स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर अनोखा रैली, “स्वच्छता ही सेवा” का दिया संदेश
अरुण कुमार पुरेना/बेमेतरा: महात्मा गांधी के जन्म दिवस 02 अक्टूबर 2024 स्वच्छ भारत दिवस के अवसर पर दिनांक 14.09.2024 से 01.10.2024 तक “स्वच्छता ही सेवा-2024” कार्यकम के अंतर्गत माननीय बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा की अध्यक्षता में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी कन्या माध्यमिक विद्यालय बेमेतरा, जिला-बेमेतरा के छात्राओं के द्वारा आज दिनांक 28.09.2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बेमेतरा कार्यालय से जयस्तंभ चौक होते हुए विद्यालय तक रैली निकाली गई। माननीय महोदय द्वारा रैली को झण्डी दिखाकर शुभांरभ किया गया। छात्राओं के द्वारा रैली के माध्यम से “मन में रखो एक ही सपना, स्वच्छ बनाना है भारत अपना” 02 अक्टूबर का दिवस हमारा, स्वच्छता अभियान का नारा हमारा” के स्लोगन के साथ गांव-समाज को स्वच्छ रखने का संदेश दिया। माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा भी इस अवसर पर स्वच्छता के महत्व को बताते हुए कहां गया की सफाई से हमें खुद को, घर को और अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाना है साथ ही स्वच्छता से पूरे विश्व में अपनी पहचान बनानी है। अध्यक्ष महोदय द्वारा बच्चों को कहां गया की अच्छे जीवन का मूल मंत्र यही है कि आप अपने आस-पास की सफाई के साथ-साथ अपने अंतः मन की बुराई को भी साफ करें अर्थात किसी के प्रति द्वेष, वैमनस्य और बुरी भावना नही रखें। माननीय अध्यक्ष महोदय व न्यायाधीशगण द्वारा इस अवसर पर प्राधिकरण कार्यालय में पौधा रोपण कर पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने एवं अपने-अपने जन्म दिवस के अवसर पर एक पेड़ अवश्य लगाने का भी संदेश दिया। उक्त रैली में समस्त न्यायाधीशगण, प्राधिकरण के कर्मचारी/पैरालीगल वालिंटियर्स /एलएडीसीएस अधिवक्तागण, छात्राऐं व शिक्षकगण उपस्थित रहें।
क्या है स्वच्छता ही सेवा?
देश वर्तमान में स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2023 अभियान के साथ स्वच्छता का पखवाड़ा मना रहा है, जिसकी थीम ‘कचरा मुक्त भारत’ है। सामूहिक रूप से एकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हुए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता के आह्वान से प्रेरित होकर, पिछले 14 दिनों में 32 करोड़ से अधिक लोगों ने राष्ट्रव्यापी अभियान में भाग लिया। इस अभियान में देश में प्रति दिन औसतन लगभग 2.3 करोड़ लोगों ने भागीदारी की। यह ‘जन आंदोलन’ राष्ट्र के लिए व्यापक परिणाम प्राप्त कर रहा है, जिसमें भारत के 75 प्रतिशत गांवों को ओडीएफ प्लस के रूप में घोषित करना यानी ठोस या तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था करने के साथ-साथ गांवों को खुले में शौच से मुक्त की स्थिति बनाए रखना शामिल है। यह स्वच्छता और साफ-सफाई के प्रति समुदायों एवं सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता पर भी जोर देता है।