स्मार्ट खेती से पर्यावरण को कितना फायदा? अंबुजा विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने ‘स्मार्ट खेती’ मॉडल से कृषि क्षेत्र में नई दिशा दिखायी, मंत्रीगणों ने की सराहना

बलौदाबाजार अंबुजा विद्यापीठ के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने किया कमाल
बलौदाबाजार अंबुजा विद्यापीठ के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने किया कमाल

स्मार्ट खेती से पर्यावरण को कितना फायदा?

रायपुर/बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले स्थित अंबुजा विद्यापीठ के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने अपनी अभिनव सोच और प्रयासों से स्मार्ट खेती के क्षेत्र में एक नई दिशा दिखायी है। इन छात्रों ने नवीनतम कृषि तकनीकों का उपयोग करते हुए स्मार्ट खेती के तरीकों पर एक परियोजना प्रस्तुत की, जिसे मंत्रीगणों और अन्य अधिकारियों ने सराहा।

स्मार्ट खेती से पर्यावरण को कितना फायदा?

विज्ञान संकाय अंबुजा विद्यापीठ, रवान के विद्यार्थियों कु आस्था मिश्रा, अर्णव जायसवाल व अक्षद साहू ने राज्योत्सव में “स्मार्ट खेती” नाम से माडल प्रस्तुत किया। यह मॉडल मिट्टी की नमी की गणना करने के साथ फसलों को कितने पानी की आवश्यकता है इसका निर्धारण करता है। जिससे किसानों के धन एवं समय की बचत होती है ।जिससे फसलों को उनकी आवश्यकतानुसार पानी मिलता है तथा पौधे भी जल की अधिकता से नष्ट नहीं होंते है। इस तकनीक का ऊपयोग करने से किसानों को फायदा होगा। राज्योत्सव में पधारे हुए मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विशिष्ट अतिथि टंकराम वर्मा सहित जनप्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों के इस मॉडल की प्रशंसा की और कहा कि निश्चित ही किसानों के लिए यह ऊपयोगी सिद्ध होगा।

अंबुजा विद्यापीठ के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने किया कमाल

अंबुजा विद्यापीठ के विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों ने पर्यावरण के अनुकूल और संसाधन बचाने वाले कृषि तरीकों पर आधारित एक मॉडल तैयार किया। इस परियोजना में उन्होंने ड्रिप इरिगेशन, सोलर पंपिंग, और स्मार्ट सेंसिंग तकनीकों का उपयोग किया, जो जल संरक्षण और उत्पादन वृद्धि में सहायक साबित हो सकते हैं।

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विधार्थियो ने बताया कि उनके स्कूल के आसपास काफी खेती है जिसे वह देखते थे तथा अनेकों बार अत्यधिक पानी से फसल खराब हो जाता था जिसको लेकर उनके मन में विचार आया और उन्होंने अपनी बात सर को बताई जिसके बाद यह मॉडल भौतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं विद्यालय के कोऑर्डिनेटर पद्माकर मिश्रा सर के दिशा निर्देशन में बनाया गया। -आस्था मिश्रा, छात्रा

स्मार्ट खेती पर्यावरण को भी फायदा?

छात्रों की इस परियोजना ने सभी को कृषि में नवीनतम तकनीकों के उपयोग की अहमियत समझाई और यह दिखाया कि स्मार्ट खेती न केवल किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी फायदा हो सकता है।

कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस परियोजना की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की अभिनव सोच और प्रयोगों से कृषि क्षेत्र में सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने अंबुजा विद्यापीठ के विद्यार्थियों के प्रयासों को प्रेरणादायक बताते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों को अन्य स्कूलों और संस्थाओं में भी फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। -श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री

यह कदम न केवल कृषि के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विद्यार्थियों को वैज्ञानिक सोच और प्रौद्योगिकी के उपयोग में भी प्रोत्साहित करता है।

विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार पाण्डेय ने बच्चों एवं विज्ञान शिक्षक की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में इस तरह के नए-नए अनुसंधान करने के लिए अभिप्रेरित किया तथा उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

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