Cg Talk Logo
Search
Close this search box.

कसडोल विधानसभा सीट की चुनावी गणित,, टूरिस्ट प्लेस भी कहा जाता हैं

Img 20230906 152727

छत्तीसगढ़ राज्य के कसडोल विधानसभा है. इस राज्य में इस साल भी विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव की तैयारियां हर दल कर रहा है. अब आम आदमी पार्टी भी चुनाव मैदान में उतार चुका हैं , ईटीवी भारत आपको विधानसभा चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां दे रहा है.जिसमें हम विधानसभा सीटों से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी जानने की कोशिश करेंगे. आज हम जानेंगे कसडोल विधानसभा की राजनीतिक समीकरण के बारे में पढ़िये पूरी खबर…..

 

कसडोल विधानसभा बलौदाबाजार जिले का 1 हिस्सा हैं जिसमे कसडोल विधानसभा को वन क्षेत्र और पर्यटन स्थलों के नाम से जाना जाता हैं यहाँ भगवान श्रीराम अपने 14 साल के वनवास में इसी रास्ते से होकर गए थे साथ साथ ही लव ओर कुश का भी जन्म यहाँ हुआ था आजादी के 75 बरस बाद भी लोग बिजली-पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

 

कसडोल में किसानी, सड़क ,शिक्षा और स्वास्थ चिकित्सा का हाल बेहाल:
बलौदाबाजार जिले में वर्तमान में बलौदाबाजार, भाटापारा और कसडोल विधानसभा हैं संस्याओ की बात करे तो यहाँ अब तक इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, सर्व सुविधा युक्त ITI नही होने के वजह से बाहर जाकर पड़ते हैं शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है सबसे ज्यादा शिक्षक की कमी देखी जाती हैं, कलेक्ट्रेड में हज़ारो की संख्या में शिक्षकों की मांग को लेकर आवेदन पड़ी हुई हैं साथ ही कसडोल विधानसभा में बहुत सारे पर्यटन स्थल हैं लेकिन वहां तक जाने का रास्ता पूरा खराब है सबसे ज्यादा यह अवैध रेत परिवहन होता हैं ओवरलोड ट्रकों की वहज से गांव से शहर को जोड़ने वाली अधिकांश सड़के जर्जर हो चुकी हैं आजादी के 75 बरस बाद भी लोग बिजली-पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

 

छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता हैं लेकिन किसानों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है आज जल स्तर 700-800 फिट नीचे चले गए, पर्यावरण प्रदूषण और पानी की कमी के वजह से साथ ही सिचाई संसाधनों की भी यहाँ कमी हैं सड़के भी जर्जर हो चुकी इस्तिति बेहद खराब हैं जिसका जिम्मेदार एक तो रेत का अवैध उत्खनन कर रेत माफिया रेत चोरी कर निकलने के लिए महानदी की पानी को रोक देते हैं जिसके कारण किसान के खेतों तक पानी नही पहुच पाती साथी ही रेत माफिया रेत चोरी कर ओव्हर लोड गाड़ियों की वजह से सड़कों का हाल बेहाल खराब सबसे ज्यादा सड़क हादसे भी यही से ज्यादा आती हैं

 

कसडोल विधानसभा में मतदाताओं की संख्या:
कसडोल विधानसभा में लगभग 3 लाख 44 हज़ार 4 सौ 44 मतदाता हैं जिसमे लगभग 1 लाख 74 हज़ार 310 पुरूष मतदाता हैं और लगभग 1 लाख 70 हज़ार 134 महिला मतदाता हैं प्रभु श्रीराम के पुत्र लव-कुश का जन्म स्थल हैं जिसके नाम से कसडोल को लव-कुश की नगरी कहा जाता हैं, कसडोल विधानसभा की जाती करण की बात करे तो सतनामी समाज सबसे ज्यादा है 70 हज़ार से ज्यादा सतनामी समाज और उसके बाद तेली और कुर्मी हैं ,वही वर्गो की बात करे तो सबसे ज्यादा OBC है कसडोल विधानसभा में लगभग 45% OBC , SC- 30%, ST-15% और 10% अन्य हैं

 

2003 विधानसभा चुनाव
सत्यनारायण शर्मा , कांग्रेस, कुल वोट मिले 27,009
शोभाराम यादव , बीजेपी, कुल वोट मिले 25,182

2008 विधानसभा चुनाव
डॉ. शिव कुमार डहरिया, कांग्रेस, कुल वोट मिले 55,863
डॉ. सनम जांगड़े, बीजेपी, कुल वोट मिले 42,241

2013 विधानसभा चुनाव

गौरीशंकर अग्रवाल, बीजेपी, कुल वोट मिले 93,629
राज कमल सिंघानिया, कांग्रेस, कुल वोट मिले 70,701

 

कांग्रेस ने 2018 में विधानसभा चुनाव बीजेपी की करायी हार : 2018 में कसडोल विधानसभा सीट पर करीब 97 फीसदी मतदान हुआ. इसमें कांग्रेस को 49 फीसदी वोट, बीजेपी को 30 फीसदी वोट. इस सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार शकुन्तला साहू ने पहली बार जीत दर्ज की. कांग्रेस को इस सीट से 1,21,422 वोट मिले. वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक प्रत्याशी गौरीशंकर अग्रवाल 73,004 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस प्रत्याशी शकुन्तला साहू ने बीजेपी के पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल को 48,418 वोटों से हारया था. हालांकि सरकार भी कांग्रेस की बनी जिसके चलते विधायक शकुंतला साहू को संसदीय सचिव का भी दर्जा मिला! कसडोल विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी ही आमने-सामने रहती हैं कोई तीसरा पार्टी नही आता!!

 

 

 

Leave a Comment