



छत्तीसगढ़ के पी. डी. पंथी परिवार ने मिस्र के काहिरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक नृत्य जैसे पंथी, बस्तर कर्मा और सुवा नृत्य से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति का प्रचार किया।
छत्तीसगढ़ की पी. डी. पंथी परिवार ने एक अनोखा इतिहास रचते हुए, 13-24 फरवरी तक मिस्र के काहिरा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव में भारत का गर्वपूर्ण प्रतिनिधित्व किया। इस महोत्सव में 17 देशों के कलाकारों ने अपनी संस्कृति और परंपराओं को प्रस्तुत किया, और छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य जैसे पंथी, बस्तर कर्मा पंथी, सुवा नृत्य, और अन्य पारंपरिक नृत्यों ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया।
छत्तीसगढ़ पी. डी. पंथी: भारत के तिरंगे के साथ नृत्य और संस्कृति का आदान-प्रदान
पी. डी. पंथी परिवार के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों के जरिए छत्तीसगढ़ की लोक कला को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। उनके द्वारा किया गया पंथी नृत्य, जिसे विश्व के सबसे तेज गति से किया जाने वाला नृत्य माना जाता है, ने मिस्र के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, बस्तर कर्मा पंथी नृत्य और सुवा नृत्य ने भारतीय संस्कृति की सुंदरता और विविधता को पूरी दुनिया के सामने रखा।
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव 2025: भाजपा का जलवा बरकरार, जानें किस नगर निगम में कौन आगे?
महोत्सव के दौरान छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने मिस्र की प्रसिद्ध नील नदी के किनारे भारत का तिरंगा फहराया और सभी देशों के कलाकारों के साथ मिलकर सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बने। इस ऐतिहासिक मौके पर भारतीय लोकनृत्यों ने एक अलग ही रंग जमा दिया।
छत्तीसगढ़ पी. डी. पंथी: सांस्कृतिक धरोहर का महत्व
इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में छत्तीसगढ़ के प्रमुख कलाकारों ने अपनी वेशभूषा और नृत्य से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दुनिया भर में प्रस्तुत किया। इस दल में शामिल कलाकार थे- पुनदास जोशी, डॉ. हरेंद्र टोंडे, मनोज केशकर, रामा बंजारे, अलका मिंज, मुस्कान, आकांक्षा वर्मा, और आकांक्षा केसरवानी।
इन कलाकारों ने अपनी कला और कौशल से न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे भारत की लोक कला को सम्मानित किया। उनके द्वारा प्रस्तुत पंथी नृत्य और अन्य लोकनृत्य इतने आकर्षक थे कि देखने वाले हर कोई इनकी सराहना किए बिना नहीं रह सका।
छत्तीसगढ़ पी. डी. पंथी सांस्कृतिक आदान-प्रदान
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर, छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने न केवल अपनी कला और संस्कृति का प्रसार किया, बल्कि अन्य देशों की सांस्कृतिक धरोहर को समझने और उसका सम्मान करने का भी प्रयास किया।
Nikay Chunav Results: 49 नगर पालिकाओं में भाजपा ने मारी बाजी, देखें पूरी लिस्ट
यह महोत्सव विभिन्न देशों के लिए एक मंच बना, जहां लोग अपनी-अपनी सांस्कृतिक विरासत से एक दूसरे को परिचित कराते थे। छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने इस दौरान छत्तीसगढ़ की लोक कला को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया और इसे सम्मानित किया।
छत्तीसगढ़ पी. डी. पंथी संस्कृति का वैश्विक सम्मान
भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने यह साबित किया कि भारत की संस्कृति न केवल देश में, बल्कि दुनिया भर में अपनी खास पहचान बना चुकी है। इस तरह के आयोजनों से भारत के विभिन्न राज्यों की लोक कला को वैश्विक मंच पर पहचान मिलती है, और इससे भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
👉 अपडेट्स के लिए जुड़े रहें!
- विज्ञापन के लिए संपर्क करे: 9111755172
-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)
Exclusive News: बलौदाबाजार जिले में कांग्रेस का दबदबा: 2019-20 के चुनाव में BJP को क्यों मिली हार? जानिए
BJP Candidate List: 47 नगरपालिका अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों का ऐलान! देखें पूरी लिस्ट!
बलौदाबाजार चुनाव 2025: इस बार कौन होगा भाजपा और कांग्रेस पार्टी का चेहरा?
ट्रस्ट की भूमि के अवैध हस्तांतरण के आरोप, जानें पूरा मामला
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े- Join Now
आप किस जेनरेशन का हिस्सा हैं? जानिए हर पीढ़ी की विशेषताएँ और योगदान
छत्तीसगढ़ में अब 24 घंटे खुलेंगी दुकानें, जानिए क्या है नया कानून