौदाबाजार: जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। चुनावी नतीजों से ज्यादा भाजपा के अंदरूनी घमासान, गुटबाजी, कार्यकर्ताओं का हंगामा और बड़े नेताओं पर लगे गंभीर आरोप चर्चा का विषय बन गए। कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व पर बागियों के आगे घुटने टेकने, धनबल के दबाव में निर्णय लेने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का आरोप लगाया।
बागी उम्मीदवारों की जीत से भाजपा कार्यकर्ता नाराज!
इस चुनाव में भाजपा की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। भाजपा ने अध्यक्ष पद के लिए आकांक्षा गोलू जायसवाल को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया, लेकिन उनकी उम्मीदवारी खुद कार्यकर्ताओं को ही रास नहीं आई।
बलौदाबाजार में भाजपा कार्यालय बना रणभूमि: ताले टूटे, नारे गूंजे! जानें क्यों भाजपा में मचा बवाल!
दरअसल, आकांक्षा जायसवाल ने जिला पंचायत सदस्य चुनाव निर्दलीय लड़ा था और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को हराया था। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हीं को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना दिया। यही स्थिति उपाध्यक्ष पद पर भी देखने को मिली, जहां भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी नवीन मिश्रा के बजाय पवन साहू को उपाध्यक्ष बना दिया गया, जो पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़े और जीते थे।
भाजपा कार्यालय में हंगामा, ताले तोड़े गए!
इस फैसले से नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि शीर्ष नेतृत्व ने धनबल और दबाव में आकर बागियों को पार्टी की कमान सौंप दी।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेताओं ने अपने सदस्यों को कार्यालय में बंद कर दिया था ताकि वे किसी बाहरी दबाव में न आ सकें। लेकिन जब गुस्साए कार्यकर्ताओं ने दरवाजे का ताला तोड़ दिया, तो अंदर से कई नेताओं को बाहर निकाला गया।
“फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो और 15-15 लाख की डील!”
इस चुनाव में पैसे और गाड़ियों की जमकर चर्चा रही। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप था कि—
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✅ एक बड़े नेता को फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में दी गई, जिससे भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी बदल दिया गया।
✅ प्रत्याशियों को 15-15 लाख रुपये और स्कॉर्पियो कार देने की डील हुई, जिससे पार्टी नेतृत्व दबाव में आ गया।
इसकी पुष्टि छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम नही करता यह चर्चा बलौदाबाजार में चल रही हैं।
राजस्व मंत्री बोले – “भाजपा अनुशासित पार्टी”
जब प्रदेश के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा से इस हंगामे पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा, “मुझे इस विवाद की जानकारी नहीं है, लेकिन भाजपा एक अनुशासित पार्टी है।”
गौर करने वाली बात यह थी कि जब यह हंगामा हो रहा था, तब मंत्री वर्मा खुद भाजपा कार्यालय में मौजूद थे!
“भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी है। हमें किसी भी हंगामे की जानकारी नहीं है। भाजपा पूरे प्रदेश में मजबूत स्थिति में है और यह चुनाव भी हम जीतेंगे।” -टंकराम वर्मा, कैबिनेट मंत्री

फिर ये तस्वीरे क्या कहती हैं अंदर मौजूद रहे जब बलौदाबाजार के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा को बवाल की जानकारी नही कहते हैं लेकिन मंत्री जी बवाल के बीच कार्यालय के अंदर ही मौजूद थे। अब सच्चा कौन हैं झूठा कौन ये तो अब मंत्री जी ही बताएंगे!!
बलौदाबाजार जिला पंचायत चुनाव “असामाजिक तत्वों का हंगामा” – भाजपा जिला अध्यक्ष का बयान
भाजपा जिला अध्यक्ष आनंद यादव ने इस विवाद को खारिज करते हुए कहा कि,
👉 “जो प्रदर्शन कर रहे थे, वे असली भाजपा कार्यकर्ता नहीं, बल्कि असामाजिक तत्व थे!”
👉 “भाजपा में कोई भी पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ता, इसलिए किसी को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है।”
नवनिर्वाचित अध्यक्ष आकांक्षा जायसवाल का जवाब
आकांक्षा जायसवाल ने अपनी जीत के बाद कहा,
✅ “मुझे सभी सदस्यों का सहयोग मिला, मैं जिले के विकास के लिए काम करूंगी।”
❌ लेकिन जब हंगामे और विवादों पर उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा ने क्यों साधी चुप्पी?
चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा रहे।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय में ताला तोड़कर उन्हें बाहर निकाला था। लेकिन जब मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की, तो वे हर बार सवालों से बचते नजर आए।
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भाजपा के सीनियर नेता भी कार्यालय में बंद!
खबर है कि भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े की पुत्री इंदु जांगड़े और पूर्व मंडल अध्यक्ष डोमन वर्मा की पत्नी गीता वर्मा प्रमुख दावेदार थीं। लेकिन जब निर्वाचन की तारीख आई, तो इन्हें भाजपा कार्यालय में बंद कर दिया गया और नामांकन से वंचित कर दिया गया।
“हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया” – भाजपा नेता
भाजपा के एक वरिष्ठ अनुसूचित जाति नेता ने कहा,
❌ “जिन नेताओं को हम पिता तुल्य मानते थे, उन्होंने ही हमें धोखा दिया!”
❌ “भाजपा अब कार्यकर्ताओं की नहीं, सिर्फ कुछ नेताओं के स्वार्थ की पार्टी बन गई है।”
भाजपा कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं?
भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा और गुस्सा दोनों है। उनका आरोप है कि,
👉 “हमने पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की, लेकिन हमारे बजाय बागियों को शीर्ष पद दे दिए गए!”
👉 “अगर पार्टी यही नीति अपनाती रही, तो भविष्य में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा!”
बलौदाबाजार जिला पंचायत चुनाव: अब क्या होगा? भाजपा इस असंतोष को कैसे संभालेगी?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बड़ा सवाल यह है कि,
❓ क्या भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर कर पाएगी?
❓ क्या भाजपा बागियों को समर्थन देकर खुद अपने कार्यकर्ताओं को हाशिए पर धकेल रही है?
❓ इस अंदरूनी कलह का असर आगामी चुनावों पर पड़ेगा?
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