Krishna Public School में धोखाधड़ी: CBSE के नाम पर बच्चों का एडमिशन, CG बोर्ड में परीक्षा

Krishna Public School में धोखाधड़ी: CBSE के नाम पर बच्चों का एडमिशन, CG बोर्ड में परीक्षा (Chhattisgarh Talk)
Krishna Public School में धोखाधड़ी: CBSE के नाम पर बच्चों का एडमिशन, CG बोर्ड में परीक्षा (Chhattisgarh Talk)

Krishna Public School में बच्चों के एडमिशन को लेकर विवाद, पालकों ने CBSE के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। बच्चों का रजिस्ट्रेशन CG बोर्ड में होने से उनके भविष्य पर संकट आ गया है। पढ़ें पूरी खबर।

छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर से सटे आरंग क्षेत्र में स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ गंभीर धोखाधड़ी और लापरवाही का मामला सामने आया है। इस स्कूल ने बच्चों को CBSE बोर्ड के नाम पर एडमिशन लिया और सालभर तक CBSE पाठ्यक्रम की महंगी फीस लेकर शिक्षा दी, लेकिन अब पता चला कि इन बच्चों का रजिस्ट्रेशन CG बोर्ड में किया गया है। इस खुलासे ने पालकों के बीच हलचल मचा दी है और उन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले को लेकर अब जिला शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं, और पालक स्कूल में हंगामा करने पहुंच गए हैं।

Krishna Public School में धोखाधड़ी: क्या है पूरा मामला?

कृष्णा पब्लिक स्कूल (Krishna Public School) को छत्तीसगढ़ बोर्ड (CG Board) से मान्यता प्राप्त है, लेकिन प्रबंधन ने बच्चों को CBSE बोर्ड के नाम पर एडमिशन लिया। पालकों से CBSE बोर्ड की महंगी फीस ली गई और बच्चों को CBSE पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाया गया। सालभर तक बच्चों को CBSE के कड़े और आधुनिक कोर्स की पढ़ाई कराई गई, लेकिन अब जब केंद्रीयकृत परीक्षा की तारीखों का ऐलान हुआ, तब यह चौकाने वाली बात सामने आई कि बच्चों का रजिस्ट्रेशन असल में CG बोर्ड में हुआ है, और अब बच्चों को सीजी बोर्ड के तहत परीक्षा देनी होगी।

Krishna Public School: पालकों का गुस्सा फूटा

जब यह मामला सामने आया, तो पालकों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल ने जानबूझकर उन्हें गुमराह किया। बच्चों के एडमिशन के समय उन्हें यह जानकारी दी गई थी कि स्कूल को CBSE से मान्यता प्राप्त है, जबकि वास्तविकता में यह केवल CG बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। अब एक साल बाद यह पता चलने पर कि बच्चों का रजिस्ट्रेशन CG बोर्ड में है, पालक इस धोखाधड़ी से नाराज हैं।

पालकों का कहना है, “हमने अपने बच्चों के लिए CBSE का एडमिशन लिया था, क्योंकि हमें बताया गया था कि यह स्कूल CBSE से मान्यता प्राप्त है। अब हमें पता चला है कि बच्चों का रजिस्ट्रेशन CG बोर्ड में है। सालभर तक CBSE की पढ़ाई के बाद अब वे कैसे CG बोर्ड की परीक्षा के लिए तैयार होंगे?”

कृष्णा पब्लिक स्कूल में धोखाधड़ी: सीआरपीएफ के जवानों के बच्चों का भी भविष्य संकट में

राहत की बात यह है कि इस स्कूल में कई सीआरपीएफ जवानों के बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं, और उनके लिए यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। क्योंकि वे पहले ही समझ रहे थे कि उनका बच्चा CBSE बोर्ड के तहत परीक्षा देगा, लेकिन अब उन्हें भी यह समझना मुश्किल हो रहा है कि बच्चों को CG बोर्ड की परीक्षा देने के लिए उन्हें एक महीने में कैसे तैयार किया जाएगा।

कृष्णा पब्लिक स्कूल में धोखाधड़ी: जिला शिक्षा अधिकारी की कार्रवाई

इस घटना के बाद जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संभागीय संचालक को जांच के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का एक दल जांच के लिए स्कूल भेजा गया है, जो स्कूल प्रबंधन से सभी दस्तावेज और तथ्यों की जानकारी लेगा। इसके बाद यह तय किया जाएगा कि स्कूल के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाए।

वहीं, शिक्षा विभाग ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच का आश्वासन दिया है।

कृष्णा पब्लिक स्कूल में धोखाधड़ी: पालकों की लगातार बढ़ती नाराजगी

पालकों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई पालक स्कूल के बाहर इकट्ठा होकर अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की तो वे सड़कों पर आकर और बड़े विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कृष्णा पब्लिक स्कूल में धोखाधड़ी: स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं

इस मामले में स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे की गहराई से जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रशासन पर यह आरोप भी है कि उन्होंने जानबूझकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया है।

कृष्णा पब्लिक स्कूल में धोखाधड़ी: आगे की राह

यह मामला केवल बच्चों के भविष्य के लिए चिंता का विषय नहीं, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि शिक्षा संस्थाओं में किस प्रकार से पारदर्शिता और गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। यदि स्कूल प्रशासन को सख्त सजा नहीं दी जाती, तो ऐसे मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे बच्चों की शिक्षा में और भी अव्यवस्थाएं पैदा हो सकती हैं।

अब यह देखना है कि शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारी इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी के मामलों से बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।

कृष्णा पब्लिक स्कूल की इस धोखाधड़ी के मामले ने न केवल पालकों के विश्वास को ठेस पहुंचाई है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की जरूरत को भी उजागर किया है। बच्चों का भविष्य अब संकट में है, और पालक इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस मामले में उचित कदम उठाए जाएंगे, ताकि उनके बच्चों को न्याय मिल सके।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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