हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: जांजगीर जिला मुख्यालय में नहर किनारे हनुमान जी नहरिया बाबा के रूप में विराजे है, सबकी करते है मुरादे पूरी… Special on Hanuman Jayanti

हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: जांजगीर जिला मुख्यालय में नहर किनारे हनुमान जी नहरिया बाबा के रूप में विराजे है, सबकी करते है मुरादे पूरी... Special on Hanuman Jayanti
हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: जांजगीर जिला मुख्यालय में नहर किनारे हनुमान जी नहरिया बाबा के रूप में विराजे है, सबकी करते है मुरादे पूरी... Special on Hanuman Jayanti

हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष: जांजगीर जिला मुख्यालय में नहर किनारे हनुमान जी नहरिया बाबा के रूप में विराजे है, सबकी करते है मुरादे पूरी…

लखेश्वर यादव/ जांजगीर चांपा: पूरे देश के श्री हनुमान मंदिरों में हनुमान जन्मोत्सव के दिन पूजा के लिए भक्तो को जनसैलाब उमड़ता है. वही जांजगीर शहर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए भीड़ रहती है. वही आज हमको जांजगीर के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर बारे में बता रहे है. जिसे नहरिया बाबा नाम से जाना जाता है.

50 हजार से अधिक भक्त  टेकते हैं मत्था

Special on Hanuman Jayanti: जांजगीर नैला जिला मुख्यालय में नहरिया बाबा (हनुमान जी) मंदिर जहां पूरे वर्ष श्रद्धालु दर्शन करने आते है. यहां प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को यहां हनुमान चालीसा का पाठ होता है. साथ ही प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं. वही हनुमान जन्मोत्सव (हनुमान जयंती) 23 अप्रैल को है जिसकी तैयारी मंदिर में की जा रही है. नहरिया बाबा मंदिर में हनुमान जयंती के दिन 50 हजार से अधिक संख्या में भक्त मत्था टेकते है. नहरिया बाबा जी का दर्शन करते है. हनुमान जयंती के अवसर पर मानस महायज्ञ और संत सम्मेलन का आयोजन किया जाता है.

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सवामढ़ी प्रसाद खाने उड़ीसा झारखंड महाराष्ट्र से भी दर्शन करने यहां आते है

Special on Hanuman Jayanti: नहरिया बाबा मंदिर के पंडित मन्नुलाला शुक्ला ने बताया की हनुमान जयंती के दिन सुबह से लेकर रात भक्तो की भीड़ रहते है. मंदिर परिसर में मंदिर समिति द्वारा यहां भंडारे का आयोजन किया जाता है. सवामढ़ी प्रसाद बांटा जाता है. जिसमें बड़ी संख्या में भक्त प्रसाद ग्रहण किया करते है. दिनभर मंदिर में भजन-कीर्तन का दौर चलता रहता है. जांजगीर चांपा जिले से श्रद्धालु दर्शन करने आते ही है इसके साथ ही अन्य जिलों और पड़ोसी राज्यों से उड़ीसा झारखंड महाराष्ट्र से भी दर्शन करने यहां आते है.

नहर किनारे होने के कारण पड़ा नहरिया बाबा नाम…

पंडित जी ने मन्दिर की स्थापना के संबंध में बताया कि 1984 में जांजगीर नैला में नहर निर्माण का काम चल रहा था. सिंचाई विभाग के शंकर लाल यादव वहां विभाग में चौकीदार थे. उन्हें रात में स्वप्न आया कि रेल लाइन के किनारे हनुमान जी विराजमान हैं. नहर की खुदाई के समय हनुमान जी की प्रतिमा निकली है. तबसे उन्होंने यहां पीपल पेड़ के नीचे प्रतिमा रखकर पूजा अर्चना शुरू की. फिर धीरे-धीरे लोगों की आस्था इस पर बढ़ती गई. दूर दराज से भी लोग दर्शन के लिए आने लगे आज यहां बड़ी सी मंदिर बन गया है. नहर किनारे प्रतिमा की स्थापना होने के कारण इनका नाम नहरिया बाबा पड़ा है. यहां हनुमान जी नहरिया बाबा के रूप में विराजते है. –Special on Hanuman Jayanti

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नहरिया बाबा की महिमा

पंडित जी ने बताया की जब रेलवे की तीसरी लाइन के विस्तार के लिए रेलवे के अधिकारी ने मंदिर को वहां से हटाने का निर्देश दिया. और जब अधिकारी वहा हटाने आए तो उनका तबियत खराब हो गया और उनको लौटना पड़ा. तब से हनुमान जी का बड़ा मंदिर रेल लाइन से थोड़ी दूरी पर बनाया गया. लेकिन और मुख्य नहरिया बाबा जी का मुख्य और छोटी मंदिर रेलवे ट्रैक से लगा हुआ है. पुरानी प्रतिमा यथावत रेल लाइन किनारे ही है. और बताया नहरिया बाबा की महिमा इतनी है कि मंदिर रेलवे लाइन के पास होने के बावजूद आजतक किसी भी व्यक्ति को दुर्घटना से कोई नुकसान नहीं हुआ है. –Special on Hanuman Jayanti

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