पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की निर्मम हत्या, 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा – हत्याकांड ने प्रदेश में मचाई थी सनसनी!

पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की निर्मम हत्या, 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा – हत्याकांड ने प्रदेश में मचाई थी सनसनी! (Chhattisgarh Talk)
पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की निर्मम हत्या, 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा – हत्याकांड ने प्रदेश में मचाई थी सनसनी! (Chhattisgarh Talk)

CG murder case: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की निर्मम हत्या के मामले में 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली। जानिए इस हत्याकांड का पूरा विवरण और न्याय का संघर्ष।

भूपेंद्र साहू, कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में घटित एक खौफनाक त्रि-हत्या कांड ने छत्तीसगढ़ में खलबली मचा दी थी। यह मामला प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के परिवार से जुड़ा हुआ था। स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, उनकी पत्नी सुमित्रा कंवर और पोती आशी कंवर की 21 अप्रैल 2021 को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस छत्तीसगढ़ हत्याकांड ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समूचे देश में सनसनी फैला दी थी। अब, तीन साल की लंबी सुनवाई के बाद, कोरबा न्यायालय ने सभी पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री के परिवार की निर्मम हत्या

यह हत्याकांड 21 अप्रैल 2021 को उरगा थाना क्षेत्र के भैंसमा गांव में हुआ था। उस सुबह, हरीश कंवर और उनके परिवार के तीन सदस्य – पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर की क्रूरता से हत्या कर दी गई थी। शवों की अवस्था देखकर पुलिस भी चौंक गई थी, यह घटना बेहद ही दिल दहला देने वाली थी। जैसे ही यह खबर फैलती है, समूचे प्रदेश में हड़कंप मच जाता है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की पैसों के विवाद ने ली जान!

पूर्व उप मुख्यमंत्री, तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मामले को गम्भीरता से लिया और पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने अपनी जांच में यह पता लगाया कि इस त्रासदी के पीछे मृतक हरीश कंवर के बड़े भाई का साला था। इस छत्तीसगढ़ हत्याकांड के मुख्य आरोपी का नाम सामने आया। हत्या के कारणों का जब पर्दाफाश हुआ तो यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि हत्या के पीछे पैसे के लेन-देन का विवाद था।

पूर्व उप मुख्यमंत्री के परिवार हत्याकांड में आरोपी गिरफ्तार

मामले में पुलिस ने शुरुआत में ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में जांच में यह खुलासा हुआ कि केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि चार अन्य लोग भी इस अपराध में शामिल थे। जांच में यह तथ्य सामने आया कि हत्यारे ने पैसों के विवाद के कारण अपनी पुरानी दुश्मनी का बदला लिया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाए और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। इन साक्ष्यों में गवाहों के बयान, अपराधी द्वारा छोड़ दिए गए अहम सुराग, और पुलिस की तकनीकी जांच का भी महत्वपूर्ण योगदान था।

पूर्व उप मुख्यमंत्री: 5 आरोपियों को आजीवन कारावास!

मामले की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदेश्वर की पीठ के सामने हुई। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में पूरी साक्ष्य सामग्री प्रस्तुत की। सरकारी अभिभाषक कृष्ण द्विवेदी ने अदालत को बताया कि हरीश कंवर और उनके परिवार के अन्य सदस्य की हत्या में साक्ष्य साफ तौर पर आरोपियों के खिलाफ थे। हत्या की वजह को लेकर गहराई से जांच की गई और साबित हुआ कि पैसे के लेन-देन में कोई न कोई गड़बड़ी थी, जो हत्यारे के मन में प्रतिशोध की भावना को जन्म देने का कारण बनी।

अदालत ने मामले को गंभीरता से लिया और पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें एक महिला और चार पुरुष शामिल थे, जिनमें से एक आरोपी मृतक हरीश कंवर के परिवार का करीबी रिश्तेदार था।

पूर्व उप मुख्यमंत्री: 3 साल बाद अदालत का बड़ा फैसला

कोर्ट का यह फैसला हत्याकांड के पीड़ित परिवार के लिए उम्मीद की एक किरण साबित हुआ। सरकारी अभिभाषक कृष्ण द्विवेदी ने कहा, “यह सजा केवल दोषियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक संदेश है कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर बचने नहीं दिया जाएगा।” न्यायालय का यह कदम न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में अहम साबित हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में यह संदेश भी दिया कि कानून का अपना उल्लंघन करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।

छत्तीसगढ़ हत्याकांड में खास बात – पैसों के विवाद से हत्या तक का सफर

इस हत्या के पीछे का कारण पैसों के लेन-देन में नाजायज फायदा उठाने की कोशिशें थीं। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया था कि उसे मृतक के परिवार से पैसों का विवाद था, और इसी विवाद ने उसे इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए उकसाया। आरोपियों ने पैसे के लालच में, बेरहमी से तीन निर्दोष लोगों की जान ले ली।

छत्तीसगढ़ हत्याकांड पर एक बड़ा सवाल?

तीन साल तक चली सुनवाई के बाद अदालत का यह फैसला न केवल न्यायिक प्रक्रिया की जीत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समाज में अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है। छत्तीसगढ़ की कानून-व्यवस्था ने इस मामले में न्याय दिलाने के साथ-साथ यह साबित कर दिया कि राज्य प्रशासन किसी भी बड़े से बड़े मामले में अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा।

अब जबकि दोषियों को सजा मिल चुकी है, यह सवाल उठता है कि क्या इस फैसले से समाज में और अधिक जागरूकता आएगी और क्या इस तरह के जघन्य अपराधों को रोका जा सकेगा? समय ही बताएगा, लेकिन इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिलना तय हो गया है।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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