“हेल्लो डिप्टी सीएम साहब, मैं डॉ. सनम जांगड़े बोल रहा हूं…” बीजेपी जिलाध्यक्ष का दबाव, तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा की शराब पीने की रिपोर्ट आई सामने
छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार जिले के पलारी थाने के बाहर शराब पार्टी के विवाद में बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े के दखल के बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई। जांच में यह भी सामने आया कि नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा शराब पीने के दोषी पाए गए थे, और उनकी मेडिकल रिपोर्ट (एमएलसी) भी पॉजिटिव आई है। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन और राजनीति के बीच नई हलचल पैदा कर दी है।
टीआई और दो पुलिसकर्मियों के सस्पेंशन ऑडर हुआ वापिस
पुलिस सूत्र बताते हैं कि पलारी के बवाल मामले में जो तीन पुलिसकर्मी यानी कि एक थाना प्रभारी (टीआई) और दो आरक्षक को सस्पेंड कर दिया गया था अब वह उनका सस्पेंशन वापस हो गया है। राजेश श्रीवास्तव जांच अधिकारी हैं जांच में सही पाने और एमएलसी रिपोर्ट में यशवर्धन वर्मा शराब पीना बताया गया।
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पुलिस सूत्र यह भी बताता है कि जिनके खिलाफ दारु पीने का आरोप था नगर पंचायत पलारी के अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा उनका एमएलसी कराया गया है जिसमें वह शराब पीना पाया गया इस रिपोर्ट के आधार पर जो निलंबित हुए तीन पुलिस कर्मी थे उनका सस्पेंशन ऑर्डर कैंसिल हो गया है अब देखने वाली बात यह होगी की जो देर रात थाने परिसर के अंदर मुंसी के कमरे में तोड़फोड़ और थाने भवन के अंदर धमकी देने वाले भाजपा के नेताओं पर पुलिस कैसे कार्रवाई करती है या फिर भाजपा नेताओं या कही डबल इंजन की सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर पुलिस को और मीडिया को धमकाते ही रहेगी।
“हेल्लो डिप्टी सीएम साहब, मैं डॉ. सनम जांगड़े बोल रहा हूं…” – बीजेपी जिलाध्यक्ष का दबाव, तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
फोन पर डॉ. सनम जांगड़े ने कहा, “हेल्लो डिप्टी सीएम साहब, मैं डॉ. सनम जांगड़े बोल रहा हूं… यह मामला बढ़ता जा रहा है, और पुलिसकर्मियों ने गलत तरीके से इस मामले को दबाने की कोशिश की है। यशवर्धन वर्मा उर्फ मोनू वर्मा हमारे भाजपा नेता के साथ पलारी नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं. वह काफी प्रतिष्ठित आदमी है. पुलिसवाले उनसे उलझे और उनसे बिना कारण मारपीट किए. कृपया तुरंत कार्रवाई करें।” जांगड़े के दबाव के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू कर दी।
बीजेपी जिलाध्यक्ष मीडिया में दिया था ये बयान
घटना के दिन बलौदाबाजार बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े मीडिया को दिए बयान में कहा था कि देखो यशवर्धन वर्मा उर्फ मोनू वर्मा हमारे नगर पंचायत पलारी के अध्यक्ष हैं उनके दादा और दादी भी अध्यक्ष रहे हैं। बहुत प्रतिष्ठित परिवार से है, शराब कभी पिता नही हैं। पुलिस वाले जबरदस्ती जाकर उनसे उलझे और मारपीट किये, इस घटना की जानकारी प्राप्त हुआ तो मैं तत्काल जाकर जानकारी लिया पुलिस प्रशासन गलत किया मैन अवगत कराया तव जाकर पुलिस प्रशासन संज्ञान में लेते तुरंत कार्यवाही कर निलंबित किया। सिविल ड्रेश में गया था, मार पीट करने का अधिकार नही हैं, बिना वजह से मारपीट किया इसीलिए थाना प्रभारी और दो आरक्षक को सस्पेंड किया। मैं इस कार्यवाही से संतुष्ट हूं।
घटना का पूरा विवरण
पलारी पुलिस थाने के सामने कुछ लोग खुलेआम शराब पी रहे थे, जिसमें स्थानीय बीजेपी नेता और नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा भी शामिल थे। मामला शांत कराने गए पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया और बाद में भाजपा जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े अपने सैकड़ो कार्यकर्तों की भीड़ पलारी थाना ले आये उस दौरान पुलिसकर्मियों और भाजपा समथकों के बीच 2 घंटे थाने में हंगामा मचाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, वीडियो में यह साफ देखा जा रहा था कि थाने के अंदर ही भाजपा नेता ने कहा, “मेरे जैसा गुंडा कोई नहीं, तुम लोग क्या कर सकते हो?” पूरा थाना साफ कर दूंगा। उनकी इस दादागिरी से थाने में मौजूद पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए। इस दौरान इस मामले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े का भी नाम सामने आ रहा है, जिन्होंने मामले को लेकर डिप्टी सीएम को फोन कर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करवाने की कोशिश की। सत्ता का दुरुयोग करते हुए निर्दोष पुलिसकर्मियों को सस्पेंस होना पड़ा जबकि जांच शुरू हुई ही नही थी। फिर सोचिए पुलिस को अपना काम करने का इनाम ये मिला “तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित” कर दिया है।
- तीनों पुलिसकर्मियों को सही पाया गया – इसका मतलब हो सकता है कि किसी जांच के दौरान तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई आरोप था, लेकिन जांच में उन्हें दोषी नहीं पाया गया।
- भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े द्वारा डिप्टी सीएम को गलत जानकारी देना – इससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने जानबूझकर या गलत तरीके से डिप्टी मुख्यमंत्री को गलत सूचना दी है, जो राजनीतिक हलचलों का कारण बन सकता है।
- भा.ज.पा. नेता द्वारा सत्ता का दुरुपयोग – यह आरोप राजनीतिक नेताओं पर लगे हैं कि वे अपनी सत्ता या प्रभाव का इस्तेमाल गलत तरीके से कर रहे हैं। ऐसे आरोप अक्सर सत्ता संघर्ष, भ्रष्टाचार, या सरकारी संसाधनों के गलत इस्तेमाल के आरोपों से जुड़े होते हैं।
जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े ने डिप्टी मुख्यमंत्री को दी गलत जानकारी
बता दी तीन दिनों के अंदर तीन पुलिसकर्मियों को जांच में सही पाया गया है, और उल्टा भाजपा नेता व नगर पंचायत अध्यक्ष यशवर्धन वर्मा का एमएलसी रिपोर्ट आया जिसमे शराब पीना पाया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े ने डिप्टी मुख्यमंत्री को गलत जानकारी दी है। “शराब कभी पिता नही हैं। पुलिस वाले जबरदस्ती जाकर उनसे उलझे और मारपीट किये, कृपया तुरंत कार्रवाई करें।” रिपोर्ट आने के बाद जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े के मुंह मे तमाचा पड़ा हैं। हमने पहले ही कहा था कि एक नेता को हमेशा जनता के प्रति संवेदनशील और उनके मुद्दों के प्रति सच्चा होना चाहिए, ताकि वह विश्वास और सहयोग हासिल कर सके।