अंबुजा अदानी सीमेंट संयंत्र के विस्तार से किसानों की फसलें हो रही हैं बर्बाद, आवारा पशुओं से त्रस्त हैं किसान, स्थानीय किसानों ने संयंत्र के एच आर एम हेड से मिलकर मुआवजे मांग की हैं, लेकिन इतने दिनों बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, आइए जानते हैं पूरी कहानी….
बालगोविंद मार्कण्डेय/रायपुर/बलौदाबाजार: बलौदाबाजार जिले के स्थानीय अंबुजा अदानी सीमेंट संयंत्र अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है पहले युवा बेरोजगार, मजदूर,स्थानीय लोग अब किसान भी इनके हरकतों से त्रस्त नज़र आ रहे हैं। संयंत्र अपने विस्तार परियोजना प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीसरा संयंत्र व चौथ सीमेंट संयंत्र के निर्माण में लगा हुआ है। जिसके अंतर्गत अपने चूना पत्थर खदान का विस्तार कर रहा है। संयंत्र अपने आसपास के खेतिहार जमीन को किसानों से खरीद कर खदान बना रहा है। संयंत्र ग्राम पिपराही, मोपर, करमनडी, देवरानी आदि दर्जनों गांव के लगभग 1500 से 2000 एकड़ खेतिहार जमीन को खरीद कर बेगैर बाउंड्री वॉल किए ही खुला छोड़कर विगत 10 से 15 वषों से रखा हुआ है। जिसके कारण इसके आसपास से लगे हुए खेतों को खदान क्षेत्र में घूमने वाले आवारा पशु चैट कर रहे हैं। संयंत्र द्वारा खरीदे गये खेतिहर जमीन में न हीं खुदाई की गई है और न किसी प्रकार का सुरक्षा घेरा किया गया है जमीन समतल होने के कारण व खेतों के मेड समतल होने के कारण आवारा पशु घांस के लालच में चलते हुए आसपास के फसलों वाले खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। संयंत्र के खदान क्षेत्र के आसपास लगभग दो से ढाई सौ एकड़ खेतिहर जमीन अभी भी किसानों के पास बाकी है जिसमें आसपास के किसान किसानी करते हैं।
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“अंबुजा अडानी सीमेंट संयंत्र” के विस्तार से प्रभावित किसान
Ambuja Adani Cement News: आसपास के किसानों ने बताया कि आवारा पशुओं के द्वारा लाखों रुपए की फसल को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। विगत कई वर्षों से आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिसकी शिकायत संयंत्र के संबंधित अधिकारी एच आर एम हेड से प्रतिवर्ष किसानों द्वारा किया गया है परंतु प्रतिवर्ष संयंत्र के अधिकारी टालते आ रहे हैं। जिससे समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है। किसान अपने आप में संयंत्र को जमीन बेचकर ठगा महसूस कर रहे हैं। आवारा पशुओं के कारण किसने की जीना दुभर हो गया है। आवारा पशु देर रात खेतों में पहुंचकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान! संयंत्र पर प्रताड़ना का आरोप – अंबुजा फाउंडेशन की दोगली नीति पर सवाल
Ambuja Adani Cement News: किसानों ने बताया कि आवारा पशुओं के कारण लागत वसूल कर पाना भी मुश्किल हो गया है। किसान प्रतिवर्ष संयंत्र के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत भी करा चुके हैं परंतु समस्या का समाधान करने के बजाय सिर्फ आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जा रहा है।
Ambuja Adani Cement News: प्रभावित किसानों ने संयंत्र के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि संयंत्र किसानों को प्रताड़ित करने में लगी हुई है जिससे किसान प्रताड़ित होकर मजबूरन अपनी बची हई फसलीय जमीन को संयंत्र के पास बेच दे। एक ओर अंबुजा फाउंडेशन किसानों के हित व उन्नत फसल उगाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने का ढिंढोरा पीटती है तो वही दूसरी ओर किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा कर किसानों को शारीरिक मानसिक आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने में लगी हुई है।
संयंत्र के द्वारा संयंत्र लगने के पूर्व होने वाले जनसुनवाई में किसानों का हितेषी बनकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व स्थानीय लोगों को जनसुनवाई को सफल बनाने के लिए अपील करती है तथा शासकीय अधिकारियों के सामने किसान हितैषी होने का दिखावा करती है परंतु जैसे ही संयंत्र निर्माण होना प्रारंभ होता है वैसे वैसे संयंत्र का दोहरा चाल चरित्र सामने आने लगता है। किसानों के हितेषी होने के सारे वादे असल में खोखले साबित होने लगते हैं। संयंत्र का धीरे-धीरे असली चेहरा सामने आने लगता है स्थानीय लोगों को पछतावे के शिवाय कुछ हासिल नहीं होता है।
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किसानों की फसल नुकसान पर संयंत्र और अंबुजा अदानी फाउंडेशन की अनदेखी, अधिकारियों के आश्वासन के बावजूद समस्या का समाधान नहीं
Ambuja Adani Cement News: फसल नुकसान के समस्या को लेकर प्रभावित किसान संयंत्र के एच आर एम हेड व अंबुजा फाउंडेशन के अधिकारियों को कुछ दिन पूर्व ही अवगत कराया था। साथ ही नुकसान हुए फसलों की मुआवजे की मांग किया है।
ग्राम करमनडी,देवरानी, पीपराही,मोटर के ग्रामीण संजय वर्मा, लक्ष्मी चंद वर्मा, आबिद खान, रियाज खान, अशोक ध्रुव, रंगलाल ध्रुव, आरिफ खान, राजेंद्र वर्मा, दौलत साहू, आदि आनेको किसानों ने कहा कि संयंत्र के एच आर एम के अधिकारी विक्रम जीत सिंह से मुलाकात किया गया है अधिकारी द्वारा जल्द से जल्द समस्या का निवारण व संबंधित अधिकारी को अवगत कराने का आश्वासन दिया गया था। परंतु शिकायत के चार दिन बीत जाने के बाद भी समस्या का निवारण नहीं किया गया है न हीं किसानों से फसल के नुकसान के संबंध में कोई बातचीत नहीं किया गया है।
इस संबंध में संयंत्र के एच आर एम हेड विक्रमजीत सिंह ने कहा कि साहब अभी छुट्टी में गए हुए हैं आते हैं तो बात करेंगे।