



Turturia Dham Mela: अव्यवस्थाओं के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। जानिए मेले के दौरान सुरक्षा, सुविधाओं और अन्य समस्याओं के बारे में विस्तार से। प्रशासन की लापरवाही और समाधान की आवश्यकता।
तुरतुरिया धाम मेला: बलौदा बाजार जिले में स्थित तुरतुरिया धाम, जो मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय पौष पूर्णिमा मेले के लिए प्रसिद्ध है, इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना लेकर आने वाले भक्तों के बीच मां काली के “संतान दात्री” स्वरूप की पूजा का महत्व बहुत अधिक है। लेकिन (Turturia Dham Mela) मेले के आयोजन के बावजूद, प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों की कमी और अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं।
तुरतुरिया धाम मेला: कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों की अनदेखी
मेले के सफल आयोजन के लिए कलेक्टर दीपक सोनी ने कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनमें मेले की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, सफाई व्यवस्था, जनसुविधाओं की उपलब्धता, और कंट्रोल रूम की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण आदेश शामिल थे। इसके अलावा, कलेक्टर ने इस क्षेत्र में स्थित बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर को सक्रिय करने का भी निर्देश दिया था, ताकि नेटवर्क की समस्या से बचा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने खतरनाक खाईयों को बैरिकेट करने के लिए वन विभाग को निर्देशित किया था। लेकिन अफसोस की बात यह है कि इन निर्देशों का पालन अब तक पूरी तरह से नहीं हो पाया है, जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
तुरतुरिया धाम मेला: मोबाइल नेटवर्क की समस्याएं
तुरतुरिया धाम (Turturia Dham Mela) में मोबाइल नेटवर्क की स्थिति बेहद खराब है, जिससे श्रद्धालु बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। मेले के दौरान बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं, लेकिन नेटवर्क की कमी के कारण वे संपर्क साधने में असमर्थ हो रहे हैं। बीएसएनएल के मोबाइल टॉवर को सक्रिय करने के आदेश के बावजूद, नेटवर्क की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस कारण लोग बार-बार नेटवर्क से कट जाते हैं, जिससे उनकी असुविधा बढ़ रही है। यह प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, क्योंकि कलेक्टर के निर्देश के बावजूद इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
तुरतुरिया धाम मेला: सुरक्षा व्यवस्था में खामियां और मारपीट की घटनाएं
मेले में सुरक्षा व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है। कलेक्टर ने शांति बनाए रखने के लिए पुलिस को सतर्क रहने की सलाह दी थी, लेकिन इस आदेश के बावजूद मेले में सुरक्षा से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में, (Turturia Dham Mela) दतान और खैरा से आए श्रद्धालुओं के बीच मारपीट की घटना हुई, जिसके बाद स्थिति को संभालने में पुलिस को दिक्कतें आईं। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक छोटी घटना थी और कोई बड़ी परेशानी नहीं हुई, लेकिन एक छेड़छाड़ का मामला जरूर सामने आया, जिसे वन विभाग के कर्मचारियों ने हल किया। इससे सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा होता है।
तुरतुरिया धाम मेला: सड़क और शौचालयों की अव्यवस्था
(Turturia Dham Mela) मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को एक और बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, और वह है सड़क की खराब हालत। तुरतुरिया धाम तक पहुंचने वाली मुख्य सड़कें ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी हुई हैं। कई स्थानों पर जलभराव होने के कारण श्रद्धालुओं को धूल और कीचड़ का सामना करना पड़ रहा है। इस जर्जर सड़क की मरम्मत नहीं की गई है, जिससे यात्रा करना और भी कठिन हो गया है।
इसके अलावा, शौचालयों की भारी कमी भी एक महत्वपूर्ण समस्या बन गई है। बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं, लेकिन शौचालयों की अपर्याप्त संख्या के कारण श्रद्धालु खुले में शौच करने को मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल असुविधाजनक है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी जोखिमपूर्ण है। प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई और असुविधा न हो।
तुरतुरिया धाम मेला: प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व
तुरतुरिया धाम (Turturia Dham Mela) का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि प्राकृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यधिक है। यह स्थान राम वन गमन पथ का एक हिस्सा है और महर्षि वाल्मीकि के आश्रम के पास स्थित है, जहां उन्होंने तपस्या की थी। इसके अलावा, बालमदेही नदी का संगम और बारनवापारा अभ्यारण्य का निकट होना इसे एक अद्वितीय स्थल बनाता है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता और शांतिपूर्ण वातावरण को श्रद्धालु और पर्यटक समान रूप से सराहते हैं।
तुरतुरिया धाम मेला: बारनवापारा अभ्यारण्य का महत्व
तुरतुरिया धाम के पास स्थित बारनवापारा अभ्यारण्य न केवल धार्मिक, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह अभ्यारण्य तेंदुआ, चीतल, जंगली भालू, नीलगाय और विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, बल्कि प्राकृतिक प्रेमियों के लिए भी एक आदर्श स्थल है।
प्रशासन को शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता
तुरतुरिया धाम मेला (Turturia Dham Mela), जो हर साल एक धार्मिक उत्सव के रूप में आयोजित होता है, इस बार श्रद्धालुओं के लिए कई कठिनाइयों का कारण बन रहा है। प्रशासन को जल्द ही कदम उठाकर सड़क सुधार, मोबाइल नेटवर्क की स्थिति में सुधार, शौचालयों की संख्या बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। अगर ये समस्याएं समय रहते हल नहीं होतीं, तो भविष्य में श्रद्धालुओं को और भी बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
तुरतुरिया धाम मेला (Turturia Dham Mela): इस मेले का उद्देश्य धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है, लेकिन अगर प्रशासन इन बुनियादी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखेगा, तो इसका असर श्रद्धालुओं के अनुभव पर पड़ेगा, जो इस धार्मिक स्थल की साख को भी प्रभावित कर सकता है।
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